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आपका -विपुल

श्रीनाथ युग

जैसा कि इस श्रृंखला के पिछ्ले भाग में मैंने बताया था कि भारतीय टेस्ट मैचों की तेज गेंदबाजी को हम 5 युगों में बांट सकते हैं।
1- पूर्व कपिल देव युग।
2-कपिल देव युग।
3-श्रीनाथ युग
4-जहीर खान युग
5- जहीर खान के बाद का युग।
पहले भाग में पूर्व कपिल युग और कपिल देव युग के तेज और मध्यम तेज गेंदबाजों का विवरण था।इस अंक में जावागल श्रीनाथ और उनके समय के तेज और मध्यम तेज गेंदबाजों के बारे में बात करेंगे।

जावागल श्रीनाथ

जावागल श्रीनाथ
भारत के पहले विशुद्ध तेज़ गेंदबाज।
1991 से 2003 तक भारत के गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ रहे।

1991 में शारजाह में पाकिस्तान के खिलाफ़ श्रीनाथ ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला और इसी साल ब्रिस्बेन में आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ पहला टेस्ट खेले।
2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ़ श्रीनाथ ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला।लेकिन सौरव गांगुली ने इन्हें 2003 विश्वकप खेलने के लिये मना लिया।
टीम इंडिया 2003 एकदिवसीय विश्वकप का फाइनल खेली और इसमें श्रीनाथ, जहीर और नेहरा की तिकड़ी का बहुत बड़ा योगदान था।

एक समय श्रीनाथ की तेजी की तुलना वकार और डोनाल्ड से होती थी।
1996 में लगी चोट के कारण बाद में थोड़े धीमे हो गये।
67 टेस्ट में 30.49 के औसत और 64 के स्ट्राइक रेट से 236 विकेट
5 बार पारी में 5 ,एक बार मैच में 10 विकेट।
सर्वश्रेष्ठ 8/86।
229 एकदिवसीय मैचों में 28.08 के औसत और 4.44 इकनॉमी से 315 विकेट।


533 प्रथम श्रेणी और 407 लिस्ट ए विकेट।
बल्लेबाज भी ठीक ठाक ही थे जावागल श्रीनाथ।
भारत के सबसे लोकप्रिय और निर्विवादित खिलाड़ियों में से एक रहे हैं श्रीनाथ।

सुब्रतो बनर्जी

सुब्रतो बनर्जी
दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज।
इस बंगाली तेज गेंदबाज ने टेस्ट डेब्यू शेन वार्न के साथ किया था।
1992 में सिडनी में।
पहली पारी में गेंदबाजी की थी।
47 रन देकर 3 विकेट लिये थे।

1 टेस्ट 15.66 औसत 36 स्ट्राइक रेट 3 विकेट।

1991 में वेस्टइंडीज के खिलाफ़ टाई एकदिवसीय मैच में डेब्यू किया था।
पहले ही मैच में अपने 10 ओवरों में मात्र 30 रन देकर 3 विकेट लिये।
1992 विश्वकप खेले।
कुल 6 एकदिवसीय मैच खेले , जिनमें 40.40 औसत
और 5.05 की इकोनॉमी से 5 विकेट लिये

135 प्रथम श्रेणी और 54 लिस्ट ए विकेट हैं सुब्रतो बनर्जी के नाम।
सुब्रतो बनर्जी अपना एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच भारत में नहीं खेले।

वेंकटेश प्रसाद

वेंकटेश प्रसाद
दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज
श्रीनाथ के जोड़ीदार रहे।
1994 से एकदिवसीय में खेलना चालू किया और 1996 के इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट में पदार्पण किया।
2001 तक खेले।
मुख्य रूप से श्रीनाथ के जोड़ीदार मध्यम तेज गेंदबाज के तौर पर इनकी पहचान रही।
लेग कटर विशेषज्ञ समझे जाते थे।थे भी।

33 टेस्ट मैचों में 35 औसत और 73.30 के स्ट्राइक रेट से 96 टेस्ट विकेट।

7 बार पारी में 5 ,एक बार मैच में 10 विकेट।

सर्वश्रेष्ठ 6/33।

161 एकदिवसीय मैचों में 32.30 औसत और 4.67 इकॉनमी से 196 विकेट
सर्वश्रेष्ठ 5 /27।

361 प्रथम श्रेणी और 295 लिस्ट ए विकेट।
1990 के भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों में बहुत प्रसिद्ध।1996 एकदिवसीय विश्वकप में आमिर सोहैल को बोल्ड मारना हो या 1999 एकदिवसीय विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ़ 5 विकेट लेना,हर जगह प्रसाद का जलवा दिखता था।

पारस महाम्ब्रे

पारस महाम्ब्रे
दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज
1996 में इंग्लैंड दौरे पर दो टेस्ट मैच खेले और इसी दौरे पर एकदिवसीय मैचों में भी पदार्पण किया। इसके बाद 1998 में बांग्लादेश के खिलाफ़ एक एकदिवसीय और खेले।
1996 का ये वही भारत का इंग्लैंड दौरा था जिसमें राहुल द्रविड़ सौरव गांगुली और वेंकटेश प्रसाद ने डेब्यू किया था।


पारस महाम्ब्रे ने 2 टेस्ट मैचों में 74 के औसत और 129 के स्ट्राइक रेट से 2 टेस्ट विकेट लिये।दोनों टेस्ट मैचों में एक एक विकेट लिया था।
इंग्लैंड के खिलाफ़ खेले पहले एकदिवसीय मैच में 2 विकेट लिये, दूसरे मैच में विकेट नहीं मिला। अपने तीसरे और अंतिम मैच में बांग्लादेश के खिलाफ़ 1 विकेट लिया।


3 एकदिवसीय मैचों में 40 के औसत और 5.71 की इकोनॉमी से 3 विकेट।
284 प्रथम श्रेणी विकेट और 111 लिस्ट ए विकेट पारस महाम्ब्रे के नाम हैं।

डेविड जॉनसन

डेविड जॉनसन दायें हाथ के बहुत तेज गेंदबाज थे जो मात्र 2 टेस्ट खेले।
साल था 1996।
एक दिल्ली में आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ और दूसरा डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़।
10 अक्टूबर 1996 को नई दिल्ली में शुरू हुआ ये मैच नयन मोंगिया के एक शतक के लिये ज़्यादा याद किया जाता है।पर इसी मैच में शायद डेविड जॉनसन ने 157 .3 की स्पीड से गेंद फेंकी थी। इस मैच में 1 विकेट लिया था।


दूसरा टेस्ट मैच इसी साल 1996 में 26 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ खेला जिसमें दो विकेट लिये।
डेविड जॉनसन ने 2 टेस्ट मैचों में 47.66 के गेंदबाजी एवरेज और 80 के स्ट्राइक रेट से 3 विकेट लिए हैं।बेस्ट 2/52।
डेविड जॉनसन एक भी अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच नहीं खेले।
125 प्रथम श्रेणी और 41 लिस्ट ए विकेट लिये हैं डेविड जॉनसन ने।


डेविड जॉनसन बहुत तेज थे पर हमेशा मुझे एक भ्रमित से गेंदबाज दिखे जिसे पता ही नहीं था कि अपनी तेज़ी का कैसे उपयोग करें।

डोडा गणेश

कर्नाटक के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज डोडा गणेश 1997 में 4 टेस्ट मैच खेले।2 दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़,2 वेस्टइंडीज के खिलाफ़, उन्हीं के घर में।

4 टेस्ट ,7 पारी
5 विकेट।
एवरेज – 57.40
स्ट्राइक रेट -92.2

एकमात्र एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ बुलवाओ में खेले और 5 ओवर में 20 रन देकर 1 विकेट लिया ।

प्रथम श्रेणी गेंदबाजी औसत 29 का, लिस्ट ए का एवरेज 27 का है।

104 प्रथम श्रेणी मैच 365 विकेट

89 लिस्ट ए मैच 128 विकेट

डेविड जॉनसन और वेंकटेश प्रसाद की तरह डोडा गणेश भी कर्नाटक रणजी टीम के ही खिलाड़ी थे।

अबे कुरुविला

अबे कुरुविला
दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज।
6 फुट 6 इंच लंबे मुंबई के अबे कुरुविला भारत के अभी तक के सबसे लंबे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रहे।
अपने सभी मैच सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में खेले।
केवल 1 साल अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
मार्च 1997 से दिसंबर 1997 तक।
जब श्रीनाथ चोटिल थे।
टेस्ट रिकॉर्ड खराब नहीं था अबे कुरुविला का


10 टेस्ट
15 पारी
25 विकेट
औसत 35.68
स्ट्राइक रेट 70.60
बेस्ट 5/68
ईशांत शर्मा जैसे आंकड़े हैं।

25 एकदिवसीय मैचों में अबे कुरुविला ने 25 विकेट लिये हैं।35.60 औसत
4.72 की इकोनॉमी से।
बेस्ट 4/43

प्रथम श्रेणी में 27 और लिस्ट ए में 29 का एवरेज है अबे कुरुविला का।
290 प्रथम श्रेणी और 70 लिस्ट ए विकेट लेने वाले अबे कुरुविला इतने विनम्र हैं कि श्रीनाथ की वापसी के बाद उन्हें कभी चयन के लिये कभी सोचा ही नहीं गया तो कभी शिकायत नहीं की।

देबाशीष मोहंती

देबाशीष मोहंती
उड़ीसा से दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज।
बहुत अजीब गेंदबाजी एक्शन था।पर स्विंग बहुत अच्छी थी इनके पास।नई गेंद के बेहतरीन गेंदबाज थे।

1997 में टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ़ सहारा फ्रेंडशिप कप एकदिवसीय श्रृंखला में डेब्यू किया था और 5 मैचों में चार बार सईद अनवर को आउट करके छा गये थे।1999 एकदिवसीय विश्वकप भी खेले थे।
1997 में श्रीलंका के खिलाफ़ 2 टेस्ट मैच खेले थे।और अपनी पहली गेंदबाजी पारी में ही 4 विकेट ले गये थे । फिर कोई टेस्ट विकेट नहीं ले पाये।


2 टेस्ट मैचों में 59.75 औसत और से 107.50 स्ट्राइक रेट से 4 विकेट।
बेस्ट 4/78
एकदिवसीय मैचों में देवाशीष मोहंती 2001 तक खेले।

45 एकदिवसीय मैचों में 29.15 औसत ,4.99 इकोनॉमी से 57 विकेट।
बेस्ट 4 /56
गेंदबाजी अज़ीब एक्शन सा था लेकिन कारगर था देवाशीष मोहंती का।

हरविंदर सिंह

हरविंदर सिंह
पंजाब और रेलवेज के लिये खेलने वाले दायें हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज।
देबाशीष मोहंती और अबे कुरुविला के साथ मिलकर इन्होंने 1997 में टोरंटो में भारत पाकिस्तान के बीच खेले गये सहारा फ्रेंडशिप कप 1997 कप में धूम मचा दी थी।
1998 के उस ढाका इंडिपेंडेंस कप के तीसरे फाइनल में ये भी श्रीनाथ के साथ मुख्य गेंदबाज थे जो ऋषिकेश कानितकर के चौके के लिये प्रसिद्ध है।


1997 से 2001 के बीच भारत के लिये 3 टेस्ट मैच और 16 एकदिवसीय मैच खेले।1998 में भारत आई आस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ़ 2 मैच और 2001 में श्रीलंका के खिलाफ़ 1 टेस्ट मैच खेले।
3 टेस्ट मैचों में 46.25 के औसत और 68.20 के स्ट्राइक रेट से 4 विकेट
सर्वश्रेष्ठ 2 /62।


16 एकदिवसीय मैचों में 25 के औसत और 5.32 की इकोनॉमी से 24 विकेट
सर्वश्रेष्ठ 3 /44।
292 प्रथम श्रेणी और 127 लिस्ट ए विकेट हरविंदर सिंह के नाम हैं।

अजीत अगरकर

अजीत अगरकर
मुंबई से आने वाले दायें हाथ के तेज गेंदबाज।
घरेलू स्तर पर आल राउंडर के तौर पर जाने जाते थे।
श्रीनाथ और कुंबले के बाद भारत के ये सबसे ज्यादा एकदिवसीय विकेट लेने वालों में तीसरे नंबर पर हैं।


भारत के लिये सबसे तेज एकदिवसीय अर्धशतक 67 (25) का रिकॉर्ड राजकोट में जिम्बावे के खिलाफ़ सन 2000 में।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में लगातार सात पारियों में शून्य और लॉर्ड्स में शतक।


अजीत अगरकर का क्रिकेट कैरियर रोचक है।
1998 से 2007 तक भारत की अंतर्राष्ट्रीय टीम के नियमित सदस्य रहे।
1999, 2003 ,2007 एकदिवसीय विश्वकप खेले।2007 टी 20 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे।

26 टेस्ट मैचों में 47.32 औसत और 83.70 स्ट्राइक रेट से 58 टेस्ट विकेट।
1 बार पारी में 5,
बेस्ट 6/41
वही एडिलेड टेस्ट 2003 में जो राहुल द्रविड़ के दोहरे शतक के लिये मशहूर है।


191 एकदिवसीय मैचों में 27.85 औसत 5.07 की इकोनॉमी से 288 विकेट।

4 टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 8 की इकोनॉमी से 3 विकेट
1 टेस्ट शतक भी है।

145 किलोमीटर प्रति घंटा की गति तक फेंक देते थे अजीत अगरकर।

सौरव गांगुली

सौरव गांगुली
दादा सौरव गांगुली
भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक।
बायें हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी भी करते थे।


1991 में आस्ट्रेलिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ़ डेब्यू किया था, बाहर हुये
और फिर 5 साल बाद 1996 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर वापस आये और अपने पहले ही टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ़ शतक लगाया और इसी टेस्ट में अपनी मध्यम तेज स्विंग गेंदबाजी से 3 टेस्ट विकेट भी लिये।

113 टेस्ट मैचों में 52.53 औसत और 97.40 स्ट्राइक रेट से 32 विकेट।

311 एकदिवसीय में 5.06 की इकोनॉमी से पूरे 100 विकेट।

167 प्रथम श्रेणी विकेट
171 लिस्ट ए विकेट।
18 हजार से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय रन बनाने वाले दादा एक चतुर बॉलर भी थे।


1997 -98 में टोरंटो में भारत पाकिस्तान के बीच खेली गई सहारा फ्रेंडशिप एकदिवसीय श्रृंखला में सौरव गांगुली ने दिखा दिया था कि दादा की गेंदबाजी में भी दम है।

अजय जडेजा

अजय जडेजा
दायें हाथ के सलामी बल्लेबाज थे जो बाद में मध्यक्रम में खेलने लगे थे।
दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करते थे।
1992 एकदिवसीय विश्वकप से अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया और 1992 ,1996 और 1999 विश्वकप खेले ।
सन 2000 में हैंसी क्रोनिये वाले फिक्सिंग स्कैंडल में फंसने तक 15 टेस्ट मैच और 196 एकदिवसीय मैच खेल चुके थे।


1992 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले अजय जडेजा ने 15 टेस्ट मैचों में कोई विकेट नहीं ले पाया लेकिन
196 एकदिवसीय मैचों में 54.70 औसत और 5.25 की इकोनॉमी से 20 विकेट लिये हैं।


सर्वश्रेष्ठ 3/3 शारजाह में इंग्लैंड के खिलाफ़ 1999 में।
54 प्रथम श्रेणी और 49 लिस्ट ए विकेट लेने वाले अजय जडेजा ने 576 टेस्ट रन और 5359 एकदिवसीय रन बनाये हैं।
बहुत अच्छे फील्डर थे अजय जडेजा।

रॉबिन सिंह

रॉबिन सिंह
रॉबिन सिंह केवल खिलाड़ी नहीं एक इमोशन हैं हमारी पीढ़ी के लिये।
बायें हाथ के बल्लेबाज जो दायें हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करते थे।
136 एकदिवसीय मैचों में 25.95 के औसत और 74.30 के स्ट्राइक रेट से 2336 रन बनाये हैं।
43.26 के औसत और 4.79 की इकोनामी से 69 विकेट भी लिये हैं।


172 प्रथम श्रेणी और 150 लिस्ट ए विकेट
जिम्बावे के खिलाफ 1998 में अपने कैरियर का एकमात्र टेस्ट खेले थे, नई गेंद संभाली थी। पर विकेट एक भी न ले पाये थे।

अगर आप रॉबिन सिंह का योगदान भारतीय क्रिकेट में नहीं जानते तो आप सच्चे भारतीय क्रिकेट फैन नहीं हैं।
33 की उम्र में पदार्पण करने के बाद टीम के सबसे अच्छे फील्डर और सबसे जुझारू खिलाड़ी के रूप में परिचय मजाक नहीं होता और रॉबिन सिंह का असली परिचय यही तो है।

1991 से 2001 तक के इस युग को मैंने श्रीनाथ युग क्यों कहा?
गौर करिये श्रीनाथ के अलावा कोई दूसरा तेज या मध्यम तेज गेंदबाज 35 टेस्ट मैच भी नहीं खेला, किसी के 100 टेस्ट विकेट भी नहीं हैं। इन दस बारह सालों में श्रीनाथ ने अपने कंधों पर अकेले भारत की तेज गेंदबाजी को ढोया, ये छोटी बात नहीं थी।

आज यहीं तक
पिछ्ले अंक में हमने भारतीय तेज गेंदबाजी के पूर्व कपिल देव युग और कपिल देव युग की बात की थी। इस अंक में श्रीनाथ युग की।
अगले अंकों में जहीर खान युग और जहीर खान के बाद के युग की बात करेंगे।
इंतजार करियेगा।

आपका -विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित – Exxcricketer.com


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2 thoughts on “भारतीय तेज गेंदबाज -आरंभ से अब तक (भाग 2)

  1. भारत में तेज गेंदबाजी आक्रमण की बात करें तो जवागल श्रीनाथ मेरे सबसे पसंदीदा गेंदबाज हमेशा रहेंगे… कपिल जी, जहीर खान, इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, और अब जसप्रीत बुमराह।

  2. बाकी सब जानकारी तो मैने बचपन के क्रिकेट सम्राट की तरह पढ़ी लेकिन ज्यादा अच्छा लगा ये की ओपिनियन हमारे सेम हैं

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