Vividh

दो रचनायें

दो रचनायें1- सँभल जा गुड़िया।2- सावन की शाम।प्रस्तुति- जय मंडा सँभल जा गुड़िया तुझे घूरती हैं तुझे नोचने कोबाज़ की तरह झपटती हैं आँखें। दिखा के प्यार के झूठे सतरंगी सपनेशिकारी बन बिछाते जाल अपने। सम्भल गुड़िया इनके चंगुल सेदेकर प्यार के ये वादे…. मसल देंगे तुझे अपने पंजों से।ये…

काव्य /शायरी

थी एक मैंने ख़्वाहिश करी

काव्य शायरी Exxcricketer.com समीर समीर ख्वाहिश..कभी टूटते सितारे को देख, थी एक मैंने ख्वाहिश करी, कभी तकदीर की लिखाई से, यूँ ज़ोर आज़माइश करी, पर सितारा जो टुटा तो मेरे ख़्वाब भी संग टूट गए, और तकदीर के साए में छुप के सारे वो रंग रूठ गए, अब लगता है…

Vividh

सूर्पनखा का निवेदन

रचनाकार - विज्ञान प्रकाश विज्ञान प्रकाश जो रुद्र समान तेज धारी, जो भू और नभ का भवहारी, कहता गाथाएं वो अबूझ, और सुनती सीता सुकुमारी। अरे भाग्य कैसा दुष्कर, जो गोदावरी तेरी तट पर, जो वसंत सब था छाया, वो होने अंत को था आया! उतरी नभ से वो निशाचरी,…

काव्य /शायरी

प्रेमी के जीवन का धन

रचनाकार -विपुल विपुल श्वेत वर्ण सा वदन तुम्हारा गंगाजल सा पावन मन, मीन सदृश हैं नैन तुम्हारे ,प्रेमी के जीवन का धन । काले काले केश तुम्हारे , कोमल कटि कमनीय वदन, वैरागी के चित को हर ले , गज गामिनी तेरा यौवन। YOUTUBE LINK नए टैब में खोलें| YOUTUBE…

काव्य /शायरी

ख़ुशनुमा नहीं होता।

विपुल विपुल बबूल की छांव , कंक्रीट के जंगल,प्लास्टिक के दिल और रोता हुआ मर्द । हर कहानी का अंजाम खुशनुमा नहीं होता। भेड़ियों का झुंड, बकरियों के बच्चे।कौव्वों का शोर और बेहिसाब दर्द।। हर कहानी का अंजाम खुशनुमा नहीं होता। आस्तीनों के सांप ,ढंके छुपे बिच्छू,रेगिस्तानी गिरगिट और सड़क…