
आपका -विपुल
भाई,
इतना स्क्रिप्टेड सा स्टिंग ऑपरेशन मैंने कभी नहीं देखा, जैसा चेतन शर्मा का स्टिंग जी न्यूज़ ने किया।
ये तो किसी वेबसीरीज से भी ज्यादा नकली सा दिख रहा था।स्टिंग उन बातों के लिये होता है जो कोई नई और अनसुनी बात हो और एकदम रॉ हो, यहां चेतन शर्मा सोच समझ के टैक्टिकल बोलते दिखे।
बीसीसीआई के किस बड़े खिलाड़ी के इशारे पर ये स्टिंग लॉन्च हुआ ? ये मुझे समझ न आया।
क्या नई बातें चेतन ने बताई?
अगर आप किसी भी खेल के खिलाड़ी रहे हैं तो ब्लड डोपिंग और ड्रग इंजेक्शनों के बारे में जानते ही हैं। ये कोई नया तो है नहीं। सारे ड्रग प्रतिबंधित भी नहीं हैं।
बीसीसीआई तो वाडा के खिलाफ है ही।
पूरा खेल जगत एथलीटों के ड्रग्स लेने पर चलता है,बचने के भी बहुत तरीके हैं।ये गंदा सच खेल जगत से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है।और चूंकि बीसीसीआई खुद को अंतर्राष्ट्रीय वाडा और भारतीय नाडा से बड़ा मानता है जो कि खेलों की ड्रग नियंत्रण संस्थाएं हैं तो बीसीसीआई में ड्रग्स इस्तेमाल होते ही हैं,ये भी कोई ढंकी छुपी बात नहीं है।
दूसरा एक इमेज बिल्डर की तरह चेतन शर्मा आपको बताते दिखे कि रोहित और विराट में कोई विवाद नहीं।दोनों एक दूसरे को बहुत सपोर्ट करते हैं।
बस दोनों को राम लक्षमण ही बताना रह गया।
हां,गांगुली रावण हैं,कोहली को नीचा दिखाने के लिये रोहित का इस्तेमाल किया।
अब यहां पर एक सवाल:-
कोहली और गांगुली में टीम में स्थान बनाने और कप्तानी की लड़ाई हो ही नहीं सकती क्योंकि गांगुली पूर्व खिलाड़ी हैं कोहली वर्तमान।
गांगुली को थोड़े ही खेलना है जो कोहली से लड़ेंगे।वैसे भी कोहली गांगुली से बहुत छोटे हैं और जूनियर हैं।कभी साथ में खेले भी नहीं तो किस बात की अदावत होगी?
बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के पहले मैंने गांगुली को कभी विराट की बुराई करते भी नहीं सुना।
हां सौरव की रवि शास्त्री से अदावत ज़रूर रही है।और ये कोई छुपी बात भी नहीं है।कुंबले प्रकरण के बाद ये और बढ़ी।
रवि शास्त्री का ज्यादा जिक्र नहीं सुना मैंने चेतन के स्टिंग में।
कुंबले का जिक्र तो था शायद।
रही बात विराट का गांगुली को झूठा कहने की तो शायद हम सब जानते थे कि दोनों में कोई गलतफहमी हुई है गांगुली ने कहा होगा,विराट ने ध्यान नहीं दिया होगा।
और यही चेतन शर्मा ने भी बोला है। चलिये,आगे बढ़ते हैं।
हार्दिक पांड्या का सेलेक्टर से मिलना, दीपक हुडा का सेलेक्टर से मिलना,कोई नई बात है क्या इसमें?
हर खिलाड़ी जो कप्तान बनना चाहता है,टीम में जगह सुरक्षित करना चाहता है,मिलता ही है चयनकर्ताओं से।चाहे रोहित हों या पांड्या।
गौर करिए,
चेतन ने कहा रोहित उनसे आधे घंटे फोन पर बतियाते हैं,पांड्या उनके घर पड़े रहते हैं।पर विराट के बारे में शायद ही ऐसा बोला हो।पुजारा और रहाणे का जिक्र भी नहीं आया।सिराज और चहल का ही जिक्र भी नहीं आया।
पूरे स्टिंग में उन राहुल द्रविड़ का जिक्र कहीं नहीं आता जो पिछ्ले साल से भारतीय टीम कोच हैं।
के एल राहुल की तो बात ही मत करो।
क्या आपके कान खड़े हुये?
राहुल द्रविड़,सौरव गांगुली
ग्रेग चैपल याद आए?

और चेतन शर्मा गर्व से बता रहा है कि टीम वो चुनता है।हकीकत किसे नहीं पता?
हम सब जानते हैं कि चयनकर्ता केवल स्टैंप के तौर पर बैठते हैं चयन चयनकर्ता नहीं करते आजकल।नहीं तो लगातार अच्छा प्रदर्शन करता चला आया एक बेहतरीन लेग स्पिनर रवि बिश्नोई टीम से अचानक से गायब नहीं हो जाता और वापसी टेस्ट मैच में मैन ऑफ़ द मैच बनने वाला कुलदीप यादव अगले ही टेस्ट मैच में बेंच पर नहीं बैठा दिया जाता।
गगन खोड़ा जैसे लोग चयनकर्ता रहे हैं जिनकी चयनकर्ता के तौर पर सैलरी विराट और रोहित जैसों के मैनेजरों से कम ही होगी।
वैसे भी चयनकर्ता तुम साल दो साल के रहोगे।बड़े खिलाड़ियों से और खरबपति आईपीएल फ्रेंचाइजी से पंगा लोगे तो कैसे जिओगे इस आईपीएल दौर में?
ऐसे संगठन में जहां केंद्रीय गृहमंत्री का बेटा सचिव हो,भाजपा से विधायक का पति टीम में हो और मोदी से कभी भी मिल सकने की हैसियत रखने वाला पूर्व कप्तान हो,सबसे सशक्त विपक्षी पार्टी का राइट हैंड पूर्व अध्यक्ष हो,वहां चयनकर्ता की कितनी हैसियत होगी?सबको पता है चेतन भाई।
अब अंतिम बात करें?
बीसीसीआई अध्यक्ष पद से सौरव गांगुली ऐसे विदा किये गए कि दोबारा शायद ही दिखें,उसी समय चेतन शर्मा भी मुख्य चयनकर्ता के पद से हटाए गए।
और ठीक इसी समय राहुल द्रविड़ बीसीसीआई के बड़े खिलाड़ियों में एक थे ठीक 2005 की तरह
जब सौरव कप्तानी से हटाए गए थे ।
पर अभी एक अजूबा हुआ।
कई जायज उम्मीदवारों का पत्ता काट कर चेतन शर्मा फिर मुख्य चयनकर्ता बन कर आ गये।
हैरत की बात है न?
किसका समर्थन है चेतन को मुझे नहीं मालूम।पर चेतन शर्मा क्या कर गए हैं इस स्टिंग ऑपरेशन के जरिए,बीसीसीआई के किन खिलाड़ियों को फ़ायदा पहुंचा गये हैं,आपको 2023 विश्वकप तक ही पता चलेगा।

आपका- विपुल
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उम्दा 👍