राम तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य है
राम तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य हैप्रस्तुति - विपुल मिश्रा"राम तुम्हारा चरित स्वयं ही काव्य है।कोई कवि बन जाये सहज सम्भाव्य है।।"मैथिली शरण गुप्त ने ये जो पंक्तियां लिखी हैं, ये राम के चरित्र का वास्तविक सार ही है।आगे बढ़ने के पहले मैं आपसे केवल इतना निवेदन करूंगा कि आप…