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अमरेंद्र ठकुराई
नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी:
आज बात करेंगे मोदी जी और राहुल गांधी जी के हालिया वक्तव्य और उसकी विश्वसनीयता पर,
बात कुछ ऐसी है कि अभी हाल ही में संपन्न हुआ संसद सत्र में दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी बाते रखी, जिस पर पूरा देश अपना नजर बनाये था कि कौन बाजी मारेगा और हमेशा की तरह इसबार भी एक बार फिर मोदी जी ने बाजी मारी।लेकिन बात इतनी ही नहीं है क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि राहुल जी ने इस बार बाजी को अपने हक में जीता है और वह इसका प्रमाण स्वरुप सोशल नेटवर्किंग साइटों के दर्शकों के कुछ आंकड़े दिखा रहे हैं कि मोदी जी से ज्यादा लोगों ने राहुल जी को सुना और देखा है। ये सच भी है कि इस बार मोदी जी से ज्यादा राहुल जी को लोगों ने सुना और देखा ।अब इसका कारण क्या है ?
मुझे जो समझ आ रहा है उन कारणों को मैं बिन्दुवार आगे बताने जा रहा हूं।
जैसे पहला कारण जो मैं समझता हूँ कि भाजपा की सोशल नेटवर्किंग साइट टीम को सम्भालने वाले लोग अपने घमंड और जमीन से कटने के कारण, अपने लोगों की अनदेखी करने लगे हैं। ये उन लोगों से बिलकुल मतलब नहीं रखते जो इनके लिए बिना पैसा लिये दिन रात सोशल नेटवर्किंग साइटों पर विचारधारा के नाम पर अपनी प्रतिद्वंदी विचारधारा के लोगों से बिना किसी लोभ लालच के , केवल अपनी विचारधारा के लिये उनके कुटिल एजेंडों और विचारों का डट कर के सामना करते रहते हैं। भाजपा की सोशल मीडिया टीम के लोग ऐसे लोगों की लगातार अनदेखी या उपेक्षा के अलावा उपहास भी करते रहे हैं तो ऐसे लोगों के अंदर एक क्षुब्ध भाव सा घर कर गया है।वे अब इनसे दूरी बनाना शुरू कर दिये हैं ।
दूसरा जो मुख्य कारण मुझे दिखता है, वह है अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं के उपर दूसरे राजनैतिक दलों से आये हुए दलबदलू लोगों को तरजीह देना, इससे पुराने कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर बहुत रोष है।
तीसरा कारण है कि मोदीजी के रोज रोज आते भाषणों अब में कुछ नयापन ही नहीं होता।
अब उनके भाषणों में वही पुरानी कहानी कि नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक ने ये किया , वो किया,क्या किया ,क्या नहीं किया ही होता है।
भाई देश ने आपको सत्ता उनको कोसने के लिए नही सौंपी बल्कि उनकी की हुई गलतियों को सुधारने के लिये सौंपी थी।
लेकिन आप हर बार बिना नेहरू को कोसे रह नहीं पाते जिससे लोग उकता चुके हैं और अब बार बार एक ही बात को सुनने को उत्सुक बिलकुल नहीं हैं ।
चौथा कारण है मध्यम वर्ग और सवर्ण वर्ग का इनसे होता मोहभंग, इसकी शुरुआत उस समय ही हो गई थी जब इन्होंने ST / SC ACT को बदलने का कुत्सित काम किया था,रही सही कसर पसमांदा प्रेम और तथाकथित तृप्तिकरण ने पूरा कर दिया है।और भी बहुत सारे कारण है इनसे मोहभंग का ।
अब बात करते हैं राहुल गांधी की बातों की
ज्यादा सुनना या दिखना। स्वाभाविक है कि जब किसी एक विचारधारा के लोग जब उससे दूर भागेंगे तो उसके विपरीत विचार अपने आप आगे बढ़ेगा।
दूसरा कारण है एक संगठित तरीके से राहुल गांधी को मोदी के सामने बराबरी में लाने के लिए सारे मोदी विरोधी तत्वों का साथ मिलकर काम करना!
तीसरा कारण है कुछ भाजपा के समर्थक जो राहुल गांधी को , उनके भाषणों को चुटकुले या मीम वगैरह बनाने के लिए प्रयुक्त करेंगे और राहुल गांधी को मुफ्त पब्लिसिटी देंगे ।
और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि आज की तारीख में भाजपा सोशल मीडिया टीम या भाजपा आईटी सेल की पकड़ सोशल मीडिया पर कम हो रही है और कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम या कांग्रेस की आईटी सेल की पकड़ सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट पर काफी तेजी से मजबूत हो रही है।
अब ये बात भाजपा वाले मानें या ना मानें लेकिन सच्चाई तो यही है।
धन्यवाद
अमरेंद्र ठकुराई @Thakuraiji
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