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खुद के लिये भी जियो

खुद के लिये भी जियो विपुल मिश्रा  30 अक्टूबर 2003 से 11 नवंबर 2003 तक का मुझे कुछ याद नहीं। आंखें खुलने पर ज़माने भर का दर्द आंखों में समेटे एक मजबूर बाप सामने था और एक डॉक्टर मुझसे कह रहा था, तुम इतने डैशिंग हैंडसम पर्सनॉलिटी वाले लड़के हो…

Comedy Haasya Vyangya

रवीश कुमार और वर्ल्डकप

रवीश कुमार और वर्ल्डकप प्रस्तुति- राहुल दुबे नमस्कार!! सतरंगी सलाम ! आपको तो पता ही है कि हमारे अभिनेता जी कहते थे- "क्रिकेट राजा रजवाड़ों का खेल था जिसे इसलिए बढ़ावा दिया गया ताकि छुआछूत को बनाये रखते हुए खेल खेल लिया जाए और किसी को भनक भी न लगे।"…

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सरकारी कर्मचारियों का नैतिक पक्ष

सरकारी कर्मचारियों का नैतिक पक्ष हर किसी का अपना तर्क होता है सरकारी नौकरियों के पक्ष विपक्ष में। स्वरोजगार करने वालों, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले, किसान और शिल्पकारों का अपना योगदान है।उनका सम्मान है। यहां मैं अपने पक्ष रख रहा हूं और चाहता हूं आप विमर्श का हिस्सा…

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कुछ बातें नौकरीपेशा लोगों के लिये

कुछ बातें नौकरीपेशा लोगों के लिये आपका -विपुल मैंने एक बहुत छोटी सी नौकरी से शुरुआत की और कुछ खट्टे मीठे अनुभवों, अपने पिताजी, कुछ बड़े बुजुर्गों की आर्थिक मामलों में राय, कुछ सफल दोस्तों के आर्थिक सुझाव से कुछ स्थिरता हासिल की। मैं कुछ शेयर करना चाहता हूं,  छोटी…

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भारतीय राजनीति में शब्दों का खेल

विजयंत खत्री भारतीय राजनीति में शब्दों का खेल प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है। कुछ शब्द अपने वास्तविक अर्थ के साथ साथ एक पूरी कहानी जोड़े हुए होते हैं। राजनैतिक परिदृश्य मे शब्दों का बड़ा महत्व होता है। यहां पर एक कुशल राजनैतिक वक्ता के शब्दों के अर्थ का…