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आपका -विपुल

हॉकी बाई ट्रिक,बैडमिंटन बाई डांस।
फुटबॉल बाई पावर,क्रिकेट बाई चांस।
ये खेलों से जुड़ी एक बहुत पुरानी कहावत है जिसे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 सीरीज के तीसरे इन्दौर टेस्ट से जोड़ के देख सकते हैं।इस मैच में आस्ट्रेलिया को जितने चांस मिले उन्होंने सब लपके और मैच जीते।
पैट कमिंस की मां की तबियत खराब है।वो नहीं थे तो स्टीव स्मिथ इस टेस्ट के लिये आस्ट्रेलिया के कप्तान बने। हरफनमौला कैमरन ग्रीन टीम में आये और बायें हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला।

रोहित ने टॉस जीता था और भारत ने पहले बैटिंग की थी।
पिच पहले ही दिन से भयंकर स्पिन ले रही थी।छठे ओवर की अंतिम गेंद पर रोहित के रूप में पहला विकेट गिरा था और 34वें ओवर की दूसरी गेंद पर सिराज के रूप में अंतिम विकेट रन आउट हुआ।कुल रन बने थे 109 जिसमें विराट के सबसे ज्यादा 22 रन थे।
अक्षर पटेल नाबाद 12।
बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन ने पंजा लिया और नाथन लॉयन ने तीन विकेट लिये थे।एक विकेट टॉड मर्फी को मिला।
पहले दिन का खेल खत्म होने तक आस्ट्रेलिया के भी 4 विकेट गिर चुके थे और आस्ट्रेलिया लीड ले चुकी थी।उस्मान ख्वाजा ने अर्धशतक बना दिया था और रवींद्र जडेजा ने चारों विकेट लिये थे।पहले दिन के खेल में 14 विकेट गिरे थे और चेतेश्वर पुजारा को जिस गेंद पर नाथन लायन ने बोल्ड किया था,वो मीलों टर्न हुई थी।

टेस्ट मैच के दूसरे दिन पहले एक घंटे तो खेल में आस्ट्रेलिया हावी दिखा पर 186 के स्कोर पर पीटर हैंड्सकॉम्ब को रविचंद्रन अश्विन ने जैसे ही आउट किया, ऑस्ट्रेलियाई पारी का पतझड़ चालू हो गया।इसके बाद मात्र 29 मिनट और 34 गेंदे लगीं और पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 197 रनों पर आल आउट हो गई।अश्विन ने तो आज 3 विकेट लिये थे,लेकिन उमेश यादव का आज का स्पेल 5-0-12-3 था।
दो बार उमेश ने डंडे उखाड़े थे।


आस्ट्रेलिया को 88 रनों की लीड इस भयंकर स्पिन पिच पर मिल गई थी जो महत्वपूर्ण भी थी और शायद मैच जिताऊ भी।
भारत की दूसरी पारी जो कुल 60.3 ओवर और 163 रन तक चल गई तो उसका इकलौता कारण केवल चेतेश्वर पुजारा के एक छोर पर टिक कर बनाये 59 रन थे।

पुजारा की पारी स्टीव स्मिथ ने नाथन लायन की गेंद पर स्लिप में एक बेहतरीन कैच पकड़ के खत्म की।


नाथन लायन ने कुल 8 विकेट लिये थे।कोहली को कुहनेमैन ने आउट किया था और श्रेयस अय्यर जिन्होंने 100 के स्ट्राइक रेट से 26 रन बनाये थे,मिशेल स्टार्क को विकेट थमा के फिर बता गये कि उन्हें बहुत तेज गेंदबाजों का सामना करना रास नहीं आता।अक्षर पटेल फिर नाबाद रहे थे,15 रनों पर।
दूसरे दिन का खेल यहीं खत्म हो चुका था और दो दिनों में इस पिच पर कुल 30 विकेट गिर चुके थे।
आस्ट्रेलिया को जीत के लिये कुल 76 रन बनाने थे।
तीसरे दिन की पहली ही गेंद अश्विन ने उस्मान ख्वाजा को आउट कर दिया।

पर ट्रेविस हेड और मार्नस लाबशाने ने आस्ट्रेलिया का कोई और विकेट नहीं गिरने दिया और 18.5 ओवर में आस्ट्रेलिया ने विजय लक्ष्य प्राप्त कर लिया।ट्रेविस हेड 49 पर और मार्नस लाबशाने 28 पर नाबाद रहे।


दूसरी पारी में 8 और मैच में 11 विकेट लेने वाले नाथन लायन मैन ऑफ़ द मैच रहे।

अब मैं आपसे इस बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दोनों टेस्ट मैचों में कही बात दोहराऊंगा।आस्ट्रेलिया टीम कमजोर नहीं है।
दिल्ली में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया के पास जीत के बहुत मौके थे।दो मौके तो साफ थे,पहला जब भारत के पहली पारी में 129 पर 7 विकेट हो गये थे और अक्षर और अश्विन जम गये थे।दूसरा जब आस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 60 रन पर 1 विकेट था और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बेहूदे शॉट्स खेल कर विकेट फेंके।

दिल्ली टेस्ट में भारतीय टीम हारते हारते बची थी,ये आपको स्कोर बोर्ड नहीं बता रहा था।वहां चांस भारतीय टीम ने लपके थे और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने गंवाये थे।

ये कोई ढंकी छुपी बात नहीं है कि वर्तमान भारतीय टेस्ट बल्लेबाज स्पिन खेलने में बहुत ज्यादा कमजोर हैं।
वजह ये है कि पुजारा को छोड़ कर इनमें से सभी आईपीएल टी 20 और एकदिवसीय खेलते हैं जिसमें दोनों छोरों से नई सफेद गेंद का प्रयोग होता है।मतलब कोई भी सफेद गेंद 25 ओवर से ज्यादा पुरानी नहीं होती।
सफेद गेंद,लाल गेंद से कम स्पिन करती है।


वर्तमान भारतीय बल्लेबाज रणजी खेलने के इच्छुक होते नहीं,इस वजह से स्पिन के खिलाफ़ लड़खड़ाते हैं।रणजी में लायन और अश्विन के स्तर के कई घरेलू स्पिनर हैं पर कोहली जैसे टेस्ट बल्लेबाजों को उनको खेलने में शर्म आती है।
वैसे कोहली का पिछला शतक 24 टेस्ट और 43 पारी पहले आया था।अर्धशतक मारे भी 16 पारियां निकल चुकी हैं।और कोहली टेस्ट मैचों में स्पिन नहीं खेल पा रहे,ये छुपा नहीं है।कोहली हमारी टेस्ट टीम का प्रमुख बल्लेबाज है।टेस्ट मैचों का ये अघोषित सा नियम है कि टीम का सबसे अच्छा बल्लेबाज नंबर 4 पर ही खेलेगा।
पुजारा को छोड़ कर इन्दौर टेस्ट में कोई भारतीय बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ़ विश्वसनीय नहीं दिखा।रोहित भी नहीं।हालांकि रोहित पहले टेस्ट मैच में अपनी प्रतिभा दिखा कर शतक मार चुके हैं।


स्पिन गेंदबाजों के लिये हनीमून टूर जैसी दिखती इस टेस्ट सीरीज में टीम इण्डिया के सबसे ज्यादा लय में दिखे बल्लेबाज अक्षर पटेल (जिसने पहले मैच में आपकी जीत तय की और दूसरे मैच में हार बचा दी)को अगर नंबर 9 पर भेजा जाना था तो इस टीम की रणनीतिक समझ पर सवाल उठाना बनता है।
बांग्लादेश में भी अक्षर ने आपकी नाक अपनी बल्लेबाज़ी से बचाई थी।वो इस टेस्ट की दोनों पारियों में नाबाद भी रहा।उसे भरत और जडेजा दोनों से ऊपर भेजा जा सकता था।
अय्यर में कॉन्फिडेंस बिलकुल नहीं दिखा।
स्टीव स्मिथ बेहद चालाक कप्तान है।जीत के लिये हर पैंतरे अपनाने वाला खालिस ऑस्ट्रेलियाई कप्तान।अगर स्मिथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी इस बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 के चौथे मैच में भी करेगा तो टीम इण्डिया के लिये आसान नहीं रहने वाला।
और अगर क्रिकेट बाई चांस है तो भारत को अपने चांस भुनाने भी पड़ेंगे।


आपका -विपुल
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