सुपरस्टार एंडी फ्लावर
आपका -विपुल
सचिन और ब्रायन लारा को छोड़ दें तो मुझे 90 के दशक में जिम्बावे के विकेटकीपर और बाएं हाथ के बल्लेबाज एंडी फ्लावर से ज्यादा कोई और आकर्षित नहीं करता। एंडी फ्लावर के समकालीन एडम गिलक्रिस्ट भी नहीं। कारण ये कि एडम गिलक्रिस्ट जिस सशक्त ऑस्ट्रेलिया टीम से खेलते थे , उसमें टेस्ट में वो नंबर 7 पर आते थे और स्टीव वॉग, मार्क वॉग, रिकी पॉन्टिंग और मैथ्यू हेडेन जैसे दिग्गज उनसे पहले आते थे। इतना दबाव नहीं रहता था गिलक्रिस्ट पर जितना अपनी टीम के लिये नंबर 4 और नंबर 5 पर मुख्य बल्लेबाज के तौर पर आने वाले एंडी फ्लावर पर रहता था।
साथ ही गिलक्रिस्ट अगर ओपनिंग में आते थे तो उनके असफल रहने पर बाकी ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज नीचे के क्रम में बल्लेबाज़ी संभालने को मौजूद रहते थे, जबकि एंडी फ्लावर ने वनडे में चाहे ओपनिंग की हो, चाहे निम्न क्रम में आये हों, जब भी एंडी फ्लावर टीम में होते थे तो जिम्बावे के मुख्य बल्लेबाज वही होते थे।हकीकत ये है कि जिम्बावे क्रिकेट के इतिहास में अभी तक एंडी फ्लावर से बड़ा बल्लेबाज आया ही नहीं। एंडी फ्लावर को इसलिये भी मैं बाकी बहुत सारे बल्लेबाजों से ज्यादा ऊंची श्रेणी में रखता हूं।
कि उन्हें अपने आंकड़े सुधारने को जिम्बावे अफगानिस्तान या बांग्लादेश की गेंदबाजी खेलने को नहीं मिलती थी। उनके रन वसीम अकरम, वकार यूनिस, एलन डोनाल्ड, शौन पोलॉक, ग्लेन मैकग्राथ, शेन वॉर्न,अनिल कुंबले, मुथैया मुरलीधरन, कर्टली एंब्रोस और कोर्टनी वाल्श जैसे क्रिकेट के महानतम गेंदबाजों के खिलाफ आये हैं।
एंडी फ्लावर का पहला इंटरनेशनल मैच मैंने देखा था, शायद हाईलाइट देखी थीं।
ये एकदिवसीय विश्वकप 1992 का श्रीलंका बनाम जिम्बावे का मैच था।
एंडी फ्लावर ओपनिंग में आये थे। पहली गेंद खेली थी।115 बनाये थे और अंत तक नाबाद रहे।
ये एक विश्व रिकॉर्ड था शायद तब। क्योंकि ये एक डेब्यू कर रहे खिलाड़ी का कारनामा था। जिम्बावे ने 312 रन बनाये थे और श्रीलंका 313 रन बना के जीत गई थी, पर एंडी फ्लावर का विश्व क्रिकेट के पटल पर शानदार पदार्पण हो गया था।
इसी 92 विश्वकप में भारत के खिलाफ मैच में वर्षा हुई थी और जिम्बावे को 19 ओवरों में 159 रन बनाकर जीतने का टारगेट मिला था। जिम्बावे हारी ही थी पर एंडी फ्लावर ने ओपनिंग में आकर नाबाद 43 रन बनाये थे।
सचिन मैन ऑफ द मैच थे उसमें।
एंडी फ्लावर तब से ही बड़े खिलाड़ियों की श्रेणी में आ गये थे।
फिर भारतीय टीम 1992 में जिम्बावे के दौरे पर गई थी तो एंडी फ्लावर ने एकदिवसीय में ओपनिंग में उतर के 62 रन बनाए थे और उनके रन आउट होने के पहले तक जिम्बावे मैच में था।239 बनाने थे,181 रनों पर एंडी फ्लावर आउट हुए थे।
भारत के इसी जिम्बावे दौरे पर एंडी फ्लावर ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। मैच ड्रॉ रहा था। विकेटकीपर एंडी फ्लावर ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी की थी और 201 गेंदें खेल के 59 रन बनाये थे जिनमें मात्र 3 चौके थे।
एंडी फ्लावर ने यहीं दर्शा दिया था कि वो एक लाजवाब टेस्ट बल्लेबाज बनेंगे।
एंडी फ्लावर की पहली 10 टेस्ट पारियों के स्कोर थे, 59 ,1* ,81,14,9,115, 62*,63,21,12
मतलब कुल 10 पारियों में 1 शतक और चार अर्धशतक थे।
एंडी फ्लावर का पहला टेस्ट शतक विदेश में आया था, भारत के खिलाफ दिल्ली में।
जहां उन्होंने पहली पारी में 115 और दूसरी पारी में 62 नाबाद रन बनाये थे।
और एंडी फ्लावर के सामने भारत के दो महानतम गेंदबाज कपिल देव और अनिल कुंबले के अलावा मनिंदर सिंह, राजेश चौहान और सचिन तेंदुलकर जैसे गेंदबाज भी थे। तब भी पहली पारी में शतक बनाने के बाद दूसरी पारी में एंडी फ्लावर अर्धशतक बनाने के बाद नाबाद ही रहे। ये क्लास था उनका।
एंडी फ्लावर का दूसरा टेस्ट शतक पाकिस्तान के खिलाफ 156 रनों का बड़ा शतक थ। तीसरा इंग्लैंड के खिलाफ 112।
श्रीलंका के विरुद्ध कोलंबो में तीसरी पारी में नाबाद 105 रन बेहतरीन थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ वेस्टइंडीज में शतक भी बेहद अच्छा था। पर उनकी क्लास को समझने के लिये नवंबर 2000 का जिंबावे का भारत दौरा सही उदाहरण है।
इस सीरीज में दिल्ली का जो पहला भारत जिम्बावे टेस्ट भारत 7 विकेट से जीता, एंडी फ्लावर ने उसमें पहली पारी में 183 नाबाद रन बनाये थे और दूसरी पारी में 70
नागपुर का जो दूसरा टेस्ट था वो एंडी फ्लॉवर ने भारत को जीतने ही नहीं दिया था। पहली पारी में उनके भाई ग्रांट फ्लावर ने शतक बनाया और एंडी फ्लावर ने 55 रनों का अर्धशतक, पर दूसरी पारी में जो एंडी फ्लावर ने नाबाद 232 रन बनाये, उससे बढ़िया पारी आज तक भारतीय पिचों पर किसी विदेशी बल्लेबाज की मैंने नहीं देखी। रिवर्स स्वीप की झड़ी लगा दी थी एंडी फ्लावर ने। जहीर, जोशी, गांगुली सब एकदम भौचक्के रह गये थे।
सितंबर 2001 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध जिंबाबे का एक टेस्ट मैच हुआ था जिसमें एंडी फ्लावर ने पहली पारी में 142 और दूसरी पारी में 199 नाबाद रन बनाए थे।
पोलॉक नतिनी क्लूजनर कालिस एंड कंपनी के खिलाफ।
इतिहास उठा के देख लो, किसी दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज ने शायद ही एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाया हो, वो भी इतने बड़े बड़े शतक।
एंडी फ्लावर की अंतिम 10 टेस्ट पारियों के स्कोर 13,30,67,29,0,92,3,8,3,6 थे।
अंतिम 10 पारियों में भी 2 अर्धशतक थे। अंतिम 5 पारियों में एक अर्धशतक।
एंडी फ्लावर ने कुल 63 टेस्ट मैचों की 112 पारियों में 51.54 के औसत और 45.07 के स्ट्राइक रेट से 4794 रन बनाये हैं। एंडी फ्लावर के नाम 12 टेस्ट शतक हैं,27 टेस्ट अर्धशतक हैं। सर्वश्रेष्ठ 232 नाबाद हैं भारत की धरती पर।
इसके अलावा एंडी फ्लावर ने अपने 63 टेस्ट मैचों में 55 टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग की है।
उन टेस्ट मैचों में जिनमें एंडी फ्लावर ने विकेटकीपिंग की है, उनका बल्लेबाजी औसत 53.70 है। जिन टेस्ट मैचों में एंडी फ्लावर ने विकेट कीपिंग नहीं की है, उनमें उनका बल्लेबाजी औसत 35 ही है। टेस्ट मैचों में एंडी फ्लॉवर ने 151 कैच पकड़े हैं और 9 स्टंप आउट किये हैं।
ऐसा धांसू बल्लेबाज जो विकेटकीपर भी हो एंडी फ्लावर था।
अपने खेले 213 एकदिवसीय मैचों में एंडी फ्लावर ने 35.34 के औसत और 74.59 के स्ट्राइक रेट से 6786 रन बनाये हैं जिनमें 4 शतक हैं और 55 अर्धशतक। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक 99 नाबाद का भी स्कोर है।
सर्वश्रेष्ठ 145 हैं।
एंडी फ्लावर ने अपने कुल 213 एकदिवसीय मैचों में 186 विशेषज्ञ विकेटकीपर के तौर पर खेले हैं जिनमें उनका बल्लेबाजी औसत 34.58 है। और विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खेले कुल 27 एकदिवसीय मैचों में एंडी फ्लावर का औसत 40.91का है।
एंडी फ्लावर ने 213 एकदिवसीय मैचों में कुल 141 कैच पकड़े हैं और 32 स्टंप किये हैं।
अंतिम 10 एकदिवसीय पारियों में एंडी फ्लावर के स्कोर 38,63,37,71,62,22,39,58,8,72 थे।
मतलब अपनी अंतिम 10 एकदिवसीय पारियों में एंडी फ्लावर के 5 अर्धशतक थे।
अंतिम 5 एकदिवसीय पारियों में 3 अर्धशतक थे। बहुत बड़ा खिलाड़ी था एंडी फ्लावर।
अगर एंडी फ्लावर से अन्य बड़े विकेटकीपर बल्लेबाजों की तुलना करें तो एडम गिलक्रिस्ट का 96 टेस्ट में औसत 47.60 है और 287 एकदिवसीय मैचों में औसत 35.89।
टेस्ट में गिलक्रिस्ट के 12 शतक और 26 अर्धशतक हैं। और एकदिवसीय में 16 शतक और 55 अर्धशतक।
महेंद्र सिंह धोनी के 90 टेस्ट मैचों में 38.09 औसत से 4876 रन हैं।6 शतक 33 अर्धशतक।
350 एकदिवसीय मैचों में 50.57 के औसत से 10773 रन हैं।10 शतक,73 अर्धशतक।
कुमार संगकारा को आप बहुत बड़ा टेस्ट बल्लेबाज मानते होंगे पर टेस्ट मैचों में एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर वो एंडी फ्लावर से मीलों पीछे हैं।
संगकारा ने एक विकेटकीपर के तौर पर 48 टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने 40.48 के औसत से 3117 रन बनाये हैं।7 शतक 11 अर्धशतक। हालांकि एकदिवसीय मैचों में कुमार संगकारा का औसत एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर 41 है जो एंडी फ्लावर से अच्छा है। पर बात वही है कि एंडी फ्लावर को जिम्बावे जैसी कमजोर गेंदबाजी नहीं खेलने को मिलती थी।
मार्क बाउचर का एक विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पर टेस्ट औसत 30.30 है और एकदिवसीय बल्लेबाजी औसत 28.57 , तो उनसे एंडी फ्लावर की तुलना का औचित्य ही नहीं।
कुल मिलाकर एकदिवसीय मैचों में तो एडम गिलक्रिस्ट,संगकारा और धोनी एंडी फ्लावर से बीस पड़ते थे।
लेकिन एंडी फ्लावर की एक टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर एडम गिलक्रिस्ट के अलावा किसी और से तुलना करना ही नहीं बनता और यहां भी वो थोड़ी बढ़त बढ़ाए हैं क्योंकि एंडी फ्लावर हमेशा मैकग्राथ और वार्न जैसे खतरनाक गेंदबाजों को खेल के रन बना पाते थे, जबकि गिलक्रिस्ट को जिम्बाबे के गेंदबाज भी खेलने को मिल जाते थे कभी कभी।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में जिम्बावे के एंडी फ्लावर के अलावा कोई भी दूसरा ऐसा खिलाड़ी नहीं हैं जिसने टीम में विशुद्ध विकेटकीपर के तौर पर 50 से अधिक टेस्ट मैच खेलने के बाद भी 50 से ऊपर का बल्लेबाजी औसत कायम रख पाया हो।
एंडी फ्लावर का विकेटकीपर के तौर पर खेले 55 टेस्ट मैचों में 53.70 का बल्लेबाज़ी औसत है।
ब्रैंडन मैकुलम का विकेटकीपर के तौर पर खेले 52 टेस्ट मैचों में 34.18 औसत है। कुमार संगकारा का विकेटकीपर के तौर पर खेले 48 टेस्ट मैचों में 40.58 का बल्लेबाज़ी औसत है। महेंद्र सिंह धोनी का विकेटकीपर के तौर पर खेले 90 टेस्ट मैचों में 38.09 का औसत है। एडम गिलक्रिस्ट का विकेटकीपर के तौर पर खेले 96 टेस्ट मैचों में 47.60 औसत है।एलेक स्टीवर्ट का विकेटकीपर के तौर पर खेले 82 टेस्ट मैचों में 34.92 का औसत है।
एंडी फ्लावर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के इकलौता ऐसा खिलाड़ी है जिसने विकेटकीपर के तौर पर खेलते हुये टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाये हों। एंडी फ्लावर ने 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट मैच की पहली पारी में 142 और दूसरी पारी में 199 नाबाद रन बनाये थे।
एंडी फ्लावर विश्व क्रिकेट का ऐसा इकलौता विकेटकीपर है जिसने अपने पहले ही एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में पारी की पहली और 300वीं गेंद खेली और शतक बना कर नाबाद वापस आया।
1992 एकदिवसीय विश्वकप में अपने पहले ही एकदिवसीय मैच में एंडी फ्लावर ने श्रीलंका के खिलाफ 115 नाबाद रन ओपनिंग में उतर कर बनाये थे।
एंडी फ्लावर का भारत की धरती पर 100 से ज्यादा का बल्लेबाजी औसत है।
एंडी फ्लावर के भारत की धरती पर खेले 5 टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 117.20 के औसत से 820 रन हैं जिनमें 3 शतक और 4 अर्धशतक हैं। भारत की धरती पर किसी भी विदेशी विकेटकीपर का तो छोड़ो, किसी विदेशी बल्लेबाज का भी इससे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन शायद ही हो। एंडी फ्लावर टेस्ट मैचों के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से हैं।
विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पर एंडी फ्लावर की बात करना उनके स्तर से नीचे ही है।
आपका – विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com
Spectacular, bringing back all those old childhood school days. Although Andy flower was the major bloke of the chips. And he is greatest in his own league. But we must never undermine the other players around him. Particularly the all rounders Grant, Heath streak, campbell, guy whittle and i don’t remember the left arm spinner, marelier one guy named Williams. But yes, Zimbabwe, the team was one of the force in cricket world to be remembered. Once upon a time, the local politics and ICC let that team fade away. Thank you sir! A big fan of your writing..
Pranam aut Dhanyavaad aapka itni sukshmata se chizon ko likhne ke liye.
धन्यवाद
एक युग नायक के विषय में अच्छी जानकारी ।
शायद टीम के बी श्रेणी में रहने के कारण चर्चा कम मिली
सही
Muje bhi 232 run wale innings yaad hai, He played like a gem, Weak team me rhte huey itna khelna Indeed any flower was a great wlt keeper batsman