विजयंत खत्री
आपने आजकल बहुत सुना होगा कि फलां आदमी वोक है, अमेरिका मे वोकिज्म ने बवाल मचाया हुआ है। भारत में भी वोकिज्म ने दस्तक दे दी है। तो आज आपको समझाते हैं कि आखिर वोकिज्म है क्य़ा? परिभाषा अनुसार इसका मतलब है कि – सामाजिक और राजनीतिक अन्याय के प्रति संवेदनशील लोगों का व्यवहार और दृष्टिकोण।
आधुनिक वोकिज्म की शुरआत अमेरिका से सन 2000 से 2010 के मध्य से हुईं। जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकन पुलिस द्वारा काले लोगों पर हो रहे अत्याचार पर आवाज उठाना था। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के निचले तबके को उन पर हो रहे अत्याचार के प्रति जागृत करना था। जोकि आपको सुन कर लगेगा कि ये तो बड़ा ही उत्तम विचार है। वास्तव मे ऐसा नहीं हुआ और वोकिज्म का हाल वही हुआ जो भारत मे तथाकथित दलित उत्थान के नाम पर चंद लोगों के उत्थान के साथ हुआ। लोगों ने असली समस्याओ को छोड़ कर अपने मन से समस्यायें बनाना शुरू कर दिया। और आज हालात ये है कि आधी अमेरिकन जनता वोक है और आधी जनता वोक लोगों को मानसिक बीमार मानते हैं। वास्तव मे आधुनिक वोक लोग वास्तविक समस्याओं को छोड़कर अपने मन से समस्या बनाने मे माहिर हैं। वोकिस्म आज के समय मे अराजक मानसिकता है।
अमेरिका मे वोकिस्म ने कहर ढाया हुआ है। ये लोग ख़ुद को धुर वामपंथी मानते हैं। धर्म और धार्मिक लोगों से इन्हें नफ़रत है। लेकिन ख़ुद इन्होंने वोकिस्म को एक धर्म की तरह मान लिया है। अगर आप इनकी बातों से सहमत नहीं हो तो आप पिछड़ी सोच के, फासीवादी हैं। इनके हिसाब से लिंग दो नहीं है जैसा हमे विज्ञान या व्याकरण में पढ़ाया गया है जैसे स्त्री और पुरुष। इनके हिसाब से लिंग अनेक हैं, और लिंग प्राकृतिक नहीं हैं बल्कि ये जो मान ले वही इनका लिंग है। अगर एक पुरुष अपने आप को स्त्री घोषित कर दे तो वो स्त्री ही माना जाएगा। अगर आप नहीं मानते हैं या उसकी इस मूर्खता पर हंसते हैं तो आप फासीवादी हैं।
वोक लोगों के अलग ही चोंचले हैं। आप इनकी मांग सुन कर कहेंगे कि ये लोग वास्तव मे मानसिक रूप से बीमार हैं। वोक लोगों के महान विचार निम्नलिखित हैं –
1- ये अमेरिका मे कक्षा एक के बच्चों को सेक्स, गे, लेस्बियन, LGBTQ+ इत्यादि के बारे मे पढ़ाना चाहते हैं। ये चाहते हैं कि बच्चे सामान्य बच्चों की भाँति व्यवहार ना करें। ये अपने जैसे वोक लोगों को नींव से बनाना चाहते हैं। ट्विटर पर एक अकाउंट Libs Of Tiktok इस पर बहुत बेहतरीन रिपोर्टिग करते हैं कि कैसे अंजान बच्चों को वोकिस्म की ओर धकेला जा रहा है, वो भी बिना उनके माता पिता की अनुमति के। साथ ही वोक अध्यापकों द्वारा इस प्रकार की शिक्षा देते समय बच्चों के शारीरिक शोषण की घटनायें भी हो रही हैं। भयानक बात तो ये है अगर पुलिस अमेरिका मे ऐसे लोगों को पकड़ लेती है तो वोक लोग हंगामा कर देते हैं।
2- कहते हैं चोर – चोर मौसेरा भाई। फर्जी नारीवादी लोग वोकिस्म ग्रुप के ही हैं। इनके लिए महिलाओ की सबसे बड़ी समस्या ये है कि उन्हें पुरुषों के लिए निर्मित शौचालय मे घुसने नहीं दिया जा रहा है। बाकी सब महिला समस्याओं को गौण माना जाता है।
3- साथ ही ये वोक लोग नस्लवादी भी हैं। इनके अनुसार व्हाइट सुप्रीमेसी ही सब समस्याओ का मूल है। भारत मे भी इसी तर्ज पर ब्राम्हणों को सभी समस्याओं का कारण मान लिया जाता है।
4- इनके लिए LGBTQ+ समाज का उत्थान हो ना हो ये मायने नहीं रखता पर पर इसके नाम पर सामान्य लोगों को भी LGBTQ+ बन जाना चाहिए।ऐसी मंशा रहती है |
5- ये लोग अमेरिका में अपने आप को जाग्रत लोगों में मानते हैं। जहां एक तरफ कोविड लॉकडाउन और वैक्सीन को सपोर्ट करते हुए ख़ुद को विज्ञान को मानने वाले मानते हैं, वही अगर कोई इन्हें ये कह दे कि जीव विज्ञान के आधार पर लिंग दो ही होते हैं तो ये अपने द्वारा निर्धारित लिंगों की संख्या गिना कर आपको पागल कर देंगे।
6- ये लोग ख़ुद को पर्यावरण संरक्षक भी मानते हैं जबकि ख़ुद एसी कमरे मे रह कर सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सोशल मीडिया प़र पोस्ट करने या सड़कों पर अराजकता फैलाने के अलावा इन लोगों ने एक पेड़ नहीं लगाया होता है।
7- वोक लोगों द्वारा कैन्सिल कल्चर को इज़ाद किया गया। इसका उद्देश्य ये है कि जो लोग वोकिज्म को नहीं मानते हैं या इसका विरोध करते हैं उनका आर्थिक बहिष्कार करना था। जो लोग इनकी बातों से सहमत नहीं होते हैं उनका क्रूरता से सामाजिक, आर्थिक और मानसिक पतन का भरपूर प्रयास किया जाता है। जो इनकी बातों से सहमत नहीं होते हैं, उनका ख़ुद ये फासीवादियों की तरह दमन का प्रयास करते हैं।
8- साथ ही ये लोग कट्टर प्रो-अबॉर्शन लोग है। इनके अनुसार माँ के पेट मे पल रहा बच्चा माँ के ही शरीर का हिस्सा है और अगर माँ चाहे तो बच्चे को अबॉर्ट करा सकती है। ये इतने मानसिक दिवालिया लोग हैं कि जब अमेरिका के कुछ राज्यों में अबॉर्शन विरोधी कानून बनाए तो सरकार के खिलाफ़ अपना गुस्सा दिखाने के लिए सामूहिक अबॉर्शन कराकर जगह जगह पर पार्टी का आयोजन किया गया।
9- वोक लोग धर्म को ना मानने वाले लोग नहीं है बल्कि धर्म से घृणा करने वाले लोग हैं। ये इस्लाम को छोड़कर हर धर्म से घृणा करते हैं। हर धर्म का अपमान करना इनका काम है। हर धर्म के भगवान, देवी देवताओं का अपमान करते दिख जाएंगे परन्तु इस्लाम के खिलाफ ये इसी लिए नहीं बोल पाते हैं क्यूँकि इन्हें अपनी गर्दन की भी चिंता रहती है।
10-वोक लोगों के मानसिक दिवालियापन का यही अंत नहीं है। ये लोग सामाजिक ढांचे के खिलाफ हैं। शादी करना, बच्चे पैदा करना, धार्मिक होना इनके हिसाब से बेकार है। फर्जी मानसिक दीवालिया समाज का निर्माण करना, एक अराजक समाज का निर्माण ही इनका उदेश्य प्रतीत होता है |
अगर आप अमेरिका या कनाडा की सोशल मीडिया को फालो करते हैं या आपके दोस्त रिश्तेदार वहाँ रहते हैं तो आप भली भाँति इस समस्या से परिचित होंगे। धीरे धीरे वोकिज्म भारत मे भी दस्तक दे रहा है। पर अभी तक ये बड़े शहरों के उच्च आय वर्गीय नवयुवक – नवयुवतियों तक ही सीमित है। पर धीरे धीरे पूरे भारत मे पैर पसार रहा है। हालांकि विशेषज्ञों की माने तो वोकिज्म भारत मे सफल नहीं होगा परंतु भारत के सामजिक ढांचे के लिए समस्या ज़रूर उत्पन्न करेगा।……………………………………………………………………….
बाकी वोक लोगों और वोकिज्म के बारे मे लिखने की शुरुआत है। जल्दी ही भाग दो मिलेगा।
विजयंत खत्री
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Bdhiya likhte hai aap Vijayant bhaiya…. Agar samay mile to jald hi aur likhiyega wokeism par
ये लेख बहुत ही सरल और रोचक शब्दावली से लिखा गया समझदारी बढ़ाने वाला है।
एक घटना इस लेख के 5 क्रमांक बिंदु के क्रम में ही भरतपुर (राजस्थान) में दो महिला मित्र ने आपस में एक लड़की ने लिंग बदलवाकर माता – पिता की अनुमति से विवाह किया। ऐसी कई मिलती जुलती घटनाएं पढ़ने में आती है।
बहुत ही सरल प्रकार से समझाया है,इससे बचने का सरल उपाय अपने परिवार जनों विशेषकर बच्चों से संवाद बढ़ाना ,भारतीय दृष्टिकोण से उनको परिवार तथा समाज की वैज्ञानिक व्यवस्था को समझाना,भारत को देखने का भारतीय दृष्टिकोण विकसित करना है।