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राहुल दुबे

पिछले कुछ ठीक नहीं रहें हम रवीश समाजी लोगों के लिये |एकदम से दुनिया हमारे लिए पराई पराई लग रही थी, हमारे नेता रवीश जी के यूट्यूब चैनल पर व्यूज तो आ रहे थे हमें लेकिन कोई घास नहीं डाल रहा था | हालत ये हो गयी थी कि हमारे रवीश जी को ये तक कहना पड़ा कि साथी कामरेड्स ने 2000 की भी नौकरी भी नहीं पूछी। खैर, हम तो योद्धा है, लड़ना जानते हैं ।

लेकिन दुनिया हमारे लिए नासूर होती जा रही है |लग रहा है कि हवा में ऑक्सीजन के बजाय संघ घुल गया हो। फेमिनिज्म आता हम कामरेड्स के कोटे है ,लेकिन संघी शाह के बेटे ने मनुवादी BCCI के साथ मिलकर WPL चलाया तो हमने सोचा कि चलो लोगो से कहेंगे कि देखो देखो ये हमारे संघर्ष का परिणाम है कि महिला IPL हो रहा है, लेकिन मनुवादी BCCI ने थीम गीत की शुरुआत ” या देवी सर्वभूतेषु” जैसे मनुवादी मंत्र से की तो हमारा तन मन तो हिल ही गया था| इसलिए अब WPL को क्रोनी कैपटलिज्म से जोड़ के खुश हैं हम रवीश समाजी| आखिर और क्या ही कर सकते हैं |अभी तो रनबीर कपूर ने कहा था प्यार होता होता होता कई बार है ,तो अब WPL को कभी और प्यार करेंगे हम ।

देश के सबसे हैण्डसम उपमुख्यमंत्री को जेल की सजा मिल गयी है| कारण ये है कि वो देश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने के लिए एक बोतल शराब के साथ एक बोतल शराब मुफ्त में दे रहे थे।
अब बताइये क्या शराबियों के लिये ऐसी योजनाएं बुरी है ?, क्या वे भी समानता के अधिकारी नहीं है ?क्या प्रिय शराबी कुछ लाभ में नहीं रह सकते?
हम तो ये सोच सोच के हैरान हैं कि वो जो सेक्टर 786 का अब्दुल 17 की कच्ची उम्र में स्टेटस लगाता था कि “इफ बीइंग हैंडसम इज क्राइम, देन अरेस्ट मी” आज बेचारे पर क्या बीत रही होगी? कैसे डर डर के जी रहा होगा बेचारा ? पल पल सोचता होगा कि आज कहीं मोदी की पुलिस उसके दरवाजे पर न आ धमके।
कैसा खराब माहौल हो गया है देश का! आम हैंडसम भी खतरे में है।शर्मनाक |

ये तो हम रवीश समाजी झेल ही रहे थे कि तब तक विराट कोहली ने उज्जैन महाकाल मन्दिर दर्शन के बाद एक टेस्ट शतक जड़ दिया |अब संघी गुंडे विराट कोहली को कट्टर हिंदू की संज्ञा दे रहे हैं | अब सोचिए न ,कोहली का आम सेक्युलर फैन कितना डरता होगा जब उसके प्यारे कोहली को कट्टर हिंदू बताकर उससे दूर किया जा रहा हो- क्या मोदी इस बात की जवाबदेही स्वीकार करेंगे कि उनके कारण एक अब्दुल से एक कोहली बिछड़ रहा है|खैर अब्दुल ‘ई जुदाई ना सहाई’ गीत गाकर अभी कोहली से अपने बिछड़न के गम से उबर ही पाया था कि उसे पता चला कि फासिस्ट , मनुवादी राजपूत रवींद्र जडेजा को BGT में प्लेयर ऑफ द सीरीज चुन लिया गया है,|अब बताइये ना कितना डराया जाएगा एक आम सेक्युलर व्यक्ति को ? क्या ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है कि एक भाजपा विधायक के पति को इतना सम्मान दिया जा रहा है। क्या ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है ?क्या गलत कहा था श्री राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में?

अभी हाल में खबर आई कि यूपी में योगी ने माफिया को मिट्टी में मिलाने को कहा |हम इससे हताश और निराश हैं | मृत को मिट्टी में मिलाने की परंपरा अब्दुल के कोटे की है तो फिर योगी ने मिट्टी में ही क्यों मिलाने को कहा ?क्या सिर्फ अब्दुल के परिवार के सदस्य ही अपराधी है?

कहाँ चले गए सेक्युलरिज्म के सारे ठेकेदार? क्या किसी ने योगी का इस्तीफा मांगा? डर किस बात का है ? अब डर का उदाहरण श्री रवीश जी के जरिये न दिया जाए| श्री रवीश कुमार जी हताश और निराश हैं |NDTV छोड़ने का गम है |सदमा है |इसी सदमे में तो रवीश कुमार जी अपने ट्विटर हैंडल से NDTV नहीं हटा पा रहें है ? ये तो हम तो समझ गए कि “प्यार होता होता होता कई बार है” लेकिन रवीश जी अब भी गम में है और उन्हें कोई 2000 की नौकरी तक न दे रहा।श्री रवीश जी हिंडन नदी तक गए रिसर्च करने हिंडनबर्ग पर ,लेकिन संघियो ने उसका भी मजाक बना दिया ।
श्री राहुल जी को देश की बेइज्जती करने विदेश में जाना पड़ रहा है |रवीश जी को लोग यूटूबर बोल रहे हैं |क्या ही खराब माहौल बन गया है देश मे।

क्रिकेटर Woke बनने की जगह मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर रहें है।

और तो और हृदयाघात की स्थिति तो तब बनी गयी जब भर दे झोली मेरी ….. गाने के बजाय नाटू- नाटू गाने को ऑस्कर मिल गया |अरे ?ऐसे कैसे मिल गया- भाई ?आईएस साल ऑस्कर जीतने वाले सब हिन्दू हैं क्या ये सेक्युलरिज्म का अपमान नहीं है ? हम तो गरीब देश हैं इसलिए स्लमडॉग मिलियनेयर जैसे एल्बम जिनके पीछे सच्चे मोमिन अब्दुल AR रहमान का हाथ हो तो अच्छा लगता है |ये क्या कि किसी हिन्दू को ऑस्कर दे दिया वो भी जब राम चरन , NTR, कीरवानी, चंद्रबोस , राजामौली जैसे लोग खुद को खुलेआम हिंदू कहते हों और फ़िल्म में नेहरू जी को दिखाया ही न गया हो |फ़िल्म का लेखक एक संघी हो।क्या ये ऑस्कर देश के सेक्युलर इमेज पर तमाचा नहीं है? ख़ैर हम रवीश समाजी लोग इस ऑस्कर को साउथ इंडिया का ऑस्कर बताने की कोशिश भी खूब किए लेकिन संघी कलाकारों ने इसे भारत की जीत बताकर हमारा अपमान कर दिया।कैसे सांस ले हम इस देश में?

खैर सांसों को जीने का सहारा मिल गया गाना तब चरितार्थ होने लगा जब स्वरा भास्कर जी का निकाह किसी अब्दुल के परिवार वाले के साथ हो गया| लेकिन क्या करें रवीश जी को इस निकाह में बुलाया ही नहीं गया ,इसलिए ये शादी भी नीरस ही लगी।

संघियो की सरकार ने समलैंगिक विवाह के खिलाफ अपना पक्ष रख दिया, वो भी तब जब श्री DNA मर्चेंट जी ने एक कहानी भी सुनाई थी| ख़ैर, हम तो हिन्दुओ की किसी पौराणिक कथा में विश्वास नहीं रखते लेकिन झूठी कहानी थी इसलिए इसे मानने को तैयार थे | सवाल यह है कि क्या मोदी के स्थान पर श्री DNA मर्चेंट जी प्रधानमंत्री बनने की हकदार नहीं थे?

ऐसे कैसे देश चल रहा हमारा ? अभी ताज़ी खबर सुनी कि शेर दा पुतर अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हो गया |एक शेरलॉक होम्स से एक आम व्यक्ति इस बात पर भिड़ गया कि ये कारवाई शाह के कहने पर ही हुई है। मतलब कुछ भी? अमृतपाल तो बढ़िया था इंग्लिश भी बोलता था| क्या जरूरत थी उसे पकड़ने की? क्या अंग्रेजी बोलने वालों का अपमान नहीं है? क्यों नहीं अंग्रेजी बोलने वाले मोदी को उखाड़ फेंक रहे है? फिर खबर मिली शेर दा पुतर अमृतपाल सिंह फरार है |कहीं इस फासीवादी मोदी सरकार ने ?? उफ़ !सोच कर भी मन काँप रहा है |

कैसा कैसा माहौल बन रहा है देश में? रवीश समाज के योद्धा राहुल ने आज तीन-चार 11-12 वर्षीय बच्चों को अखंड भारत बनेगा कि नहीं ,इसपर चर्चा करते हुए सुना? एक लड़का बोला इंडिया वाज रिचेस्ट कंट्री बट ब्रिटिश लूटेड अज।अब बताइए कौन बरगला रहा इन बच्चों को क्या ये बच्चे यहीं पढ़ेंगे इस उम्र में?
कौन बिगाड़ रहा इन्हें?

देश किस गर्त में जा रहा इससे रवीश कुमार का समाज चिंतित है।
हम अंधेरे में गुम होते जा रहें है? श्री खीरा सिंह भी इससे चिंतित है, उन्होंने तो ये दावा भी किया है कि अबकी गर्मी में खीरे इस फासिज़्म रेसिस्म के खिलाफ केवल कड़वे उगेंगे. ये उनका योगदान होगा इस लड़ाई में?

आप कैसे लड़ रहें है इस अंधेरे के खिलाफ लड़ाई?
ना कुछ समझ आये तो पठान ही देख आइए?

ख़ैर, रविश समाज अभी कोर्ट से आहत नहीं हैं माननीय ने कहा है वहां सब मेरिट के आधार पर होता है।

जय कोर्ट ।। जय मेरिट।।

राहुल दुबे

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