आपका -विपुल
गाबा की विजय एक परी कथा सी थी।
बिल्कुल दादी नानी की कहानियों जैसी,
जिसमें एक दीन दुखी आदमी अपने साहस से ,अपने दिमाग और संसाधनों का सही प्रयोग करके एक बड़े राजा को हरा कर लड़ाई में जीतता है ।
ये एक चमत्कार था जो रोज़ रोज़ नहीं होते, पचासों साल नहीं होते।जिन्होंने ये सीरीज देखी थी वो आने वाली पीढ़ियों को सुनाएंगे तो लोग सहज विश्वास नहीं करेंगे।
आस्ट्रेलिया जैसी हमेशा तगड़ी रही टीम को उसके घर में उसकी सर्वश्रेष्ठ टीम को उसके दुर्भेद्य किले में टीम इण्डिया के कल के छोरों ने मात दे दी।
उन छोरों के तो दूध के दांत टूटे क्या आए भी नहीं थे।
तीसरा टेस्ट खेल रहा गिल, तीसरा टेस्ट खेल रहा सिराज, दूसरा टेस्ट खेल रहा नवदीप सैनी, ऑफिशियल दूसरा लेकिन वास्तव में पहला टेस्ट खेल रहा शार्दूल
डेब्यू कर कर रहे नटराजन और नेट गेंदबाज वॉशिंगटन सुंदर।
और हमेशा से लपोड़ी रहा पंत।
विदेशों में कभी न चला सलामी बल्लेबाज रोहित और मजबूरी में खिलाया गया मयंक।
मयंक तो वाकई केवल इसलिए खेला क्योंकि ग्यारहवां फिट प्लेयर वही था। हमेशा ओपनर रहे मयंक को मध्यक्रम में उतरना पड़ा।
लापरवाह रोहित को जिम्मेदारी लेनी पड़ी।
हारना बर्दाश्त नहीं
ये अश्विन और विहारी बता चुके थे।
अजिंक्य रहाणे ने मेलबर्न में शतक जड़ कर और अपनी कप्तानी से मैच जिताया था। रविंद्र जडेजा बता चुके थे कि वो बेन स्टोक्स नहीं तो बेन स्टोक्स से कम भी नहीं थे। मेलबर्न में पचास और सिडनी में स्मिथ का रन आऊट।
अश्विन काम कर चुके थे। बुमराह और उमेश भी दम दिखा चुके थे।
लेकिन अब ये सब दर्शक थे। पंत ने सिडनी के सत्तानबे से दिखा दिया था कि घर का बेटा अब आवारागर्दी करने के साथ जिम्मेदारी भी उठा सकता है। पुजारा घर के बड़े बेटे जैसे चुपचाप जिम्मेदारी निभाएं जा रहे थे।
5 प्रमुख गेंदबाज़ों में 3 का डेब्यू था और 2 ने आंखें ही खोली थीं बस इंटरनेशनल क्रिकेट में।
नटराजन सिराज सैनी शार्दूल और सुंदर।
कुल 5 गेंदबाज।
जान पांचों ने लगाई।
पर सैनी चोटिल हो गए।
नटराजन ने कला दिखाई
सिराज ने कलाकारी
और शार्दूल और सुंदर ने तो कमाल ही कर दिया।
गेंदबाजी में
वैसे इन पांचों में से एक भी वर्तमान टेस्ट टीम में नहीं है।
गेंदबाजी पर्याप्त नहीं थी।
शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने दिखाया कि दोनों कितने जिगरा वाले बल्लेबाज भी हैं।
जरूरत पड़ने पर स्पिनर सुंदर और पेसर शार्दूल ने शतकीय साझेदारी निभाई जब भारत के सभी धुरंधर बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे
ये साझेदारी अनमोल है , शायद भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बेहतरीन 10 साझेदारियों में से एक।
लोग पंत पुजारा और गिल की बात करते हैं।
मुझे वॉशिंगटन सुंदर के उस नो लुक सिक्स से ही पूर्वाभास सा हुआ था कि ये मैच भारत जीतने वाली है।
सुंदर का वो नो लुक सिक्स मेरे पूरे जीवन का देखा सबसे अच्छा शॉट है।
एक भारतीय नवयुवा का उदघोष सा।
“रास्ता छोड़ भाई !
सामने से हट।
जीतना है।”
और शार्दूल के 4 और सिराज के 5 विकेट के बाद अंतिम दिन
शुभमन गिल की क्लास,
पुजारा का धैर्य
और पंत की सकारात्मक ऊर्जा
जीतना ही था।
अंत में सुंदर के दो बेहतरीन शॉट्स।।
और विवेक राजदान की आवाज में बोले वो शब्द
जो अमर हो गए
“टूटा है गाबा का घमंड , जीत गई है टीम इण्डिया!”
आपका -विपुल
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