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औकात

औकात विपुल मिश्रा मौका है मौसम है और मन भी हो गया थोड़ा सा। आज बात करते हैं औकात की। ये शब्द वजनदार शब्द है उर्दू का। और थोड़ा सा कड़वा भी। शुरू से शुरू कर सकते हैं और मेरी आदत दूसरों पर उंगली उठाने के पहले खुद के गिरेबान…

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जिंदा रहो 

जिंदा रहो  आप जिस तरह के हैं जैसे भी हैं और जो भी हैं, आप एकदम अद्वितीय और अलबेले हैं और इस सृष्टि के लिये उतने ही जरूरी हैं जितना कि कोई और। आपके जैसा न तो अभी तक कोई हुआ और आगे भी कभी नहीं होगा। आप सृष्टि की…

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हिंदू हितैषी मोदी सरकार  

हिंदू हितैषी मोदी सरकार  साकेत अग्रवाल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार को लगभग साढ़े नौ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और इन वर्षों में मोदी जी व भाजपा ने चुनावी राजनीति के लिए जितना परिश्रम किया, विचारधारा के मुद्दे पर उतने ही अकर्मण्य बने रहे,  उदासीन बने रहे। धारा…

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हौसला मत छोड़ो

हौसला मत छोड़ोविपुल मिश्रामैंने निराशा हताशा और आत्महत्या के विचारों का वो दौर झेला है जब मैं ये सोचता था कि अब कुछ बचा ही नहीं तो जी के क्या करेंगे !23 साल की उम्र में 33 -33 गोलियां दिन भर में खाई हैं.22 साल की उम्र में नींद की…

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नियति में नियत था

नियति में नियत थाविपुल मिश्रारोमांटिक तो हम तब भी न हो पाए जब होने की उमर थी।कड़वे अनुभव, नकली लोग और कठिन परिस्थितियां शायद सबको मिलती हैं या मुझे ही मिली, पता नहींपर 20 साल की उमर के बाद कभी नॉर्मल नहीं रह पाया।रोना आसान होता है और जिन्दगी से…