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राहुल दुबे

2014 ने इतने जख्म दिये हैं कि अब उनकी कोई सीमा ही नहीं बची है अशरफ जाति की पत्रकार आरफा खानुम की भाषा में कहें तो “हर रोज एक नया जख्म!”
अब बताइये कुत्तों पर चर्चा हो रही है हमारे देश में।
धर्म जाति के बाद अब तानाशाह ने चर्चा कुत्ते की तरफ मोड़कर हमलोगों को बेवकूफ बनाना शुरू कर दिया है।

अब आप ही बताइये कुत्ते से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है कितना भोला भाला होता है एक कुत्ता
उसकी वफादारी के किस्से कितने सुने है हमने।
मैं समझता हूं कि मैं पाप कर रहा हूँ प्रिय टॉमी को कुत्ता बोलकर, लेकिन तानाशाह ने हवा का रुख ऐसा मोड़ रखा है कि यदि कोई टॉमी को कुत्ता ना कहे तो कोई ध्यान ही ना दे।

गोदी अखबार जागरण में कुत्तों के द्वारा एक 13 वर्षीय बालक के नोच नोच कर खाने की खबर क्या छपी दुनिया की सबसे वफादार प्रजाति के खिलाफ सभी नफरती अपना नफरत उड़ेलने लगें।

तर्क तो इतने गंदे है मैं क्या कहूँ! एक रिक्शा वाले ने मुझसे कहा कि “बताइये कुत्ते अबतक तीन वर्ग के लोगो को नोच नोचकर खा चुके हैं- हैदराबाद में एक 5 साल के बच्चे को खा गए, अलीगढ़ में एक बुजुर्ग को खा गए, कन्नौज में एक 13 वर्षीय बच्चे को खा गये। ये तो सरेआम आतंक है और सरकार कुछ भी नहीं कर रही है।” मैं उस रिक्शा वाले कि बात सुनकर हैरान था आखिर प्रिय टॉमी के प्रति इतनी नफरत क्यों ?

हम तो आजाद देश के आजाद नागरिक है, टॉमी भी यहीं का है , तो अब उसने अपने को तृप्त करने के लिए अपने बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर के साथ किसी पर हमला ही कर दिया तो क्या जान से मार देंगे क्या ?

SCO समिट में आये भुट्टो को जयशंकर ने भुट्टे जैसा सेंक दिया लोग इसपर भी तालिया पीट रहे हैं।

लोग टॉमी से हर वक्त सावधान रहने की बात कर रहे हैं।कुछ दिन पहले कानपुर से नागपुर तक लोकप्रिय खेल लेखक एक्स क्रिकेटर के स्पेस में था वहां एक टॉमी प्रेमी को गरिया कर भगा दिया गया बताइये कितनी कुंठा लेकर जी रहें है हम?
बेचारे मिमियाते ही रह गए ,
अब आप सोचेंगे कि मैं मिमियाने जैसे शब्द का प्रयोग कर उन टॉमी प्रेमी का अपमान कर रहा हूँ तो ये बिल्कुल गलत सोच रहें है आप , दरअसल टॉमी के दुश्मनों ने ये अफवाह फैला रखी है कि टॉमी और बिल्ली में दुश्मनी है।लेकिन हमें इसे गलत साबित करना है इसलिए ये आपको बता रहें है कि आजकल हर टॉमी प्रेमी मिमिया ही रहा हैं।मैं भी मिमिया ही रहा हूँ।

महामानव ने 2014 के बाद ऐसी हवा बदली है कि जो भी थोड़ी आजादी से जीना चाहता है उसे महामानव के समर्थक लील जाना चाहते है, अब टॉमी शिकार ना करे तो क्या करें?

मुझे तो इन सब में ब्राह्मणवाद की बू आती है।मुझे याद है मैं जब छोटा था तब भीमवर्ग के घरों में एक टॉमी जरूर होता जो हर एक को देखकर दहाड़ता था।
ब्राह्मणों के बच्चों को देखकर भी दहाड़ता था और इससे ब्राह्मणों को अपना अपमान नजर आता और शायद यही कारण है कि अब ये लोग अपने हिंदूवादी समर्थकों के साथ टॉमी को भी खत्म कर देना चाहते है।

प्रिय जज साहब ने मानवता की अंतिम परिणीति को भी पार कर ये बता दिया था कि यदि टॉमी को डंडा भी दिखाया किसी ने, तो ख़ैर नहीं।लेकिन इन फासीवादी लोगों का क्या कर सकते हैं ?इनको कौन समझाए?

मुझे तो डर है कि कहीं टॉमी को भी अतीक की तरह न खत्म कर दें ये लोग।
बेचारे टॉमी के लिए तो मैग्गी मैडम अंग्रेजी में यह भी नहीं कह पाएंगी Sadly He was a lawmaker।क्या दिन आ गए है?

मैं तो यहां ब्रुसेल्स में हूँ लेकिन मुझे अब अब्दुल की चिंता खाये जा रही है।सीलमपुर से संदेशा आया था कि अब्दुल के टॉमी को कुछ लोगों ने धमकी दी है कि उसे मिटा दिया जाएगा लेकिन क्यों? क्या सिर्फ इसलिए कि अब्दुल टॉमी के साथ से ही खुश है? मैं आपसे हाथ जोड़कर गुजारिश करता हूँ आप ये ना सोचें कि सीलमपुर का अब्दुल उस मुम्बई के अब्दुल जैसा है जिसे टॉमी को अत्यधिक प्रेम करने के लिए जेल भेज दिया गया था
अब्दुल बस टॉमी की अच्छी देखभाल करता है टॉमी के कुनबे का ध्यान रखता है अब टॉमी ने कभी किसी पर हमला कर ही दिया तो क्या उसके लिए अब्दुल की खुशी छीन लोगे?

मैं आपसे शुरू से कह रहा हूँ इस महामानव और उसके घोषित अघोषित समर्थकों का एकमात्र लक्ष्य है अब्दुल की खुशी छीनना जो वो टॉमी से प्रेम करके पाता है।यहां अब्दुल ही निशाना है, प्रिय टॉमी तो बहाना है।

लेकिन मैं क्या कर सकता हूँ? मैं तो आपको बस बता ही सकता हूँ।अपनो के लिए लड़ना तो आपका कर्तव्य है।प्रिय टॉमी से उसका हमला करने का अधिकार किसी को भी ना छीनने दें।
राहुल दुबे
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