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महेंद्र सिंह धोनी : कप्तान खिलाड़ी और नेतृत्वकर्ता 

प्रस्तुति -अर्जुन ‘अजेय’

महेंद्र सिंह धोनी

हमेशा अपने फैसलों से चौंकाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी ने एक बार फिर से अपने प्रशंसकों को हतप्रभ किया। आईपीएल शुरू होने से मात्र एक दिन पहले ही धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी ऋतुराज गायकवाड़ को सौंप दी।एक अर्से बाद यह नैसर्गिक कप्तान किसी भी टीम की घोषित कप्तानी नहीं करेगा।हालांकि धोनी पहले भी सुपरकिंग्स की कप्तानी जडेजा को सौंप चुके थे लेकिन जडेजा उस भूमिका में जब असहज दिखे तो दोबारा धोनी ने कप्तानी का जिम्मा सम्भाल लिया था।आशा है कि ऋतुराज में किया गया उनका निवेश दीर्घावधि वाला साबित हो।

2007 में सचिन तेंदुलकर द्वारा कप्तानी करने की अनिच्छा ओर एकाएक नवोदित धोनी का नाम स्वयं सचिन द्वारा आगे किये जाने से शुरु हुये धोनी के नेतृत्व युग का अंत मार्च 2024 में हो चुका है।अपने लगभग 19 साल के सुनहरे अंतर्राष्ट्रीय और आईपीएल करियर में धोनी ने सबसे पहले 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी संभाली और 2008 में वो चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान नियुक्त किये गये।धोनी 2007 से 2017 भिन्न भिन्न फॉर्मेट में भारतीय टीम और 2008 से 2023 तक चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान रहे।

धोनी के टीम में आने से पहले लगतार सालों तक भारतीय टीम किसी स्थायी विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए तरसती आ रही थी,और इस सिलसिले को पूर्ण विराम दिया झारखंड के लंबे लंबे बालों वाले और उस समय आंखों को चुभने वाली विकेटकीपिंग करने वाले महेंद्र सिंह धौनी ने।

उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत और अंत दोनो ही दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रनआउट होकर ही हुआ,यह एक विडंबना ही कही जाएगी क्योंकि विकेटों के बीच तेजी से भागने वाले  धोनी अपने समय के सबसे फिट बल्लेबाजों में से एक थे।

धोनी – एक कप्तान

किसी भी खिलाड़ी की नेतृत्व क्षमता को दर्शाने के लिए वैसे तो बहुत से आयाम होते हैं, परन्तु आँकड़े दर्शको, आलोचको और प्रशंसको सभी वर्गो के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इसीलिये सबसे पहले आँकड़ों की कसौटी पर धोनी की कप्तानी को परखते हैं।

धोनी ने कुल 332 अंतरर्राष्ट्रीय मुकाब‌लों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया जो विश्व कीर्तिमान है, जिसमें 60 टेस्ट, 200 वनडे और 72 टी-20 शामिल है। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम 27 टेस्ट, 110 वनडे और 41 टी-20 में विजेता रही।

धोनी विश्व के एकमात्र कप्तान है, जिसने आईसीसी की सभी प्रतियोगिताएं जीती।भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करते हुए धोनी की प्रमुख उपलब्धियाँ कुछ इस प्रकार हैं-।

टी-ट्वेंटी विश्व कप – 2007 

एकदिवसीय विश्व कप – 2011 

आईसीसी चैंपियंस ट्राफी – 2013

आईसीसी टेस्ट गदा -2010, 2011 

एशिया कप – 2010, 2016

आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स का नेतृत्व करते हुए भी धोनी ने सबसे ज्यादा 235 मुकाबले खेले जिसमे उनकी टीम ने 142 में जीत दर्ज की।उनका जीत प्रतिशत 60.4% लीग के इतिहास में सर्वाधिक तीन में शामिल है।

सुपरकिंग्स के कप्तान रहते हुए धोनी न केवल पांच खिताब जीते अपितु उनकी टीम सर्वाधिक दस बार फाइनल में पहुंची।उनकी कप्तानी में टीम ने सर्वाधिक चौदह में से बारह बार प्लेऑफ़ में जगह बनाई।

धोनी ने चेन्नई को दो बार चैंपियंस लीग का खिताब भी जिताया,जो अन्य लीग की विजेता और उपविजेता टीमों का टूर्नामेंट हुआ करता था।

आईपीएल – 2010, 2011, 2018, 2021, 2023 (कप्तान के तौर पर सर्वाधिक खिताब)

चैंपियंस लीग – 2010, 2014 (संयुक्त रूप से सर्वाधिक खिताब)

इतने सारे आँकड़ों से स्पष्ट है धोनी एकमात्र कप्तान है जिसने देश और क्लब दोनो स्तर पर हर खिताब पर कब्जा किया।उनके अलावा अन्य कोई ऐसा नहीं कर पाया।

धोनी – एक नेतृत्वकर्ता

महेन्द्र सिंह धोनी केव‌ल एक कप्तान ही नहीं अपितु एक नेतृत्वकर्ता अर्थात लीडर के रूप में याद किये जायेंगे।ये उनकी नेतृत्व क्षमता का ही कमाल है जिससे उन्होने भारतीय टीम और चेन्नई सुपरकिंग्स को कई मैच विजेता खिलाड़ी दिये।

रैना,अश्विन, जडेजा,रोहित और विराट इन सबको भारतीय टीम में शामिल करना,उन्हें लगातार समर्थन देने और निखारने का श्रेय धोनी को ही जाता है।

एक समय अपनी प्रतिभा से अन्याय करते दिख रहे रोहित शर्मा को मध्यक्रम से महेंद्र सिंह धोनी ही शीर्ष क्रम में लेकर आये,उसके बाद जो हुआ और जो हो रहा है वह ऐतिहासिक है।

अपने कैरियर की संध्या बेला के मुहाने खड़े शेन वाटसन हों,रहाणे हों,रोबिन उथप्पा हों या अंबाती रायडू या फिर चयनकर्ताओं के रडार से भटक चुके शिवम दुबे।धोनी ने इन तमाम खिलाड़ियों के साथ भी खिताब जीते जिन्हें ‘क्रिकेट पंडित’ दगा हुआ कारतूस आंक कर खारिज कर चुके थे।

मेरे लिये धौनी की कप्तानी के दो बड़े क्षणों में से एक नए खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने के लिए सीनियर्स को बाहर करना जो कि भारतीय क्रिकेट में सबसे मुश्किल कामों में से एक रहा है और दूसरा चेतेश्वर पुजारा जिन्हें भारत में टी ट्वेंटी छोड़िए एकदिवसीय टीम के भी शीर्ष तीस खिलाड़ियों में शामिल नहीं किया जाता,उनपर बोली लगाना,एक मोटी राशि विशुद्ध बिजनेस फर्म से इस प्रकार का निर्णय कराना लगभग असंभव है यदि आप महेंद्र सिंह धोनी नहीं हैं तो।चेतेश्वर पुजारा उसी क्रम में आधुनिक खेल के कई बड़े बड़े खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर आईपीएल विजेता भी बने।इसके अलावा भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तानी का इतना स्वाभाविक और समतापूर्ण हस्तांतरण किसी अन्य खिलाड़ी ने किया हो मुझे याद नहीं आता जितना सरल रूप से महेंद्र सिंह धोनी ने विराट कोहली को किया।

धोनी-एक लीजेंड

अपने अद्‌भुत क्रिकेट कौशल, दबाव में भी अविश्वसनीय शांत स्वभाव, और अकाट्‌य रणनीतिक क्षमता के कारण धोनी क्रिकेट जगत के महानतम् दिग्गजों में स्थान पा चुके हैं।एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर उनका प्रदर्शन अद्वितीय और असाधारण हैं!

2007 टी-20 विश्व कप फाइनल में जोगिन्दर शर्मा से अंतिम ओवर कराने को आप यदि विशुद्ध किस्मत कहेंगे तब भी यह याद रखना होगा कि यह धोनी की किस्मत या कप्तानी ही है जिसने कालजयी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का दशकों का सपना अंततः 2011 में सच कर दिया।

दो विश्वकप से लेकर आईपीएल में केवल रण‌नीतिक कौशल से साधारण और वृद्ध आश्रयस्थल जैसी हल्की टिप्पणियों से नवाजी गई टीम को विजेता बनाने तक ऐसे असंख्य क्षण याद किये जायेंगे, जब उन्होंने अपने दांव से विरोधियों को चित्त कर दिया।

विश्व क्रिकेट ने क्लाइव लॉयड, कपिल देव, इमरान खान, स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग जैसे महान कप्तान देखे हैं,परन्तु धोनी उपलब्धियों, प्रभाव और विरासत हर पैमाने पर उनसे आगे या समकक्ष स्थापित है।

तमिलनाडु में एक हिंदी भाषी खिलाड़ी यदि तमिल राजकुमार या थलाइवर या थाला बनकर डेढ़ दशक से सभी के दिलों पर राज कर रहा है तो वास्तव में उसका स्थान भारतीय खेल जगत के शीर्ष पांच खिलाडियों में शुमार ही होगा।

 ~ अर्जुन ‘अजेय’

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