सिविल सेवा की तैयारी:समय की बर्बादी को कैसे बचायें
प्रस्तुति: एस के सुमन
सहयोग :ए के आदर्श
भारत मे लाखों अभ्यर्थी प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हाथ आजमाते हैं। किंतु कुछ ही लोग अंतिम रूप से सफल हो पाते हैं। एक अभ्यर्थी के लिये तैयारी में बेहतर रणनीति, कठोर परिश्रम, अनवरत प्रयास के साथ-साथ समय प्रबंधन की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।
भारत में इन प्रतियोगी परीक्षाओं में खास कर मध्यमवर्गीय अभ्यर्थी बहुतायत से इसमें भाग लेते हैं।ये छात्र ज्यादातर निम्न परिवारिक पृष्ठभूमि,निम्न शैक्षणिक वातावरण के साथ-साथ अन्य बहुत समस्याओं के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की इस रणभूमि मे उतरते हैं तथा इन युद्ध में इनसे बहुत सारी गलतियां होती हैं , जिस पर हम नीचे चर्चा करने जा रहे हैं।
सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी तैयारी के दौरान अपना बहुमूल्य समय कैसे बर्बाद करते हैं? नीचे पढ़ें।
फेसबुक इंस्टाग्राम पर वक्त बर्बाद करना
फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर सैकड़ों अधिकारियों को फॉलो करना, उनके हर पोस्ट को लाइक करना और उनसे बस कुछ सवाल बार- बार पूछना कि ” सिविल की तैयारी कैसे करें?”
“आप कितना घंटा पढ़ते थे? “
“आपकी तैयारी मे किसी कोचिंग का क्या योगदान रहा है?” इत्यादि इत्यादि।
केवल दिखावा के लिये अंग्रेजी अखबार पढ़ना
किसी अंग्रेजी अखबार को केवल दिखावा के लिए पढ़ना अथवा पहले दिन से द हिंदू अखबार को बिना कुछ समझे पढ़ना शुरू करना।बस कुछ भी और कहीं से भी पढ़ना, नोट्स नहीं बनाना, उसका विश्लेषण नहीं करना या उसे समझना नहीं। परीक्षा उपयोगी जैसे अर्थव्यस्था का पृष्ठ, संपादकीय और महत्वपूर्ण खबरों पर ध्यान नही देना।
घंटों मोटीवेशनल वीडियो देखना
घंटों मोटीवेशनल वीडियो देखना, विशेषकर रील्स देखना।सिविल सेवा पर कई शिक्षकों और सफल उम्मीदवारों के हजारों वीडियो हैं।लेकिन मेरा विश्वास करिये, इनसे आपको कोई फ़ायदा बिलकुल नहीं होगा।हर किसी का अपना संघर्ष है,आपको अपनी यात्रा से ही प्रेरणा ढूंढनी होगी,व्यक्ति को स्वयं प्रयास करना होगा।आप सफल लोगों के वीडियो को देख देख कर बहुत ज्यादा कुछ नहीं सीख रहे हैं।
सिविल सेवा की तैयारी को ग्लैमरस समझना
सिविल सेवा की तैयारी करना बिल्कुल भी ग्लैमरस नहीं है जैसा कि वेब सीरीज और फिल्मों में दिखाया जाता है।जब आप असफल होते हैं या जब आप गिरते हैं तो हर बार गाना नहीं बजता।सिविल की तैयारी करना संभवतः सबसे उबाऊ जीवन और सबसे अंधकारमय यात्रा है।
इस यात्रा मे आपको कड़ी मेहनत करके अंधेरी रात में अपनी रोशनी स्वयं ढूंढनी होगी।
एक शेर है निदा फाजली साहब का
“सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो।
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।”
एक सिविल सेवा अभ्यर्थी को अपनी यात्रा के दौरान किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।भीड़ से निकलने के लिए आपको कुछ बेहतर और अलग तो करने की नितांत आवश्यकता है। नहीं तो आप बहुत पीछे छूट जायेंगे।
दिन में सपने देखना
दिन में सपने देखना – सिविल सेवा टॉपर्स के सोशल मीडिया पेजों, उनके निजी जीवन, टॉपर्स की बातचीत और उनके प्रेरक वीडियो देखते हुए समय बिता देना… दिन में सपने देखना और टॉपर्स की जिंदगी आपको कहीं नहीं ले जाएगी।यह शायद ही आपकी वास्तविक तैयारी में कोई योगदान देगा।
सभी की परिस्थितियां समान नहीं होतीं।संभवतः अपने हालात के विपरीत के टॉपर को फॉलो करके आप कहीं अपनी तैयारी की धार को कुंद न कर लें।अपने हालात के मद्देनजर योजना बनाकर उसे सही तरह क्रियान्वित करना ज्यादा कारगर होगा।
घंटों तक बेकार राजनीतिक और वैचारिक मुद्दों पर चर्चा करना
घंटों तक बेतरतीब बेकार राजनीतिक और वैचारिक मुद्दों पर चर्चा करना।ये तो सिविल सेवा के सिलेबस में भी नहीं है।किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा से ओतप्रोत होकर सोशल मीडिया तथा अन्य मंच पर अवांछित रूप से अपनी भावनाओं को प्रकट करना और घंटों फालतू राजनीतिक बहस देखना इत्यादि।
बेसिक चीजों पर ध्यान नहीं देना
सिलेबस, क्वेश्चन बैंक एवं रिवीजन,बेसिक टेक्स्ट बुक जैसे एनसीईआरटी पर तैयारी के प्रारंभिक वर्षो में ध्यान नहीं देना।साथ ही बगैर सिलेबस तथा पूर्व प्रश्न पढ़े मॉक टेस्ट लगाना,एक ही टॉपिक के लिए कई स्त्रोत अपनाना।
चयन के लिए शॉर्टकट रणनीति बनाना।जिंदगी मे कुछ भी आसानी से और जल्दी कुछ नही मिलता।हमे धैर्य के साथ अपना कारवाँ आगे बढाना होगा।
सब कुछ याद करने की कोशिश करना
तैयारी के दौरान सब कुछ पढ़ने, याद करने की कोशिश करते रहना।बेसिक कंटेंट को इग्नोर करते रहना।किसी भी प्रतियोगी परीक्षा मे आप संपूर्ण अंक प्राप्त नहीं कर सकते हैं।आपको चयन के लिये संभावित अधिकतम अंक प्राप्त के लिए पढ़ने पर ध्यान चाहिए।
कृपया अंत में एक बार अपने दैनिक मोबाइल डेटा उपयोग की जांच करें और देखें कि आप इसे कैसे खर्च करते हैं।
अभी भी समय है।कृपया अपनी तैयारी के प्रति ईमानदार रहें। अपनी।मेहनत पर भरोसा रखें।
धन्यवाद
प्रस्तुति: एस के सुमन
सहयोग :ए के आदर्श ( राज्य कर आयुक्त, बिहार सरकार) के अनुभव पर आधारित है।
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बहुत बेहतरीन ड्राफ्टिंग
बहुत आभार आपका 🙏
🙏🙏