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भाग 1 -वीवीएस लक्ष्मण

आपका -विपुल

विपुल


वेरी वेरी स्पेशल

लक्ष्मण
वी वी एस लक्ष्मण
वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण
वेंगीपुरुप्पु वेंकट साईं लक्ष्मण
भारतीय टेस्ट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले लक्ष्मण
स्टीव वॉग की आसुरी टीम का विजय रथ रोकने वाले लक्ष्मण।
नाम तो सुना ही होगा ।

भारतीय क्रिकेट में लाला अमरनाथ ,विजय हज़ारे, विजय मर्चेंट ,वीनू मांकड़, टाइगर पटौदी ,सुनील गावस्कर ,कपिल देव ,सचिन तेंदुलकर ,राहुल द्रविड़ ,गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे कई बेहतरीन बल्लेबाज हुये हैं ।पर भारत की टेस्ट क्रिकेट की दिशा और दशा बदलने वाली सर्वश्रेष्ठ पारी लक्षमण की ही है।विजडन की चुनी गयी छठे नंबर की सर्वश्रेष्ठ पारी |इडेन गार्डन 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फोलोऑनके बाद 281 रनों की पारी |

प्रारम्भ

तेलंगाना के विजयवाड़ा डॉक्टर दंपति शांताराम और सत्यभामा के होनहार पुत्र लक्ष्मण ने जब लिटिल फ्लावर हाईस्कूल हैदराबाद में एडमिशन लिया था तभी क्रिकेटर बनने की सोच ली तेलंगाना के विजयवाड़ा डॉक्टर दंपति शांताराम और सत्यभामा के होनहार पुत्र लक्ष्मण ने जब लिटिल फ्लावर हाईस्कूल हैदराबाद में एडमिशन लिया था तभी क्रिकेटर बनने की सोच ली थी।अंडर 19 टीम में 1994 में चुन भी लिये गये।थी।अंडर 19 टीम में 1994 में चुन भी लिये गये।

शून्य से शुरुआत


88 रन मारे पहली ही ईनिंग में ब्रेट ली और जैसन गिलेस्पी के खिलाफ ।यहीं से सांभर बड़ा के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी लक्ष्मण का दूसरा मुख्य पसंदीदा खाद्य पदार्थ हो गया।
इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में भी इसी साल अंडर 19 में अच्छा प्रदर्शन किया नंबर 6 पर और भारतीय टीम में दरवाजे पर दस्तक दी।दोनों हाथों से।

हालांकि 134 मैचों में 45.97 के एवरेज और 49.37 के स्ट्राइक रेट से 8781 रन ,17 शतक ,56 अर्धशतक बेस्ट 281 और 2 बार दोहरा शतक मारने वाले वीवीएस लक्ष्मण 1992-93 के रणजी सीजन में अपने घरेलू डेब्यू मैच की पहली ही ईनिंग में शून्य पर आउट हो गये थे।
हैदराबाद का क्वार्टर फाइनल मैच था, पंजाब के खिलाफ।

दूसरी पारी में 17, एक और मैच और फिर ड्राप ।
लेकिन लक्ष्मण जैसी प्रतिभा छुप नहीं सकती थी 1994 -95 में दलीप ट्रॉफी में दक्षिण क्षेत्र के लिये चुन लिये गये।ऑस्ट्रेलिया ए और इंग्लैंड ए के खिलाफ बनाये गए रनों के कारण।

टेस्ट डेब्यू

इस साल 1995 में दलीप ट्रोफी में लक्ष्मण ने शतक बनाया औऱ रणजी ट्राफी में 775 रन।लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम में अगले साल चुने गए और 20 नवंबर 1996 को हैंसी क्रोनिए की तगड़ी दक्षिण अफ्रीका टीम के सामने डेब्यू किया।

नंबर 6 पर उतरे ।पहली पारी में 43 गेंदे खेलीं 11 रन बनाये और सफेद बिजली डोनाल्ड ने पगबाधा आउट कर दिया।
दूसरी पारी में अज़ीब एक्शन वाले पॉल एडम्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू होने के पहले 125 गेंदों पर 51 रन बना दिये थे।
भारत मैच जीता और लक्ष्मण अगला मैच खेले जिसमें अज़हर और क्लूजनर ने कहर बरपा दिया था ।
दूसरे टेस्ट में मात्र 14 और 1 रन बना पाये ।भारत हारा इसलिए सीरीज का तीसरा टेस्ट नहीं खिलाये गये ।इसके बाद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका गई और पहला मैच बुरी तरह हारने के बाद दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में लक्ष्मण को खेलने का मौका मिला।दूसरे टेस्ट में 5 और 35 बनाये ।भारत हारा तीसरे में चोटिल हो गए ।मैच ड्रा।

इसके बाद वेस्टइंडीज दौरे पर गये और 5 टेस्ट मैचों में बतौर ओपनर खिलाये गये।सीरीज की पहली पारी में 64 और सातवीं में 54 के अलावा दो जीरो भी थे।लेकिन टीम में बने रहे।1998 में भारत में आई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में ओपनर के तौर पर 95 रन बनाए।
1999 में पाकिस्तान के खिलाफ 3 टेस्ट मैच ओपनर के तौर पर खेले ।1 मैच श्रीलंका के खिलाफ खेले कोई खास प्रदर्शन नहीं रहा ।लेकिन 1999 – 2000 मे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये ले जाये गये।

पहले टेस्ट में लक्ष्मण पहली पारी में वन डाउन उतरे ।41 बनाये।दूसरी में 0।भारत हारा।
दूसरे में ओपनिंग की ।स्कोर 5 और 1।भारत हारा।
तीसरे में फिर ओपनिंग की।
पहली पारी में 7
लेकिन दूसरी पारी ।
?

सिडनी की सनसनी

सिडनी में 4 जनवरी 2000 को भारत की दूसरी पारी में लक्ष्मण ने भारतीय टेस्ट इतिहास की सर्वोत्तम 50 शतकों में से एक लगाया।
198 गेंदों पर 167
टीम का स्कोर 261
27 चौके
84 स्ट्राइक रेट
बाकी स्कोर
3,0,4,25,8,15,0,15,3

लक्ष्मण की क्लास देखी दुनिया ने

इसके बाद इन्हें टीम से हटाया नहीं जा सकता था ।लेकिन लक्ष्मण ने ओपनिंग करनेसे साफ मना कर दिया ।बोले खिलाओ या नहीं,ओपनिंग नहीं करूंगा और डोमेस्टिक में लौट आये ।1000 रन बना डाले।
लक्ष्मण जैसे शांत खिलाड़ी का गुस्सा सचिन और गांगुली ने शांत किया ।इन्हें दादा ने वापस बुलाया और ज़िंबाब्वे के खिलाफ 2000 के अंत में हहुये टेस्ट में ये नंबर 6 पर खेले।लेकिन तूफान आना बाकी था।
स्टीव वॉग की ऑस्ट्रेलयाई टेस्ट टीम मेरी देखी टेस्ट टीमों में से सबसे घातक थी।स्टीव की घूरती नज़रें, मार्क वॉग की उपहास उड़ाती मुस्कान, मैक्ग्रा की रफनेस, वार्न की चालाक चालें और हेडेन की दमदार परसोनोलिटी।
पोंटिंग ?
वो तो बच्चा था तब इन सब धुरंधरों के सामने ।केवल गाली देने आता था।

इडेन गार्डेन की यादगार पारी

तो 27 फरवरी 2001 को वानखेड़े में हुये टेस्ट में स्टीव वॉग एंड कम्पनी ने दादा के दिलेरों को हराया नहीं,
रौंद डाला।
सचिन ही मात्र दोनों पारियों में 50 पार कर पाये थे।लक्ष्मण ने 20 और 12 रन बनाए।

तो 27 फरवरी 2001 को वानखेड़े में हुये टेस्ट में स्टीव वॉग एंड कम्पनी ने दादा के दिलेरों को हराया नहीं,
रौंद डाला।
सचिन ही मात्र दोनों पारियों में 50 पार कर पाये थे।लक्ष्मण ने 20 और 12 रन बनाए।

कोलकाता में 11 मार्च 2000 को शुरू हुये दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के 445 के जवाब में भारत 171 पर आउट हो गया और फालोऑन खेलना पड़ा।लक्षमण ने पहली पारी में सर्वाधिक 59 बनाये थे।इसलिए दूसरी पारी में वन डाउन भेजे गये।
इसके बाद जो हुआ वो आज़तक गाया जाता है।लक्ष्मण ने मैक्ग्रा ,गिलेस्पी, कस्प्रोविक ,वार्न जैसे ऐसे गेंदबाज़ों को बच्चों की तरह टहलाया ,जो सपनों में भी आते थे तो बल्लेबाज काँप जाते थे। टेस्ट क्रिकेट में तत्कालीन भारतीय सर्वोच्च स्कोर 281 बनाया।सीरीज डिसाइडर चेन्नई टेस्ट में 65 और 66 रनों की पारी खेली ।भारत चेन्नई टेस्ट और सीरीज दोनों जीता।
लक्ष्मण ने फिर मुड़कर नहीं देखा।

2001 के बाद

एडीलेड टेस्ट 2003 में ऐतिहासिक विजय में द्रविड़ के साथ शतक लगाकर भारत को जीत दिलाने के पहले मोहाली में न्यूज़ीलैंड और कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाया।सिडनी में फिर सैकड़ा मारा।

साउथ अफ्रीका में ,न्यूज़ीलैंड में ,पाकिस्तान में हर ज़गह अच्छा प्रदर्शन किया।
अक्टूबर 2010 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यादगार 73 नाबाद पारी चौथी पारी में खेली और ईशान्त शर्मा और प्रज्ञान ओझा के साथ मिलकर भारत को जिताया।

24 जनवरी 2012 को एडीलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट खेले ।
18 और 35 रन बनाये।

एकदिवसीय कैरियर

लक्ष्मण ने 9 अप्रैल 1998 को1 कटक में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था और 0 पर आउट हुये थे।अंतिम वनडे मैच 3 दिसम्बर 2006 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था ।इसमें भी 0 ही बनाये थे।

लक्ष्मण ने कुल 86 वनडे मैचों में 30 .76 के एवरेज और 71.23 के स्ट्राइक रेट से 2338 रन बनाए हैं ।
6 शतक 10 पचासे बेस्ट 131

विश्वकप में नहीं खिलाये गये

लक्ष्मण कभी एकदिवसीय विश्वकप में नहीं खिलाये गये ।2003 में इनके ऊपर दिनेश मोंगिया को तरजीह दी गई जो बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते थे।
2003 विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हारने का एक बड़ा कारण ये भी था कि ऑस्ट्रेलयाई बल्लेबाजों में अपनी शक्ल दिखकर ही दहशत पैदा करने वाले वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण टीम में नहीं थे। लक्ष्मण के 17 में 6 टेस्ट शतक और 6 में से 4 वनडे शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैं।

प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड

लक्ष्मण का प्रथम श्रेणी में 51 का औसत है और 19730 रन हैं।
20 हज़ार से मात्र 270 रन कम।
तालियां बजाओगे कि नहीं ?

लिस्ट ए में 35 का एवरेज है।टी 20 में 22 का।
लक्ष्मण अदभुत खिलाड़ी थे।आईपीएल के पहले संस्करण में हैदराबाद की कप्तानी की हारे।अगले सीजन में चुपचाप गिलक्रिस्ट की कप्तानी में खेल लिये ।जीत गए ।आईपीएल।

वेरी वेरी स्पेशल

लक्ष्मण इस समय नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर हैं।
इंडिया ए और उस अंडर 19 टीम के मुख्य कोच रहे जो इस साल विश्वकप जीती है।
फिर तालियां बज़ाओ।

सचिन के लिये कोहली आ गये
द्रविड़ के लिये पुजारा।
सहवाग के लिये पंत।
पर लक्ष्मण की जगह पता है कोई क्यों नहीं आया ?
क्योंकि वेरी वेरी स्पेशल सिर्फ एक ही हो सकता है।
आपका -विपुल

विपुल


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