स्थान देवता
विपुल मिश्रा
कांतारा फिल्म इतनी ज्यादा क्यों चली थी ?
क्योंकि उसमें एक स्थान देवता का वर्णन था।हमारी सनातन परंपरा के अनुसार हर क्षेत्र में एक स्थान देवता होता है जोकि अपने अपने क्षेत्र के लोगों की सुख सुविधा और सुरक्षा का जिम्मेदार होता है।
अगर ब्रह्म को सर्वोच्च शासक माने तो इस स्थान देवता को आप अपने क्षेत्र के कोतवाल के तौर पर मान सकते हैं और शायद यह वैसे ही काम करते भी हैं।
यह बात मैं क्यों कह रहा हूं ? क्योंकि अभी आपने भी सुना होगा उत्तराखंड में जिस सुरंग में श्रमिक फंसे हैं वहां पर प्रवेश मार्ग के पहले वहां के एक स्थान देवता बाबा बौखनाथ का मंदिर था।
जिसे यहां पर कार्य शुरू होने के बाद कुछ आधुनिकता वादियों ने हटवा दिया था।
जब श्रमिक सुरंग में फंस गए और विदेश से सहायता मांगी गई तो उस सहायता विभाग के प्रमुख अमेरिकी अर्नाल्ड हिक्स ने सबसे पहले वहां पर वह मंदिर पुनर्स्थापित करवाया और उसके बाद कार्य शुरू किया।
खुशी की बात है कि आज वह 41 श्रमिक सुरक्षित निकालने वाले हैं ।
विज्ञान अपनी जगह ,सभी की मेहनत को सलाम भी।
लेकिन स्थान देवता को नाराज नाराज करना कभी भी उचित नहीं होता।
ये होते ही होते हैं। आप विश्वास करें या नहीं।
ये दुनिया ऐसे ही नहीं चलती।
कोई ताकत ही चलाती है।
उस अज्ञात शक्ति को नमन।
विपुल मिश्रा
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com