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आपका- विपुल

विराट कोहली और गौतम गम्भीर के बीच अभी जो कहासुनी हुई , लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच हुये आईपीएल 2023 के लखनऊ में हुये मैच के समाप्त होने के बाद, वो नजरंदाज करने लायक चीज नहीं है और न ही कोई छोटी चीज।
1 मई थी 2023 की, दिन सोमवार और जगह लखनऊ का ईकाना स्टेडियम।
ईकाना स्टेडियम की पिच इतनी धीमी थी कि आरसीबी के 126 के जवाब में लखनऊ की आईपीएल टीम केवल 108 ही बना पाई और आल आउट हो गई।
लखनऊ की पूरी बल्लेबाज़ी पारी के दौरान विराट आक्रामक मूड में थे और तरह तरह के उकसाने वाले इशारे भी कर रहे थे।

शायद उन्हें गुस्सा था लखनऊ के खिलाफ पिछ्ले मैच का जो अंतिम गेंद पर आरसीबी हार गई थी और लखनऊ टीम के मेंटर गौतम गम्भीर ने बेंगलुरु की जनता को उंगली से चुप रहने का इशारा किया था।

कोहली और गम्भीर में तनातनी कोई नई नहीं है।2013 में गौतम गम्भीर केकेआर के कप्तान थे और कोहली आरसीबी के बल्लेबाज, तब भी एक आईपीएल मैच के दौरान इनकी कहासुनी हुई थी और दिल्ली के ही रजत भाटिया ने बीच बचाव किया था। गम्भीर और कोहली दिल्ली रणजी टीम के ही सदस्य रहे हैं।


1 मई 2023 वाले मैच में:-
वैसे तो विराट मेयर्स के रूप में लखनऊ का पहला विकेट गिरने के बाद से ही बेनस्टोक्स, मदर स्टोक्स को याद कर रहे थे पर बात 17 वें ओवर में ज्यादा बिगड़ गई जब अफगानिस्तान के गेंदबाज नवीन उल हक क्रीज पर आये और कोहली ने सिराज को नवीन को बाउंसर मारने के लिए फैंसी शब्दों में कुछ कहा, सिराज ने नवीन को कुछ उकसाया और नवीन विराट से उलझे।

बीच बचाव करने अमित मिश्रा आये और शायद विराट उनसे भी उलझे, अंपायर दौड़ कर मामला सुलझाने पहुंचे।
इस दरमियान कोहली ने नवीन उल हक को दो बार अपना जूता दिखाया। क्यों दिखाया?

स्पष्ट अभी भी नहीं लेकिन प्रथम दृष्ट्या विराट के स्तर के खिलाड़ी को ऐसी हरकतें करते देख अच्छा नहीं लगा।
सारी चीजों के वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं इसलिये कुछ भी छुपाया भी नहीं जा सकता।

अगर आपको लगता है, ये चीजें बहुत खराब थीं तो आगे का हाल भी सुन लीजिये।

मैच के बाद विपक्षी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने की परंपरा निभाते समय नवीन उल हक और कोहली ने हाथ मिलाया, दोनों में फिर कोई बात हुई और विराट ने क्या कहा पता नहीं पर नवीन ने विराट का हाथ झटका और लड़ने के लिये बढ़े। मौके पर मौजूद आरसीबी के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने बात संभाली।

और आपको लगता है, बात यहीं खत्म हो गई , तो और आगे सुनिये।

लखनऊ के वेस्ट इंडियन बल्लेबाज कायली मेयर्स इस सब के बाद विराट कोहली से गुस्से से बात करते दिखे कि वो उन्हें गाली क्यों दे रहे थे?
अचानक गौतम गम्भीर सीन में आते हैं और मेयर्स को कोहली से दूर ले जाते हैं।

पीछे से कोहली कुछ कहते हैं। गम्भीर पहले अनसुना करते हैं, फिर पलटते हैं। पहले आवेश खान और फिर घायल के एल राहुल उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं। पर वो फिर कोहली के सामने पहुंच ही जाते हैं जो लखनऊ के सहायक कोच और पूर्व भारतीय विकेट कीपर विजय दहिया के पास खड़े होते हैं।

गम्भीर और कोहली में कुछ गर्मागर्मी होती है और टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी अमित मिश्रा जो अभी लखनऊ आईपीएल टीम के लिये खेल रहे हैं, जबरिया बीच में घुस कर कोहली और गम्भीर को अलग अलग करते हैं।

बात इसके बाद भी खत्म नहीं हुई। लखनऊ टीम के कप्तान के एल राहुल जो विराट के अच्छे दोस्तों में से हैं जब विराट से बात कर रहे होते हैं, नवीन उल हक पास से गुजरते हैं। राहुल उनसे अपने और विराट के पास आने को बोलते दिखते हैं पर नवीन राहुल को साफ साफ मना करके आगे बढ़ जाते हैं।

इसके बाद विराट लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक से मिलते हैं जो कुछ व्यापारिक प्रोजेक्ट में विराट के व्यावसायिक साझीदार हैं।


कोहली- गम्भीर, नवीन- कोहली की ये लड़ाई इस लिए ज्यादा नाकाबिले बर्दाश्त है क्योंकि एक तो ये मैच खत्म होने के बाद हुई जिसका कोई तुक नहीं था, दूसरा इसका लाइव प्रसारण हो रहा था पूरे विश्व में।

हालांकि बीसीसीआई ने कोहली और गम्भीर पर मैच फीस का 100 प्रतिशत और नवीन उल हक पर 50 प्रतिशत अर्थदंड लगा कर खाना पूरी कर ली, पर इस विवाद से बीसीसीआई और आईपीएल की साख को बट्टा लगा है।
आप हंस सकते हैं कि मैं क्या कह रहा हूं। पर असलियत ये है कि इस विवाद के बाद एक बार फिर दुनिया ने देखा कि बीसीसीआई कितनी कमजोर और लचीली संस्था है, जिसके हाथ अपने स्टार खिलाड़ियों के आगे बंधे रहते हैं और अनुशासन हीनता को सहन करना जिसकी नियति बन चुकी है। बीसीसीआई के लिये शायद पैसा ही सब कुछ है और इसी लिये अर्थदंड पर बात समाप्त कर दी गई।
ज्यादा दिन नहीं हुये दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबाडा का शरीर स्टीव स्मिथ से धोखे से छू गया था जब रबाडा, स्मिथ के विकेट का जश्न मना रहे थे। आईसीसी ने एक मैच के लिये रबाडा को बैन कर दिया था।

और हां, इस कोहली- गम्भीर- नवीन विवाद में मैच रेफरी कौन था, था भी या नहीं, उस मैच रेफरी की क्या रिपोर्ट थी? क्या सुनवाई हुई? दोनों पक्षों ने क्या बोला इस पर तो मीडिया में कोई बात ही न आई।

अपनी अपनी सुविधानुसार कोहली के फैंस ने वीडियो देख कर बातें बना लीं कि मेयर्स कोहली से टिप्स लेने गए थे और गम्भीर उन्हें खींच ले गये।
ऐसी बकवास करने वालों में टॉप की टीवी एंकर मीनाक्षी जोशी भी हैं। और उनके न्यूज़ चैनल के कर्ता धर्ता रजत शर्मा ने तो सीधे ही गम्भीर को दोषी करार दिया।

खैर।

हालांकि गम्भीर ने अपने ट्विटर हैंडल से अपरोक्ष रूप से रजत शर्मा को जवाब भी दे दिया है।

मेरा ये स्पष्ट मानना है कि अगर आईपीएल को आप अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्तर का बनाना चाहते हैं तो खेल के नियम और सजा के नियम भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ही हों।
ये इंपैक्ट प्लेयर का नियम जो आईसीसी नहीं इस्तेमाल करती, उसको आईपीएल में क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है भाई?
अगर 4 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी खिलाने हैं तो सीधे ही नियम बना दो ना।
और दो दो स्ट्रेटेजिक टाइम आउट का तुक क्या है? हर विकेट के बाद मैदान में पानी भेजने का तुक क्या है?
मेरा स्पष्ट मानना है कि जो भी विराट -नवीन, विराट-गम्भीर के बीच विवाद टीवी पर दिखा वो इतना भद्दा था कि अगर बीसीसीआई अधिकारी इन सब पर कम से कम दो तीन मैच का बैन नहीं लगाते हैं तो न केवल बीसीसीआई की विश्वसनीयता कम होगी, बल्कि अगली बार ऐसे खिलाड़ी एक कदम आगे बढ़ा कर कुछ ऐसा कर सकते हैं कि शायद आईपीएल को ऐसा नुकसान हो कि क्षतिपूर्ति भी न हो पाये।

नवीन उल हक का विभिन्न लीगों में बड़े खिलाड़ियों से उलझने का पुराना इतिहास रहा है और उनको भी बीसीसीआई को बहुत सख्ती से ये बताना चाहिये कि ये पीएसएल या एलपीएल नहीं है, ये आईपीएल है।

इलाज तभी कर देना चाहिये जब मर्ज की शुरुआत हो। ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिये। कोई भी खिलाड़ी खेल से बड़ा नहीं हो सकता।और कोई मेंटर भी नहीं।

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आपका -विपुल

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