बीसीसीआई की वेश्यावृत्ति
आपका -विपुल
केवल सच्चे भारतीय और केवल गंभीर क्रिकेट प्रशंसकों के लिए।
बहुत दिन हुए कुछ लिखा नहीं क्रिकेट पर।
क्यों?
क्योंकि मन ही नहीं हुआ।
बीसीसीआई वेश्यावृति पर उतर आई है।
पैसा पैसा और केवल पैसा।
सबको चाहिए पैसा।
लेकिन हर कोई नंगा नहीं नाचने लगता।
बीसीसीआई नाच रही है,
वाकई+
भारत सरकार और बीसीसीआई
अब हम दोनों को अलग नहीं देख सकते।
भारत के गृह मंत्री का सगा और जायज पुत्र बीसीसीआई चला रहा है इस वक्त,
जो गांगुली को हटाकर रोजर बिन्नी को अध्यक्ष बनवा देता है और ईमानदारी से पूछो तो रोजर बिन्नी कहीं दिखते भी नहीं।
दिखते जय शाह ही हैं हर जगह।+
रोजर बिन्नी और राजीव शुक्ला पाकिस्तान में बोटियां तोड़ते दिखते हैं जब भारत में कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी भारतीय सैनिकों की लाशें बिछा रहे होते हैं और उन्हें एशिया कप का फार्मूला सेट करना होता है।
एशिया कप में भी ऐसा फिक्सचर कि भारत पाक के दो मैच तो हो ही जाएं।
3 भी हो सकते थे।
3 भी हो सकते थे अगर बीसीसीआई चाहती।
वैसे बड़ी बड़ी बातें भारत सरकार करती है।
क्यों नहीं किसी भी खेल प्रतियोगिता में पाकिस्तान का स्पष्ट बहिष्कार करने का फैसला लेते हैं ये?
अब इजरायल के मैच देखे क्या कोई आपने?
इजरायल में ईरान की फुटबाल टीम गई क्या कभी?
नहीं न।
2014 चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में भारत के खिलाफ मैच जीतने के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भारत में खड़े होकर भारतीयों को गालियां दी थीं, गंदे इशारे किए थे।
इनके मन में कितनी नफरत है भारत के लिए दिखाया था।
आप भूल गए, मुझे मैच की याद है।
भारत सरकार कुछ याद है न आपको?
आईपीएल में अलग बकचोदी रहती इनकी।
खूब बताते हैं कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को नहीं खिलाते।
नियमों का फ़ायदा उठा कर अजहर महमूद खेल गया न?
अब भले इंगलिश सिटीजन है। खेला तो पाकिस्तान के ही लिए है न?
पाकिस्तानी ही है।
कैसे खेला?भारत में पाकिस्तान की टीम आई ही क्यों?
जब अमेरिका तक में फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकल रही हैं तो समझ जाओ कि कौम तो साथ देगी ही उनका।
आप क्या कर रहे थे?
स्वागत
वो छोड़ो अगले दिन क्या फोटो पोस्ट की पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने?
और ये आम भारतीय समझता ही है कि इस पोस्ट का मतलब क्या था?
पीसीबी का चेयरमैन आपको दुश्मन मुल्क बोलता है। और टीवी कमेंट्रेटर इस्लाम की अच्छाइयां एक क्रिकेट मैच में बताते हैं और हम जैसे भारतीय घर में खून का घूंट पी कर इसे देखते हैं।
पर इन को शर्म नहीं आती।
भारत का प्रधानमंत्री इजरायल का खुला समर्थन करता है और भारत के ही क्रिकेट ग्राउंड पर खड़े होकर पाकिस्तान का मोहम्मद रिजवान अपनी जीत को इजरायल के दुश्मन आतंकियों को समर्पित करता है।
हम फिर खून का घूंट पी कर रह जाते हैं।
धोनी पर तो आईसीसी ने ऐसा कुछ करने पर प्रतिबन्ध लगाया था न?
बीसीसीआई ने कोई औपचारिक शिकायत आईसीसी में दर्ज नहीं की। जबकि धोनी के बलिदान बैज वाले ग्लॉब्स पहनने पर पाकिस्तान ने आपत्ति की थी और आईसीसी ने धोनी को मना किया था। हम तब भी खून का घूंट पी कर रह गए थे।
वैसे आईसीसी में भारत के प्रतिनिधि क्या करने बैठे हैं?
ला &&& चाटने?
बात यहीं खत्म नहीं होती। उद्घाटन और समापन समारोह में रंगारंग कार्यक्रम हर बड़ी खेल प्रतियोगिता में होते हैं।
विश्वकप 2023 में उद्घाटन समारोह हुआ ही नहीं।
रंगारंग कार्यक्रम भारत पाकिस्तान मैच में होंगे।
ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है भाई?
पैसों के लिए ?
चुल्लू भर पानी ले लो।
भारतीय लड़कियां नचाई जा रही हैं पाकिस्तानी खिलाड़ियों के आगे गुजरात में , जो भारत का औपचारिक स्वागत तिलक आरती मना कर देते हैं कि उनके धर्म के खिलाफ है।
पाकिस्तान वाले भारतीय खिलाड़ियों के स्वागत में अपनी लड़कियां नचवाये क्या कभी?
मुझे तो याद न पड़ता।
वेज भोजन तक न मिलता इन्हें।
और बीसीसीआई को अब ये नौटंकी बंद कर देना चाहिए कि हम पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेंगे, बस आईसीसी टूर्नामेंट खेलेंगे।
इसके बाद भी साल में दो चार मैच तो खेल ही लेटे हो किसी न किसी बहाने से भोसरी के।
फिर ये नौटंकी क्या पाल रखी है?
खुल के नाचो।
तुम्हारा छिनालपन दुनिया देख रही है बीसीसीआई।
खुल के नाचो।
अब तुम वैश्या बन ही चुकी हो जो विज्ञापन के पैसों के लिए पाकिस्तान क्रिकेट से खुद रही हो।
और इस लेख के लिए और इसमें प्रयुक्त शब्दों के लिए मुझे रत्ती भर भी खेद नहीं।
बीसीसीआई इससे ज्यादा की अधिकारी है।
🙏🙏
विपुल मिश्रा
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