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भाग 33 – सरनदीप सिंह

भूले बिसरे खिलाड़ी – 33

भाग 33 – सरनदीप सिंह 

प्रस्तुति – विपुल मिश्रा

परिचय

25 से 29 नवंबर 2000 तक नागपुर में चलने वाले भारत बनाम जिम्बावे टेस्ट मैच की पिच बल्लेबाजों के लिये स्वर्ग थी, जिस पर पहली पारी में भारत के शिव सुंदर दास और राहुल द्रविड़ ने शतक बनाया था और सचिन तेंदुलकर ने दोहरा शतक। कुल 6 विकेट पर 609 रन बने थे भारत के। जवाब में जिम्बावे के जब पहली पारी में 2 विकेट पर 165 रन थे, तब इस मैच में डेब्यू कर रहे भारत के पंजाब के पगड़ी धारी सिख ऑफ स्पिनर ने एक रन  के अंतराल में दो विकेट निकाल दिये। पहले 4 रनों पर खेल रहे एलिस्टर कैंपबेल को रमेश के हाथों कैच आउट करवाया फिर एक छोर साधे 84 रनों पर खेल रहे ओपनर गाय व्हिटाल को द्रविड़ के हाथों कैच करवा के मैच को भारत के पक्ष में मोड़ा।

इस भारतीय स्पिनर का नाम सरनदीप सिंह था।

ज़िंबावे पहली पारी में 382 रन ही बना पाई और फॉलोऑन खेलना पड़ा।

पर जिम्बावे की फॉलो ऑन के बाद दूसरी पारी में एलिस्टर कैंपबेल ने शतक मार दिया और विकेट कीपर बल्लेबाज एंडी फ्लावर ने दोहरा शतक वो भी नाबाद।

मैच ड्रॉ रहा। जिम्बावे के कुल गिरे 6 विकेटों में से 4 

सरनदीप सिंह को मिले, कुल मिलाकर अपने पहले ही टेस्ट मैच में सरनदीप सिंह को 6 विकेट मिले , जो एक डेब्यू कर रहे खिलाड़ी के लिए अच्छा आंकड़ा था,भारत मैच नहीं जीत पाया और ये सरनदीप सिंह के 3 टेस्ट मैचों और 5 एकदिवसीय मैचों के छोटे से कैरियर की हाईलाइट है कि इनके खेले 3 टेस्ट मैचों में से भारत कोई नहीं जीता और इनके खेले 5 में से 4 एकदिवसीय में भारत हारा।

प्रारंभ

एक ऑफ़ स्पिनर और दायें हाथ से बल्लेबाज़ी करने वाले सरनदीप सिंह की जूनियर क्रिकेट में शुरुआत एक बल्लेबाज के तौर पर हुई थी जो ऑफ ब्रेक कर लेता था।

1998 में सरनदीप सिंह ने रणजी में पंजाब के लिये पदार्पण किया और और हैदराबाद के खिलाफ एक रोमांचक मैच में 8 विकेट लिये थे, पर पंजाब हार गया था। हालांकि अच्छे प्रदर्शन का ईनाम सरनदीप सिंह को मिला और ये भारत की अंडर 19 टीम में चयनित किए गये।

1999 -2000 के प्रथम श्रेणी सीजन में सरनदीप सिंह ने 37 विकेट लिये और उनके इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर बीसीसीआई ने सरनदीप सिंह को एनसीए के मई 2000 के अपने पहले बैच में चुना।यहां सरनदीप सिंह को वेंकटराघवन और इरापल्ली प्रसन्ना जैसे दिग्गज ऑफ़ स्पिनरों का मार्गदर्शन मिला।

पहले टेस्ट के बाद

बीसीसीआई और नव नियुक्त कप्तान सौरव गांगुली की नज़रों में सरनदीप सिंह पर दांव खेलना उचित था, इसलिये 25 नवंबर 2000 से नागपुर में शुरू हुये भारत बनाम जिम्बावे टेस्ट में सरनदीप सिंह को डेब्यू का मौका मिला। जहां सरनदीप सिंह ने पहली पारी में 22 ओवर में 70 रन देकर दो विकेट लिये और दूसरी पारी में 49 ओवरों में 136 रन देकर 4 विकेट लिये। बल्लेबाज़ी नहीं मिली थी सरनदीप सिंह को।

मार्च 2001 में प्रसिद्ध भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में सौरव गांगुली ने ऑफ़ स्पिनर के तौर पर सरनदीप सिंह से ज्यादा हरभजन सिंह पर भरोसा जताया था और हरभजन ने भी उनका विश्वास कायम रखा था। धूम मचा दी थी। इसलिये सरनदीप सिंह को अगला मौका फिर दिसंबर 2001 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में हरभजन सिंह के साथ ही मिल पाया।

ये टेस्ट भी ड्रा रहा था जिसमें इंग्लैंड की एक ही पारी हो पाई थी जिसमें सरनदीप सिंह के आंकड़े 21-5-54-3 थे और हरभजन सिंह को कोई विकेट नहीं मिला था।

सरनदीप सिंह अपना तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच जॉर्ज टाउन वेस्टइंडीज में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 11 से 15 अप्रैल 2002 को खेले जिसमें पहली पारी में कार्ल हूपर ने दोहरा शतक लगाया था और शिवनारायण चंद्रपाल ने शतक।

दोनों टीमों की एक एक पारी हुई थी और मैच ड्रा रहा। भारत के लिये द्रविड़ का शतक था। इस मैच में सरनदीप सिंह के साथ अनिल कुंबले भी खेले थे जिन्होंने 2 विकेट लिये थे।सरनदीप सिंह के गेंदबाजी आंकड़े 21-5-80-1 थे। हालांकि सरनदीप सिंह ने इस मैच में 39 नाबाद रन बनाये थे, पर इनको फिर कभी टेस्ट मैचों के काबिल नहीं समझा गया। यही इनका अंतिम टेस्ट मैच था।

एकदिवसीय कैरियर

31 जनवरी 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ दिल्ली में 

सरनदीप सिंह का एकदिवसीय डेब्यू हुआ।

इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 271 रन बनाए और सरनदीप सिंह के गेंदबाजी आंकड़े 5-0-34-0 रहे।

भारत 269 रन बना कर दो रन से हार गया।

सरनदीप 8 गेंदों पर 6 रन बना कर नाबाद रहे और आगरकर ने 24 गेंदों पर 36 रन बना कर मैच लड़ा दिया था।

इनका दूसरा एकदिवसीय मैच 13 मार्च 2002 को कोच्चि में जिम्बावे के खिलाफ था। जहां भारत पहले खेलते हुए मात्र 191 रन बना पाया जिसमें सरनदीप सिंह का योगदान 3 रन था। ये मैच भारत हार गया।इस मैच में सरनदीप सिंह के गेंदबाजी आंकड़े 8-1-49-1 थे।

इनका तीसरा एकदिवसीय मैच 24 नवंबर 2002 को विजयवाड़ा में वेस्टइंडीज के खिलाफ था जिसमें वेस्टइंडीज ने 315 रन बनाए थे और भारत को 135 रनों से हराया । इस मैच में सरनदीप सिंह के किफायती आंकड़े 10-0-31-0 थे वहीं 19 रन भी बनाये थे।

ढाका में अप्रैल 2002 में हुये टीवीएस कप में ये अपने अंतिम दो एकदिवसीय मैच खेले।

16 अप्रैल 2003 को बांग्लादेश के 207 के जवाब में भारत 208 रन बना कर जीता जिसमें सरनदीप सिंह के आंकड़े 10-0-34-2 थे।

18 अप्रैल 2003 को हुआ भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका एकदिवसीय मैच सरनदीप सिंह के कैरियर का अंतिम एकदिवसीय मैच और अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच भी साबित हुआ जिसके बाद ये दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेले।

इस मैच में भारत के 215 के जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 216 रन बना कर मैच जीत लिया था। सरनदीप सिंह ने इस मैच में 20 गेंदों ने 19 रन बनाये थे और इनके गेंदबाजी आंकड़े 10-0-32-0 रहे थे।

आंकड़े

सरनदीप सिंह ने 3 टेस्ट मैचों की 4 पारियों में 34 के औसत और 67.80 के स्ट्राइक रेट से 10 विकेट लिये हैं। सर्वश्रेष्ठ 4/136 है।2 टेस्ट पारियों में 43 के औसत से 43 रन बनाये हैं जिनमें 39 नाबाद सर्वश्रेष्ठ है।

वहीं सरनदीप सिंह ने 5 एकदिवसीय मैचों में 60 के औसत और 4.18 की इकोनोमी से 3 विकेट लिये हैं।2/34 इनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वहीं 4 एकदिवसीय मैचों में 15.66 के औसत से 47 रन बनाये हैं जिनमें 19 रनों की पारी सर्वश्रेष्ठ है।

सरनदीप सिंह ने 92 प्रथम श्रेणी मैचों में 28.98 के औसत से 314 विकेट लिये हैं तथा 23.08 के औसत से 2216 रन बनाये हैं।

77 लिस्ट ए (घरेलू एकदिवसीय) मैचों में 27.84 के औसत से 97 विकेट लिये हैं।14.36 के औसत से 474 रन बनाये हैं।

सरनदीप सिंह ने पंजाब दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लिये घरेलू क्रिकेट खेला है।2012 में इन्होंने घरेलू क्रिकेट से सन्यास लिया।

उपसंहार

2016 में बनी एमएस के प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति में ये बीसीसीआई के चयनकर्ता भी रहे हैं।

सरनदीप सिंह के साथ एक अनचाहा रिकॉर्ड रहा है कि इनके खेले तीनों टेस्ट मैचों में टीम इंडिया जीत नहीं पाई और इनके खेले 5 में से 4 एकदिवसीय मैच टीम इंडिया हार गई।

विपुल मिश्रा 

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