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आपका -विपुल
आज बात आत्मविश्वास और वाक् क्षमता पर कर लेते हैं।
हमेशा की तरह ये बात केवल युवा और कैरियर के प्रति जागरूक लोगों और डिप्रेशन से जूझ चुके या जूझ रहे लोगों के लिये है।
बाकी लोगों के लिये नहीं।

टीवी , ट्विटर, फेसबुक छोड़े।
अखबार पढ़ा करो कम से कम दो, जो तुम्हारे यहां चलते हों, तुम्हारे शहर की खबरें देते हों। हिंदी या इंग्लिश कुछ भी। पूरा पढ़ो। हर पेज , हर खबर। खबरें वहीं मिलती हैं।आत्मविश्वास के लिए सबसे जरूरी तुम्हें पता होना चाहिए, अगल बगल क्या हो रहा है तुम्हारे।

कोई खेल का शौक पालो। टीम खेल का। खेल हारने के बाद भी सर ऊंचा करके चलना सिखाता है। जीतने के बाद भी हारने वाले का सम्मान करना सिखाता है। टीम में काम करना सिखाता है और योजना बनाना सिखाता है । मैं साधारण आदमी हूं, यही बता सकता हूं। पता नहीं मैं समझा पा रहा हूं या नहीं।

ट्रैवलिंग करो, अपनी गाड़ी में नहीं।
बस से , ट्रेन से , ऑटो से।
टिकट खिड़की पर लाइन में लगने से, ऑटो वाले से झगड़ने पर, बस में साइड खिड़की मांगने वाले को मना करने पर बोलोगे भी और कॉन्फिडेंस भी आयेगा , शर्म छूटेगी।
शायद तुम्हें समझ आ रहा होगा।

छोटे बच्चों के साथ समय बिताओ ,5 7 साल के बच्चों के साथ। अच्छा लगेगा तुम्हें। और 10 12 इतने छोटे बच्चों के बीच खड़े होकर भाषण देने की प्रैक्टिस कर सकते हो। वो तुम्हें बेवकूफ समझेंगे या समझेंगे कि खेल हो रहा है और तुम्हें एक ऑडियंस मिलेगी जिसके साथ प्रैक्टिस कर सकते हो।

एक आखिरी बात। किसी से नमस्ते करोगे तो पलट कर गाली नहीं ही देगा । ज्यादा कूल मत बनो कि औपचारिक अभिवादन नहीं करना।
रोज अपने अगल बगल के बुजुर्गों को पांय लागी बोलो और छोटों से अपनी तरफ से नमस्ते बोलो।
ये छोटी चीज लगती है लेकिन आत्मविश्वास बढ़ाने की डोलो 650 गोली है ये।
🙏🙏🙏🙏

आपका -विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com


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