मुरली कार्तिक
भूले बिसरे खिलाड़ी – भाग 30
परिचय
मुरली कार्तिक बायें हाथ के उंगलियों के स्पिनर थे जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम से वर्ष 2000 से 2007 तक खेले।
मुरली कार्तिक उन बहुत थोड़े से खिलाड़ियों में से एक हैं जो रणजी ट्रॉफी में रेलवे की टीम की तरफ से खेलने के बाद भी भारत की अंतर्राष्ट्रीय टीम में चयनित हुये।
अंडर 16 और अंडर 19
मूलरूप से तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले मुरली कार्तिक की जूनियर क्रिकेट में शुरुआत दिल्ली से हुई थी पर फिर ये रेलवे के लिये खेले।
मुरली कार्तिक दिल्ली की अंडर 16 टीम से खेले हैं और फिर रेलवे की अंडर 19 टीम से। मध्य जोन की अंडर 19 टीम में भी खेले मुरली कार्तिक का चयन भारत की अंडर 19 टीम में भी हुआ था। दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 1995-96 में।
रणजी ट्रॉफी दलीप ट्रॉफी और इंडिया ए
1996 -97 के रणजी सीजन में मुरली कार्तिक ने रेलवे की टीम से अपना डेब्यू किया था मध्य प्रदेश के खिलाफ,
पहले लिस्ट ए यानी घरेलू एकदिवसीय मैच में और फिर प्रथम श्रेणी मैच में।
घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया।घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन करते रहे मुरली कार्तिक को 1998 में पाकिस्तान दौरे पर भी भेजा गया था इंडिया ए टीम की ओर से।
1998-99 में 7 रणजी मैचों में 19 के औसत से 29 विकेट लेने वाले मुरली कार्तिक इस साल की दलीप ट्रॉफी विजेता टीम के सदस्य भी थे और टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी।
सो भारतीय क्रिकेट टीम में चयन बनता था इनका जब राजू और जोशी के निष्प्रभावी होने के बाद अनिल कुंबले का साथी स्पिनर तलाशा जा रहा था।
टेस्ट डेब्यू
1999- 2000 के सीजन में न्यूजीलैंड ए के खिलाफ घर में और वेस्ट इंडीज ए के खिलाफ वेस्ट इंडीज में खेलने के बाद मुरली कार्तिक का चयन भारतीय टेस्ट टीम में हुआ जब दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत आई थी सन 2000 में।
मुंबई के वानखेड़े मैदान में 24 फरवरी से 26 फरवरी 2006 तक चले भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में मुरली कार्तिक का इंटरनेशनल डेब्यू हुआ।भारत की पहले बल्लेबाज़ी थी। नंबर 11 पर उतरे मुरली कार्तिक ने 14 रन बनाये। और गेंदबाजी में 28 रन देकर 2 विकेट लिये पीटर स्ट्रायडम और मार्क बाउचर के। दूसरी पारी में 2 रन बनाये थे और फिर से एक विकेट लिया था ,पीटर स्ट्रायडम का ही।
भारत 4 विकेट से मैच हारा था ये वाला।
इसी सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को फिर हराया, एक पारी और 71 रनों से।
कार्तिक ने एकमात्र पारी की गेंदबाजी में 50 ओवर में 123 रन देकर 3 विकेट लिये थे।
इस सीरीज हार के बाद सौरव गांगुली कप्तान बने थे और नवंबर 2000 में बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में दादा की कप्तानी के पहले और अपने तीसरे टेस्ट मैच में मुरली कार्तिक ने दो पारियों में मात्र एक विकेट ले पाया था और शायद यहीं से दादा को मुरली कार्तिक कुछ नापसंद से हो गये। इसके तुरंत बाद दिल्ली में जिम्बावे के खिलाफ टेस्ट मैच में भी मुरली कार्तिक दूसरी पारी में ही विकेट ले पाये थे वो भी मात्र 2। एंडी फ्लावर ने नाबाद 183 बनाये थे इस मैच में ।
अनुशासन हीनता
4 टेस्ट मैचों में मात्र 9 विकेट लेने वाले मुरली कार्तिक इस साल नेशनल क्रिकेट एकेडमी बेंगलुरु में भी भेजे गये थे, पर वहां के डायरेक्टर हनुमंत सिंह ने मुरली कार्तिक को अनुशासन हीनता के आरोप में एकेडमी से निष्कासित कर दिया था।
दूसरा खिलाड़ी जो इसी आरोप में एकेडमी से निकाला गया था, हरभजन सिंह थे।
टेस्ट टीम में वापसी
जनवरी 2004 में सिडनी में मुरली कार्तिक फिर टेस्ट खेले, वोही मैच सचिन के 241 वाला।
मात्र 1 विकेट ले पाये।
अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया टीम भारत आई और नागपुर में खेले तीसरे टेस्ट में कार्तिक ने कुल 5 विकेट लिये , पहली पारी में 3, दूसरी में 2।भारत ये मैच भी हारा। ये टेस्ट सीरीज भी।
वानखेड़े में खेले टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया को चौथी पारी में जीत के लिये 107 रन बनाने थे और आस्ट्रेलिया 93 पर ही आउट हो गई।
मुरली कार्तिक ने इस मैच की अंतिम पारी में 3 विकेट लिए थे और आस्ट्रेलिया की पहली पारी में 4। मैन ऑफ द मैच मुरली कार्तिक ही चुने गये।
पर इसके बाद मुरली कार्तिक मात्र एक टेस्ट मैच ही और खेल पाये।
दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 20 नवंबर 2004 को कानपुर में शुरू हुआ टेस्ट मैच मुरली कार्तिक के टेस्ट कैरियर का अंतिम मैच था।
टेस्ट कैरियर आंकड़े
ड्रॉ पर समाप्त हुये इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में दो विकेट लेकर मुरली कार्तिक का टेस्ट कैरियर खत्म हुआ।
मुरली कार्तिक ने कुल 8 टेस्ट मैचों की 15 पारियों में 34.16 के औसत और 80.50 के स्ट्राइक रेट से 24 विकेट लिये हैं।
सर्वश्रेष्ठ 4/44।
कुल 88 टेस्ट रन हैं मुरली कार्तिक के नाम।
एकदिवसीय कैरियर
मुरली कार्तिक का एकदिवसीय रिकॉर्ड इनके टेस्ट मैचों के रिकॉर्ड से अपेक्षाकृत ज्यादा अच्छा भी नहीं है।
16 मार्च 2002 को हैदराबाद में जिम्बावे के खिलाफ मुरली कार्तिक का एकदिवसीय डेब्यू हुआ।
मुरली कार्तिक के आंकड़े 8-0-47-0 थे अपने पहले एकदिवसीय मैच में।
वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले मैच में भी कार्तिक को विकेट नहीं मिला।
अपने तीसरे एकदिवसीय मैच में वेस्टइंडीज के रामनरेश सरवन के रूप में मुरली कार्तिक को अपना पहला एकदिवसीय विकेट मिला।
मुरली कार्तिक के आंकड़े इस मैच में 10-0-38-1 थे, लेकिन भारत ये मैच हारा था।
मुरली कार्तिक भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे 2003-04 पर एकदिवसीय श्रृंखला खेले और भारत के ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे 2004 पर भी भारतीय एकदिवसीय टीम का हिस्सा थे।
18 नवंबर 2007 को जयपुर में पाकिस्तान के खिलाफ अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेले मुरली कार्तिक कभी भी किसी विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहे। और हां, मुरली कार्तिक का खेला ये मैच भी भारत हारा ही था।
एकदिवसीय कैरियर आंकड़े
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मुरली कार्तिक ने कुल 37 एकदिवसीय मैचों की 36 पारियों में 43.56 के औसत और 5.07 की इकोनॉमी से 37 विकेट लिये हैं।
सर्वश्रेष्ठ 6/27 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वानखेड़े में 2007 में।
मुरली कार्तिक ने 126 एकदिवसीय रन भी बनाये हैं।
टी 20 आंकड़े
मुरली कार्तिक ने अपना एकमात्र टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 20 अक्टूबर 2007 को खेला था और 4 ओवर में 27 रन देकर विकेट रहित रहे थे।
प्रथम श्रेणी आंकड़े
मुरली कार्तिक ने 203 प्रथम श्रेणी मैचों में 26.70 के औसत से 644 विकेट लिये हैं।
194 लिस्ट ए मैचों में 28 के औसत से 249 विकेट लिये हैं और 147 टी 20 मैचों में 6.74 की इकोनॉमी से 110 विकेट लिये हैं।
मुरली कार्तिक के नाम कुल 21 प्रथम श्रेणी अर्धशतक भी हैं। जिनमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर 96 रनों का है।
आईपीएल
मुरली कार्तिक आईपीएल का सबसे पहला मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं।आईपीएल का ये मैच केकेआर और आरसीबी के बीच था और मुरली कार्तिक केकेआर की ओर से खेले थे। पर बॉलिंग नहीं की थी। इसके बाद मुरली कार्तिक किंग्स इलेवन पंजाब, आरसीबी और पुणे वारियर्स की तरफ से भी खेले।
इनका अंतिम आईपीएल मैच 2014 में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ था और इस मैच में इनके आंकड़े 4-0- 40-0 थे.।
आईपीएल के 56 मैचों में मुरली कार्तिक ने 7.24 की इकोनामी से 31 विकेट लिये हैं।
मुरली कार्तिक काउंटी क्रिकेट में भी खेले हैं। मिडलसेक्स, समरसेट और सरेे की तरफ से।
उपसंहार
भारतीय टीम पिछ्ले 23 सालों में मात्र 3 घरेलू टेस्ट सीरीज हारी है और उसमें से 2 टेस्ट सीरीज में मुरली कार्तिक टीम का हिस्सा रहे हैं। सन 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ और 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ।
ऊपर से कार्तिक अपने कप्तान दादा और द्रविड़ का कभी विश्वास नहीं जीत पाये।
आईपीएल के पहले मैच में दादा ने इन्हें गेंदबाजी ही नहीं दी थी जबकि ये बॉलर के तौर पर ही खेल रहे थे।
मुरली कार्तिक के बारे में एक बार कपिल देव ने कहा था कि मैंने इससे ज्यादा एटीट्यूड रखने वाला खिलाड़ी आज तक नहीं देखा।
वर्तमान में मुरली कार्तिक टीवी कॉमेंट्रेटर का कार्य करते हैं।
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आपका -विपुल
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