राहुल दुबे
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राजस्थान के जालौर से खबर आई कि एक शिक्षक ने एक छात्र को पानी पीने के लिए पीटा इसपर खूब हंगामा भी हुआ अब घटना का दूसरा एंगल यह आ रहा है कि शिक्षक ने छात्र को झगड़ा करने के लिए पीटा था, जातिवाद का कोई एंगल नही है लेकिन फिर भी आपको ये कहानी खूब सुनने को मिली होगी।
कुछ समय पहले ऐसे ही राजस्थान से एक खबर आई थी कि मूंछ रखने के लिए एक दलित को मार दिया गया लेकिन सच यह था कि आपसी विवाद में उस युवक की हत्या हुई थी लेकिन तब भी आपको दलितों को आजादी के बाद भी प्रताड़ित किया जा रहा है, इस टैगलाइन से खूब खबरे सुनने पढ़ने को मिली होंगी।
अप्रैल के महीने में राजस्थान से ही ये खबर आई कि ब्राह्मण डॉक्टर ने दलित महिला की उचित देखभाल नही की जिससे उसकी मौत हो गयी लेकीन सच्चाई यह थी कि महिला की मौत में डॉक्टर का कोई हाथ नही था, फिर भी ये खबरे चली और इन खबरों ने हिन्दुओ को दो धड़ो में बांट दिया।।
उत्तराखंड में खबर चलाई गयी कि एक सरकारी विद्यालय मे सवर्णों के बच्चों ने दलित महिला के हाथों से बने मिड meal को खाने से इंकार कर दिया लेकिन
सच्चाई यह थी कि वहां के प्रधानाचार्य ने एक बेसहारा महिला को भोजन माता के पद से हटाकर दूसरी भोजन माता को रख लिया था जिसका विरोध गांव वालों ने किया था लेकिन इसे जातिवाद का रंग लगा दिया गया।।
ऐसे अनगिनत केस है जिसमें सूचना के अभाव मे सवर्णों को खूब गालियां पड़ी और तथाकथित दलित नेताओ ने अपनी राजनीति और पत्रकारों ने अपनी Trp set की।।
ऐसी बातें आपको हिन्दू बनाम मुस्लिम के केसेस में भी मिल जाती है, जहाँ यदि कोई पीड़ित मुसलमान होता तो है तो कहानी को तोड़-मरोड़कर पेश करके ये कहा जाता है कि देखिए कैसे बहुसंख्यक अल्पसंख्यको को प्रताड़ित कर रहे है ।।
पिछले साल Alt news, The Wire, Print जैसे तथाकथित मीडिया संस्थानों ने ये खबर चलाई की एक मुसलमान को जय श्रीराम न कहने पर गाज़ियाबाद में पीटा गया लेकिन केस आपसी रंजिश का था।।
ठीक उसी प्रकार हरियाणा के मेवात में आसिफ खान के मौत को भी हिन्दुओ का आतंक कहकर प्रचारित किया गया लेकिन सच्चाई यह थी कि आसिफ की हत्या राजनीतिक रंजिश में हुई थी।।
इसी लीक पर चलते हुए NDTV ने ये खबर चला दी कि तनिष्क के शोरूम पर हिन्दुओ ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ हमला कर दिया है लेकिन ऐसी घटना हुई ही नही थी।।
मुसलमानों के लिए तो OFMI जैसे विदेशी संगठन है जो आये दिन भारत को मुसलमानों के शोषण का जिम्मेदार ठहराते है।।
दरअसल ये सब सुनियोजित है भारत को तोड़ने की एक साजिश है, वे अल्पसंख्यको की झूठी कहानी दिखाकर भारत को वैश्विक स्तर पर बेइज्जत करने की कोशिश है और Sc/st के प्रताड़ना की कहानी गढ़कर हिन्दुओ को तोड़ने की साजिश है जिससे हिंदुस्तान पर अपना कब्जा जमाया जा सके।।
पटना में PFI के गए मॉड्यूल के document में भी ऐसी ही प्लानिंग थी कि कैसे हम 2047 तक हिंदुस्तान पर कब्जा जमा लेंगे।।
भारतवासियों अब हमें गोली बंदूक के युद्ध का सामना नही करना पड़ेगा क्योंकि दुश्मन भी जानता है कि हम इस मोर्चे पर बहुत ताकतवर है।
अब लड़ाई Information के मोर्चे पर लड़ी जाएगी, जिसमें वे झूठी कहानियां रचकर हमें तोड़ने का प्रयास करेंगे। उनका लक्ष्य दूरगामी है, वे राजनीति से परे भारत को कब्जाना चाहते है और इस लड़ाई में हम सभी योद्धा है, जरूरत है सबको जागरूक रहने की वरना उनके कहानियो में फंसकर हम
भारत को कमजोर कर बैठेंगे ।।। समय है, हम इन्फॉर्मेशन के मोर्चे पर भारत को
मजबूत करे ।
जय हिंद !!
राहुल दुबे
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शानदार लेख सर 🙏