राहुल दुबे
आज जब सुबह उठा तो एक संघी, ब्राह्मणवादी, कट्टर मित्र का मैसेज आया था Viva La France अलसायी आंखों से जब मैंने यह मैसेज पढ़ा तो कुछ समझ नहीं सका क्या हुआ? आखिर इस सन्देश का मतलब क्या है?
तभी अचानक याद आया अरे आज आधी रात में तो प्रिय मोरक्को और नए नए कट्टर संघी बने फ्रांस के बीच फुटबॉल वर्ल्डकप का मुकाबला था| ख़ैर मैं आधी रात तक न जागने में विश्वास रखता हूँ और सच यह हैं कि फुटबॉल प्रेमी भी नहीं हूं लेकिन प्रिय मोरक्को की जीत की दुआ करके सो गया था कि अपना मोरक्को इन संघियों को तो हरा ही देगा लेकिन जब ये मैसेज पढ़ा तो अचानक दुनिया अनजानी लगने लगीं कुछ दिन पहले जब प्रिय मोरक्को ने पुर्तगाल को हराया था तो साथी कामरेड इस खुशी में बैल दुहने निकल पड़े थे तो कन्फर्म करने निकल पड़ा कि यदि मोरक्को जीता होगा तो आज भी बैल दुहने का प्रोग्राम बन रहा होगा लेकिन वहां पहुंचा तो देखा कि मंजर श्रंद्धाजलि सभा वाला था, मन विचलित होने लगा एक कामरेड ने बताया मोरक्को दो गोल से पिछड़ गया ।
हम मोरक्को से अनजान थे लेकिन शांतिप्रिय राष्ट्र से एक अलग बॉन्डिंग हो जाती हैं सो हो गयी थी, इस फीफा विश्वकप में।।
कितना खूबसूरत होता यदि मोरक्को विश्वकप जीतता लेकिन संघी विश्व में एक मुसलमान देश कहा जीत पायेगा संघी जश्न मना रहे थे फ्रांस की जीत का एक साथी कामरेड ने बड़े अरमानों से फ्रांस को प्रिय कहकर ये कहा था कि यदि मोरक्को हरा देगा तो क्या फ्रांस इमानुएल को हटाएगा क्या इस्लामफोबिया को रोक लगाएगा लेकिन यहां तो मोरक्को ही हार गया।।
मोरक्को से शिकायत नहीं हैं बेचारे अच्छा खेले लेकिन संघी विश्व में कहा मुमकिन हैं सब कुछ जीत लेना,
संघी समाज हमारी भावनाओं का मजाक बना
रहा हैं कह रहा हैं कि ये इस्लाम की हार हैं कह रहे हैं कि तुम्हारी दुआएं कुबूल तो नहीं हुई ।
पता नहीं क्यों दुःख साथ ही नहीं छोड़ रहा मेरा कुछ दिन पहले NDTV बेवफा हो गयी आज मोरक्को हार गया समझ नहीं आ रहा करु तो क्या करूँ अभी तो अपने भी मुझे भाव नहीं दे रहे है, पुर्तगाल के खिलाफ जब गजवा-ए- पुर्तगाल का जश्न बैल दुहकर मनाया था तब भी आमंत्रित नहीं किया था ।।
ख़ैर ये सब तो चलता रहेगा लेकिन मेरा काम तो सवाल पूछना हैं ना वो मैं कहीं भी पूछूंगा रोड पर खड़े होकर भी
आखिर हम एक समाज के रूप में इतना गिर क्यों रहे हैं हमारे उसूलों को हो क्या गया हैं।।
फ्रांस ने हिजाब पर बैन लगा दिया हैं आज उसी इस्लामफोबिक फ्रांस की जीत पर एक धड़ा हमारा उपहास कर रहा हैं कह रहा 2 बिलियन लोग हार गए
अरे हमारा सम्मान क्यों नहीं हैं।
हम इतने शांतिप्रिय हैं , लोग कह रहे है हमारे गैंग के लोगो ने फ्रांस में दंगा कर दिया हैं हमें भला बुरा कह रहे हैं मैं उन्हें बताना चाहता हूं ये आगजनी दंगा नहीं है ये इस्लाम के लोगो की भावनाएं हैं जो उमड़ रहीं है, हमारा खून गर्म होता है, इसलिए हम शांतिप्रिय हैं हार के दुःख से ये अंगार का रूप ले रहा हैं, मुझे पता हैं इमानुएल इन आग लगाने वाले लोगों पर करवाई कराएगा लेकिन ये लोग सम्मानित करने लायक हैं आज के समय में लोग अपनी भावनाएं नही बताकर Dispression( पता हैं डिप्रेशन होता हैं लेकिन डिप्रेशन संघी शब्द जैसा है, इसलिए अब उसका नाम डिस्प्रेशन होगा) का शिकार हो रहें हैं उस समय यदि कुछ लोग भावनाओं का ज्वार कुछ कार फूंक कर ही बहा रहें है तो क्या दिक्कत हैं।।
मुझे समझ नहीं आया कि लोग हम शांतिप्रिय लोगो से इतना जलते क्यों है खैर लोग जलते है तो हम जलाते भी हैं। हे! हे!
मोरक्को की हार पचा नहीं पा रहा हूँ उससे अधिक शूल संघियों के ताने दे रहें है लेकिन क्या करूँ जिंदगी ही बर्बाद हो गयी हैं, शायद NDTV बेवफा न हुई होती विश्व की सबसे बेहतरीन अदाकारा दीपिका जी का इंटरव्यू करता पठान फ़िल्म के रिलीज होने के अवसर पर लेकिन वो मौका भी नहीं मिलेगा।
NDTV की बेवफाई से निकलने का बेहतरीन मौका था मोरक्को की जीत लेकिन अब वो भी दूर हो गयी हैं आखिर दुनिया इतनी जालिम क्यों हैं, प्रिय पाक अंग्रेजों से सीरीज हार गया , संघी कोहली के रन बनाने लगे , शतक लगने लगें।
भूमिहार ईशान किशन ने दोहरा जड़ दिया क्या ये कम था जो मोरक्को भी हार गया।
अब न जाने क्या होगा ख़ैर मैंने Yoya और उसके चेलों को पहले ही समझा रखा था कि यूट्यूब की कमाई का एक पैसा भी नहीं दूंगा एक ने वीडियो डाला था मेरा रिपोर्ट करके उड़वा दिया मैं बता रहा हूँ सलीम कमाई से कोई मजाक नहीं ।
ख़ैर मोरक्को की हार से दुःखी हूँ, मुझसे अधिक राणा दुःखी होगी , 2 बिलियन लोग और दुःखी होंगे।।
खाना नहीं पच पायेगा इस दुःख में बैल दुहने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया गया हैं।
पता नहीं खुशी कब मिलेगी शायद प्रिय बाबर दोहरा जड़ दे तो दिल को थोड़ा राहत मिलें।।
तब तक के लिए नमस्कार।
राहुल दुबे
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com