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आपका -विपुल

देखो भाई, मैं ये मानने को बिलकुल तैयार नहीं हूं कि आस्ट्रेलिया की वर्तमान टेस्ट टीम में प्रतिभा और कौशल की कमी है।
स्मिथ और लाबशाने बेहतरीन बल्लेबाज हैं। उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड की क्षमता पर मुझे संदेह नहीं है। एलेक्स कैरी अच्छा विकेटकीपर बल्लेबाज है और पैट कमिंस और नाथन लायन की गेंदबाजी प्रतिभा भी निर्विवाद है।

पर फिर भी आस्ट्रेलिया दिल्ली में 17 फरवरी 2023 से शुरू हुआ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 का दूसरा टेस्ट मैच तीसरे दिन 19 फरवरी 2023 को ही 6 विकेट से हार गया।
क्यों? कारण बहुत नहीं हैं। कम ही हैं।
पहली वजह तो मेरे हिसाब से ये है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के दिल में भारतीय स्पिन गेंदबाजों के लिये बनाई जाने वाली टर्निंग पिचों का ऐसा खौफ तारी था कि उन्हें ये लग रहा था कि वो कभी भी आउट हो सकते हैं इसलिये जल्दी से जल्दी ज्यादा से ज्यादा रन बना लें।
दूसरी वजह ये हो सकती है कि वो ड्रेसिंग रूम में बनाई अपनी रणनीति पर जड़ रहे और मौके के आधार पर निर्णय लेकर अपनी रण नीति नहीं बदली।

पहले मैच में जो हुआ उसकी बात कर लेते हैं। फिरोजशाह कोटला की धीमी पिच का ध्यान रखते हुये ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने एक तेज गेंदबाज हटा कर एक बाएं हाथ का स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन शामिल किया जिनका ये पहला टेस्ट मैच था।और भारत ने सूर्या की जगह श्रेयस अय्यर को लिया। भारत के चेतेश्वर पुजारा का ये 100वां टेस्ट मैच था।


कमिंस ने टॉस जीता और बगैर झिझके बैटिंग का फैसला लिया।

आस्ट्रेलिया की तरफ से वॉर्नर और ख्वाजा सलामी साझेदारी में 50 रन जोड़ गये। यहां शमी ने वार्नर को एक लाजवाब गेंद पर चलता किया। स्कोर 91 पर पहुंचा तो पहले लाबशाने फिर स्मिथ का शिकार अश्विन ने किया । स्मिथ का खाता भी नहीं खुला था। ट्रेविस हेड भी 108 के स्कोर पर आउट हो चुके थे। यहां से पीटर हैंड्सकॉम्ब और उस्मान ख्वाजा ने एक साझेदारी की।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज तेज गति से रन बना रहे थे और स्वीप और रिवर्स स्वीप का प्रयोग बहुत कर रहे थे। उस्मान ख्वाजा के ऐसे ही जडेजा की गेंद पर किये एक रिवर्स स्वीप को के एल राहुल ने कैच करके ख्वाजा की 125 गेंदों पर 81 रनों की पारी खत्म की। तब ओवर मात्र 46 हुये थे और रन 161 /5।

अगले ही ओवर में कैरी बिना खाता खोले अश्विन का शिकार हो गये। कप्तान पैट कमिंस ने पीटर हैंड्स कॉम्ब का साथ दिया और स्कोर 227 तक ले गये। कमिंस ने 33 रन बनाये और यहीं पर जडेजा का शिकार बने।
ऑस्ट्रेलियाई पारी 78.4 ओवर्स में 263 रनों पर खत्म हुई। पीटर हैंडस्कॉम्ब 72 रन बना कर नाबाद रहे। मोहम्मद शमी ने 4 और अश्विन और रवींद्र जडेजा ने 3 -3 विकेट लिये।
पहले दिन के अंत में भारत को कुछ ओवर खेलने थे और भारतीय ओपनर रोहित शर्मा और के एल राहुल 9 ओवर खेले,21 रन बनाये और अपना विकेट बचा ले गये। लेकिन दूसरे दिन की शुरुआत से ही नाथन लायन भारतीय बल्लेबाजों पर हावी हो गये।

46 के स्कोर पर राहुल आउट हुये।53 के स्कोर पर रोहित शर्मा। अपना सौवां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा को लायन ने खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया।66 के स्कोर पर स्पिन खेलने में महारथी माने जाने वाले श्रेयस अय्यर भी पवेलियन लौट गये। जडेजा ने 26 बनाये और कोहली का साथ दिया। उन्हें 125 के स्कोर पर मर्फी ने आउट किया।135 के स्कोर पर 44 के निजी स्कोर पर खेल रहे कोहली को डेब्यूटेंट कुहनेमैन ने पगबाधा आउट कर दिया और विकेटकीपर भरत 139 के स्कोर पर लायन का शिकार बने जिन्होंने पारी में 5 विकेट पूरे कर लिये थे।

यहां पर आस्ट्रेलिया की गिरफ्त में मैच था पर बाएं हाथ के स्पिन आल राउंडर अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय टीम की नैया पार लगा दी।
अक्षर ने 74 और अश्विन ने 37 रन बना दिये।


भारत की पहली पारी 83.3 ओवर में 262 रनों पर समाप्त हुई। आस्ट्रेलिया की पहली पारी से मात्र 1 रन पीछे।
ऑफ़ स्पिनर नाथन लायन ने 5 , अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे टॉड मर्फी और पहला टेस्ट खेल रहे कुहनेमैन ने 2-2 विकेट लिये। कमिंस ने 1विकेट लिया।
दिन का खेल अभी खत्म नहीं हुआ था।
डेविड वॉर्नर सर में सिराज की गेंद लगने के कारण मैदान पर नहीं आये थे। उनकी जगह मैट रेनेशा को मिली थी। पर ओपनिंग उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड ने की। ख्वाजा छठे ओवर में 6 रन बना कर जडेजा का शिकार बन गये। पर ट्रेविस हेड और लाबशाने जब दिन का खेल खत्म होने पर पवेलियन लौटे तो आस्ट्रेलिया का स्कोर 12 ओवर में 61/1 था। और इस स्पिन पिच पर आस्ट्रेलिया भारत से आगे दिख रहा था।
तीसरे दिन के पहले ही ओवर में हेड को अश्विन ने अपना शिकार बनाया। आस्ट्रेलिया का कुल स्कोर 65 था और हेड ने इसमें से 43 रन बनाये थे,46 गेंदों पर।
85 के स्कोर पर 9 रन बना चुके स्मिथ को भी अश्विन ने चलता कर दिया।और 95 के स्कोर पर 35 रनों के निजी स्कोर पर खेल रहे लाबशाने को जडेजा ने बोल्ड क्या मारा,पूरी आस्ट्रेलिया की बैटिंग लाइन की कलई ही खुल गई।
रवींद्र जडेजा ने कहर ही बरपा दिया, 7 विकेट लिये।

बाकी 3 विकेट अश्विन के नाम रहे और आस्ट्रेलिया की पूरी पारी 31.1 ओवर में 113 रन बना कर खत्म हो गई।
ट्रेविस हेड के 43 और मार्नस लाबशाने के 35 छोड़ किसी बल्लेबाज का स्कोर दोहरे अंकों में नहीं था। 3 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाये।

भारत को दूसरी पारी में 115 रन बनाने थे। राहुल 3 गेंदों में 1 रन बना कर चलते बने। रोहित शर्मा ने 20 गेंदों में ही 31 रन बना दिये थे लेकिन पुजारा के साथ गलतफहमी में रन आउट हो गये जब स्कोर 39 था। कोहली ने 20 रन बनाये और मर्फी की गेंद पर स्टंप हो गये।

तब भारत का स्कोर 69 था। श्रेयस अय्यर 12 रन बना कर लायन का शिकार बने, तब स्कोर 88 था।
विकेटकीपर के एस भरत ने नाबाद 23 रन बनाये और चेतेश्वर पुजारा अपने 100वें टेस्ट की दूसरी पारी में 31 रन बनाकर भरत के साथ नाबाद रहे और भारत के लिये विजयी शॉट भी लगाया।

मैच में 10 विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ़ द मैच मिला। लगातार दूसरी बार।

इस मैच में आस्ट्रेलिया के लिये बहुत मौके थे।पहले उन्होंने महत्वपूर्ण टॉस जीता जब दोनों टीमों में 3 -3 स्पिनर हों तो टॉस जीतने की अहमियत बढ़ जाती है। पहली इनिंग में ख्वाजा ने गंदा शॉट खेला और आस्ट्रेलिया की पकड़ कमजोर कर दी।
मैंने एक बार चर्चा में कहा भी था कि बैटिंग में स्मिथ लाबशाने के अलावा ख्वाजा पर भी नजर रखिये और कमिंस भी अच्छा बल्लेबाज है। ख्वाजा और कमिंस दोनों ने इस मैच में बेहूदे शॉट खेले।
फिर भारत के जब 139 पर 7 विकेट थे, तब आस्ट्रेलिया हावी था, पर उन्होंने मैच अपने हाथों से फिसलने दिया।
उसके बाद दूसरे दिन भी आस्ट्रेलिया उस पिच पर तीसरी पारी में मात्र 12 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 60 रन बना चुका था जिस पिच पर चौथी पारी आसान नहीं होने वाली थी।

पर तीसरे दिन के खेल के पहले ही घंटे में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एक से एक गंदे स्वीप शॉट खेल कर अपना विकेट गंवाते गये। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ड्रेसिंग रूम से बता कर भेजा गया था कि केवल स्वीप और रिवर्स स्वीप ही खेलना है और आक्रामक ही खेलना है।
जबकि मैच के बाद पुजारा बोले भी थे कि ये पिच स्वीप शॉट वाली नहीं थी।

अगर आस्ट्रेलिया तीसरी पारी में 220 बना लेती तो भारत शायद मुश्किल में आता भी, पर 115 का स्कोर इतना था नहीं और पिच इतनी टूटी भी नहीं थी कि रन बनाना ज्यादा ही दूभर हो।

आस्ट्रेलिया ये मैच अपनी गलतियों से ज्यादा हारा। बनिस्बत भारत के बढ़िया खेल के।
मैं अभी भी कहूंगा कि ये ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रतिभा और कौशल में कमजोर नहीं है। लेकिन इनका वर्तमान माइंडसेट जीत का है ही नहीं। ये भारतीय स्पिनर्स और भारतीय पिचों से कुछ ज्यादा ही घबराये हुये हैं, इस वजह से स्वाभाविक खेल नहीं खेल पा रहे।
ताजा खबर ये है कि पैट कमिंस तीसरा टेस्ट मैच शायद न खेलें। वापस आस्ट्रेलिया जा रहे हैं।

आपका –विपुल
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