हरफनमौला क्रिस केयर्न्स
विपुल मिश्रा
जब तक कपिल इमरान और बॉथम जैसे तेज गेंदबाज टेस्ट आल राउंडर खेल रहे थे, किसी को पता ही नहीं था कि ये कितनी दुर्लभ प्रजाति है। क्योंकि ये सब एक ही समय में खेलते थे।
रिचर्ड हेडली भी थे।
चेतन शर्मा मनोज प्रभाकर जैसे लोग भी थे। और भी टीमों में थे।
बॉथम इमरान और कपिल के सन्यास के बाद अभी तक के क्रिकेट इतिहास में मुझे मात्र दो तेज गेंदबाज टेस्ट आल राउंडर दिखे।
62 टेस्ट मैचों में 33.53 के औसत से 3320 रन बनाने वाले और 29.40 के औसत से 218 विकेट लेने वाले न्यूजीलैंड के क्रिस केयर्न्स और इंग्लैंड के एंड्रयू फ्लिंटॉफ जिन्होंने 79 टेस्ट मैचों में 31.77 औसत से 3845 रन बनाए हैं तथा 32.78 के औसत से 226 विकेट लिए हैं।
बेन स्टोक्स का 97 टेस्ट के बाद भले ही बैटिंग औसत 36.41 और बॉलिंग औसत 32.07 रहा हो, पर स्टोक्स कभी भी अपनी टीम के प्रमुख चार गेंदबाजों में एक नहीं रहे और केयर्न्स और फ्लिंटॉफ से ज्यादा टेस्ट खेलने के बाद भी टेस्ट 200 विकेटों पर नहीं पहुंचे।
यही कालिस के साथ भी
कालिस बल्लेबाज तो इन दोनों से अच्छे थे पर 166 मैचों में मात्र 292 विकेट हैं। इन दोनों से दुगुने से ज्यादा मैच खेलने के बाद भी।
कालिस भी अपनी टीम के चार प्रमुख गेंदबाजों में नहीं रहे।
शौन पोलॉक ने 108 मैचों में 32.31 के औसत से 3781 रन बनाये हैं और 23.11 के औसत से 421 विकेट लिए हैं।
ये एक और तेज गेंदबाज आल राउंडर हैं जिन्हें मैं भूल रहा था।
पर पोलॉक के बल्लेबाज के तौर पर 108 मैचों में 2 शतक और 16 अर्धशतक हैं।
केयर्न्स के 62 मैचों में 5 शतक और 22 अर्धशतक।
फ्लिंटॉफ के 79 मैचों में 5 शतक और 26 अर्धशतक।
100 टेस्ट के बाद भी अगर पोलॉक 20 अर्धशतक और 5 शतक न लगा पाए तो इन दोनों के मुकाबले अच्छे आल राउंडर नहीं।
गेंदबाज ज़रूर इन दोनों से अच्छे थे। बल्कि बहुत ही अच्छे।
इसलिए महान बल्लेबाज जैक कालिस और महान गेंदबाज शौन पोलॉक की बात इन तेज गेंदबाज हरफनमौला खिलाड़ियों के साथ नहीं होगी। पोलॉक वैसे भी अपनी टीम के स्ट्राइक गेंदबाज थे।
इसीलिए क्रिस केयर्न्स और एंड्रयू फ्लिंटॉफ विशेष हैं।
अपनी टीम के चार प्रमुख गेंदबाजों में से एक जो मौका पड़ने पर बल्लेबाजी से मैच जिता सकता है।
2000 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल किसको किसको याद है?
अगर आप बहुत से लोगों की तरह चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में क्रिस केयर्न्स का शतक देख ये मानते हैं कि क्रिस केयर्न्स एक बल्लेबाज के तौर पर न्यूजीलैंड टीम में थे, गेंदबाज के तौर पर नहीं,
तो गौर करें
भारत के प्रीमियम तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के 67 टेस्ट में 236 विकेट हैं और 62 टेस्ट के बाद श्रीनाथ के भी 228 ही विकेट थे।
मतलब केयर्न्स और श्रीनाथ को आस पास रख सकते हैं।
गेंदबाजी औसत देखें।
श्रीनाथ का 30.49 है, केयर्न्स का 29.40।
मोहम्मद शमी के 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट हैं 27.71 औसत से।
62 टेस्ट मैचों में 223 विकेट थे।
मतलब केयर्न्स इनसे ज्यादा दूर नहीं।
वेस्ट इंडीज के प्रीमियम तेज गेंदबाज केमर रोच के 79 टेस्ट मैचों में 27.71 औसत से 265 विकेट हैं।
62 टेस्ट के बाद रोच के 211 ही विकेट थे। केयर्न्स से 7 कम।
अभी न्यूजीलैंड के वर्तमान ग्रेट गेंदबाजों से गेंदबाजी की तुलना बाकी है केयर्न्स की।
न्यूजीलैंड के महानतम गेंदबाजों में गिने जाने वाले टिम साउदी 94 टेस्ट में 370 विकेटों के साथ और ट्रेंट बोल्ट 78 टेस्ट में 317 विकेटों के साथ निस्संदेह क्रिस केयर्न्स से बहुत आगे हैं।
पर न्यूजीलैंड की टीम में तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर नील वैग्नर हैं जिनसे तुलना बनती है केयर्न्स की।
नील वैगनर के 63 टेस्ट में 27.50 के औसत से 258 विकेट हैं। इन्हें डीआरएस का लाभ मिला है इसलिए केयर्न्स के बराबर के ही आंकड़े मान सकते हैं।
न भी मानें तो केयर्न्स ज्यादा पीछे नहीं 62 टेस्ट में 218 विकेट लेकर अपनी टीम के चौथे गेंदबाज के रूप में।
वैगनर तीसरे प्रमुख गेंदबाज के रूप में भी खेलते हैं टीम में, चौथे गेंदबाज के तौर पर नहीं। ये भी ध्यान रखें।
न्यूजीलैंड टीम में स्ट्राइक गेंदबाज के तौर पर खेले क्रिस मार्टिन के 71 टेस्ट मैचों में 33.81 के औसत से 233 विकेट हैं। ये आंकड़े केयर्न्स की तुलना में खराब ही दिख रहे हैं।
डैनी मोरिसन के 48 टेस्ट मैचों में 34.68 के औसत से 160 विकेट हैं। ये भी स्ट्राइक बॉलर थे न्यूजीलैंड के। इनके आंकड़े भी केयर्न्स से अच्छे नहीं हैं।
भारत के महानतम तेज गेंदबाज आल राउंडर कपिल देव के आंकड़े भी देखिए।
131 टेस्ट मैचों में 31.10 के औसत से 5248 रन और 29.60 के औसत से 434 विकेट।
आपको ये क्रिस केयर्न्स के बराबर ही दिखेंगे। वैसे केयर्न्स दोनों क्षेत्रों में कपिल से आगे हैं गेंदबाजी में बस मामूली अंतर से। बल्लेबाज़ी में अंतर ज्यादा है।
इंग्लैंड के सर्वकालिक तेज गेंदबाज हरफनमौला
इयान बॉथम ने 108 टेस्ट मैचों में 33.50 के औसत से 52 रन बनाये हैं और 28.40 के औसत से 383 विकेट लिये हैं।
इनके आंकड़े भी क्रिस केयरंस के आस पास के हैं। बॉलिंग में मामूली अंतर से बॉथम आगे हैं और बैटिंग में केयर्न्स मामूली अंतर से आगे हैं।
बॉथम के 14 शतक हैं कपिल के 8 और केयर्न्स के 5।
बॉथम ने 27 बार पारी में 5 विकेट लिये हैं, कपिल ने 23 बार और केयर्न्स ने 13 बार।
हालांकि इसके लिये ये तर्क दिया जा सकता है कि केयर्न्स ने इन दोनों से कम मैच भी खेले।
ये एक लाजवाब तेज गेंदबाज आल राउंडर था जिसे आईसीएल में भाग लेने के कारण और बीसीसीआई से अदावत के कारण कालिस, बेन स्टोक्स और फ्लिंटॉफ के आगे भुलाने का प्रयास किया जाता है भारत में।
बहुत से लोग इस पर लिखना पसंद नहीं करते।
बोलते हैं फिक्सिंग में पकड़ा गया।
कब पकड़ा गया?
जब बीसीसीआई से पंगा लिया।
रही फिक्सिंग की बात, तो अजहर आज एचसीए के अध्यक्ष हैं , और कई दागी खिलाड़ी आईपीएल में खेल रहे हैं।
वैसे आईपीएल में तो फिक्सिंग नहीं होती न??
है न??
फ्लिंटॉफ के बारे में फिर कभी।
विपुल मिश्रा
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