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सुपरस्टार आशीष नेहरा
विपुल मिश्रा

परिचय


एक भारतीय तेज गेंदबाज के बारे में आज बात कर सकते हैं।
आशीष नेहरा !
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज।
1999 में पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला और अंतिम 2016 में।
एक तेज गेंदबाज के लिये 17 साल खेलना बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात ये कि टी 20 खेलते समय ये बुमराह से भी अच्छे गेंदबाज दिखते थे।
आशीष नेहरा को अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच जहीर खान से भी पहले खेलने को मिला था और वो रिटायर जहीर खान के बाद हुए।

टेस्ट कैरियर


24 फरवरी 1999 को मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में नेहरा का टेस्ट डेब्यू श्रीलंका के खिलाफ श्रीलंका में हुआ। मैच ड्रा था और श्रीलंका की इकलौती पारी में नेहरा के आंकड़े 28-5-94-1 थे। नेहरा ने वेंकटेश प्रसाद के साथ नई गेंद संभाली थी और अपनी चौदहवीं ही गेंद पर मार्वन अटापट्टू को 6 रनों के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू किया था।(फोटो उसी मैच की है)


इसके काफी दिनों बाद आशीष नेहरा को दूसरा मौका 2001 में मिला जब भारतीय टीम जिम्बावे गई।
पहला टेस्ट जो भारत जीता था उसमें श्रीनाथ के साथ जहीर और नेहरा खेले।
नेहरा ने पहली पारी में 3 और दूसरे में 2 विकेट लिए।
दूसरे टेस्ट में श्रीनाथ और नेहरा के साथ आगरकर खेले। भारत ये टेस्ट मैच हारा।
नेहरा ने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में दो विकेट लिए।
ये पहला और अंतिम टेस्ट था जिसमें नेहरा ने 5 से ज्यादा विकेट ले पाए ।
नेहरा का इस मैच की पहली पारी का 4/72 उनका टेस्ट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।


नेहरा ने 1999 से 2004 तक कुल 17 टेस्ट मैच ही खेले हैं जिसमें 42.40 के औसत से 44 विकेट लिए हैं।
मजेदार बात ये है कि आशीष नेहरा ने अपने 17 टेस्ट मैच में से 16 विदेशों में खेले हैं। भारत में केवल एक मैच खेला। वेस्ट इंडीज के खिलाफ ईडेन गार्डन में। जिसमें मात्र 1 विकेट ले पाए।
आशीष नेहरा ने श्रीलंका, ज़िंबावे, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज में कम से कम एक टेस्ट ज़रूर खेला है।


लेकिन टेस्ट मैचों के विपरीत सीमित ओवर मैचों में आशीष नेहरा का प्रदर्शन काबिले तारीफ है।

एकदिवसीय कैरियर


जून 2001 में जिम्बावे के खिलाफ जिम्बावे में आशीष नेहरा ने सौरव गांगुली की कप्तानी में वनडे डेब्यू किया और अपने पहले वनडे स्पेल में 10-2-33-2 के आंकड़े पाए। जहीर खान के आंकड़े 7-1-18-2 थे।
इस मैच के बाद जहीर और नेहरा की जोड़ी भारत के सीमित ओवरों के मैचों की ज़बरदस्त जोड़ी बन गई।
भारत ने पहले खेल रही जिम्बावे को 133 रनों पर ही बुक कर दिया था। भारत मैच जीता था। नेहरा का पहला वनडे विकेट उनकी फेंकी दूसरी ही गेंद पर एलिस्टर कैंपबेल के रूप में था।


(फोटो उसी मैच में नेहरा द्वारा लिए कैंपबैल के विकेट की है)
2001 से 2005 तक आशीष नेहरा भारतीय वनडे टीम का अविभाज्य हिस्सा रहे।
2003 एकदिवसीय विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ फेंका गया आशीष नेहरा का 6/23 का स्पेल भारतीय क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी स्पेल में से एक है।


2001 के 10 एकदिवसीय मैचों में आशीष नेहरा के 13 विकेट, गेंदबाजी औसत 29.92 और इकोनॉमी 4.43 थी।

2002 के 16 एकदिवसीय मैचों में आशीष नेहरा के 14 विकेट गेंदबाजी औसत 45.42 और इकोनॉमी 4.86 थी।

2004 के 15 एकदिवसीय मैचों में आशीष नेहरा के 18 विकेट गेंदबाजी औसत 27.94 और इकोनॉमी 4.44 थी।

2004 के 16 एकदिवसीय मैचों में आशीष नेहरा के 18 विकेट गेंदबाजी औसत 34.61 और इकोनॉमी 4.97 थी।

2005 के 17 एकदिवसीय मैचों में आशीष नेहरा के 29 विकेट गेंदबाजी औसत 24.41 और इकोनॉमी 5.09 थी।


ये औसत और ये इकोनॉमी नेहरा को एकदिवसीय क्रिकेट के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक बनाती थी।
आशीष नेहरा बेहतर से बेहतरीन होते जा रहे थे, पर यहीं दुर्भाग्यवश वो ऐसे चोटिल हुये कि चार साल का गैप हो गया।
2009 में आशीष नेहरा का कम बैक हुआ।
वेस्ट इंडीज के खिलाफ वेस्ट इंडीज में वो अपनी वापसी के बाद पहला एकदिवसीय मैच खेले।
इस मैच में भारत ने पहले खेलते हुए युवराज के 131 रनों की मदद से 339 रन बनाए थे और वेस्ट इंडीज 319 ही बना पाया था।
आशीष नेहरा ने रुद्र प्रताप सिंह के साथ नई गेंद संभाली थी और क्रिस गेल के रूप में भारत को पहला विकेट अपने पांचवें ओवर में आशीष नेहरा ने ही दिलवाया था।
आशीष नेहरा ने इस एकदिवसीय मैच में अपने 7.1 ओवरों में 49 रन देकर 3 विकेट लिये।


(फोटो इसी मैच की है)
2009 में दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेली गई। भारत की टीम में आशीष नेहरा शामिल थे। नेहरा ने टूर्नामेंट के लगभग हर मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

2009 में नेहरा ने 21 एकदिवसीय मैचों में 30.09 के औसत और 5.92 की इकोनॉमी से 31 विकेट लिए।
2010 में नेहरा ने 20 एकदिवसीय मैचों में 31.96 के औसत और 5.76 की इकोनॉमी से 28 विकेट लिए।
इस प्रदर्शन के आधार पर नेहरा ने 2011 एकदिवसीय विश्वकप का टिकट पाया।


2011 में आशीष नेहरा ने मात्र 7 एकदिवसीय मैच खेले। चार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में और तीन मैच 2011 के एकदिवसीय विश्वकप में।
2011 एकदिवसीय विश्वकप में नेहरा ने नीदरलैंड्स, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेले।
मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में नेहरा को उंगली में चोट लगी तो फाइनल न खेल पाए और यही नेहरा का अंतिम एकदिवसीय मैच साबित हुआ जिसमें नेहरा के आंकड़े 10-0-33-2 थे।


आशीष नेहरा ने कुल 120 एकदिवसीय मैचों में 31.72 के औसत और 5.19 की इकोनोमी से 157 विकेट लिये हैं। इंग्लैंड के खिलाफ 6/23 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।
आशीष नेहरा 2003 एकदिवसीय विश्वकप के उपविजेता और 2011 एकदिवसीय विश्वकप के विजेता खिलाड़ियों में से हैं।

टी 20 अंतर्राष्ट्रीय कैरियर


लेकिन आशीष नेहरा की कहानी सिर्फ टेस्ट और एकदिवसीय मैचों पर ही खत्म नहीं होती।
आशीष नेहरा संघर्ष के बाद सफलता हासिल करने वाले खिलाड़ियों के उदाहरण हो सकते हैं।
आशीष नेहरा का टी 20 अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मोहाली में हुआ जिसमें श्रीलंका ने भारत को हराया।
नेहरा ने इस मैच में अपने 4 ओवरों में 52 रन देकर एकमात्र विकेट चमारा कप्पूगेदारा का लिया।
अगले मैच में नेहरा को विकेट नहीं मिला। शुरुआत खराब थी नेहरा की टी 20 अंतर्राष्ट्रीय में।
अशोक डिंडा का प्रदर्शन नेहरा के डेब्यू टी 20 मैच में नेहरा से बढ़िया था।
3 ओवर में 34 रन, एक विकेट।


(अशोक डिंडा की ये फोटो नेहरा के पहले टी 20 मैच की है)
2010 में वेस्ट इंडीज में आईसीसी टी 20 विश्वकप हुआ।
आशीष नेहरा भारतीय टीम में शामिल थे और नेहरा ने इस 2010 टी 20 विश्वकप में अपने हर मैच में जबर्दस्त प्रदर्शन किया।
नेहरा ने इस विश्वकप के 5 मैचों में 10 विकेट लिए थे।

2011 में आशीष नेहरा मात्र एक टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले थे ,जनवरी,में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ।
मार्च में 2011 एकदिवसीय विश्वकप सेमीफाइनल में आशीष नेहरा को चोट लगी थी और उसके बाद काफी दिनों तक आशीष नेहरा के चयन पर किसी ने विचार ही न किया। उम्र एक बड़ा कारण था और उनके समवर्ती जहीर खान सन्यास ले चुके थे।


(फोटो 2010 टी 20 विश्वकप की हैं)
आशीष नेहरा फिट होने के बाद घरेलू क्रिकेट में खेलने आए और उन्हें इसका इनाम मिला। अप्रत्याशित रूप से 37 साल के आशीष नेहरा का चयन 2016 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टी 20 टीम में हुआ।
26 जनवरी 2016 को हुए मैच में आशीष नेहरा ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका।

अपने कम बैक टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में आशीष नेहरा ने पहला ओवर फेंका। केन रिचर्डसन को बोल्ड मारा,4 ओवरों में 30 रन ही दिये। अपने फेंके 19वें ओवर में मात्र 4 रन ही दिए थे नेहरा ने।
हार्दिक पांड्या जसप्रीत बुमराह , ट्रेविस हेड का का अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण भी इसी मैच से हुआ था, पर ये आशीष नेहरा ही थे जिन्होंने दोनों हाथो से मौका लपका।


(फोटो इसी मैच की हैं)
2016 में बांग्लादेश में हुआ एशिया कप टी 20 टूर्नामेंट भारत जीता। आशीष नेहरा ने 2016
एशिया कप टी 20 टूर्नामेंट में 4 मैचों में 6 विकेट लिए थे।


2016 में ही भारत में आईसीसी टी 20 विश्वकप हुआ जिसमें भारत सेमीफाइनल तक पहुंचा था और सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज से हारा था।
आशीष नेहरा ने 2016 आईसीसी टी 20 विश्वकप में 5 मैचों में 5 विकेट लिये थे।


2017 में आशीष नेहरा भारत की धरती पर ही चार टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले।
तीन इंग्लैंड के खिलाफ और एक न्यूजीलैंड के खिलाफ।
इन चार में से तीन मैचों में नेहरा को कोई विकेट नहीं मिला। इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में ज़रूर नेहरा को 3 विकेट मिले थे।
1 नवंबर 2017 को अपने शहर दिल्ली के घरेलू मैदान में नेहरा अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले। भारत जीता था।
इस टी 20 मैच में आशीष नेहरा को कोई विकेट नहीं मिला था। आशीष नेहरा के आंकड़े 4-0-29-0 रहे।
इस मैच के बाद आशीष नेहरा ने स्वयं ही सन्यास ले लिया था।


(फोटो इसी मैच की)

उपसंहार


कुल मिला कर आशीष नेहरा एक अभूतपूर्व खिलाड़ी थे। अपने पूरे कैरियर के दौरान चोटों से जूझते रहे आशीष नेहरा का टेस्ट रिकॉर्ड भले खास न हो, पर नेहरा का एकदिवसीय रिकॉर्ड कमाल का है।


साथ ही आशीष नेहरा ने 27 टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 34 विकेट लिए हैं।7.73 की इकोनोमी से।37 साल की उम्र में टी 20 मैचों में वापसी की और अच्छा प्रदर्शन किया।
और बात यहां भी खत्म नहीं होती।


आशीष नेहरा ने खिलाड़ी के तौर पर आईपीएल में भी अच्छा किया और कोच के रूप में झंडे ही गाड़ दिये।
कोच के रूप में अपने पहले ही आईपीएल में अपनी टीम गुजरात टाइटंस को विजेता बनाया और दूसरे प्रयास में भी फाइनल में पहुंचे।
समाप्त
🙏🙏
विपुल मिश्रा
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One thought on “सुपरस्टार आशीष नेहरा

  1. Ashish Nehra ko aisa bowler maanta hu Jo agar chal Jaye toa match ka rukh plat deta tha…lekin thode unlucky the…

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