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आपका – विपुल

भारत के टॉप 10 विकेटकीपर

भारत के टॉप 10 श्रृंखला के अंतर्गत आज बात भारत के टॉप 10 विकेटकीपर की कर लेते हैं। चूंकि बात केवल विकेट कीपिंग की है, इसलिए इन विकेटकीपर की केवल विकेटकीपर के तौर पर बात होगी, बल्लेबाज़ी की बात नहीं होने जा रही इनकी।

10 – राहुल द्रविड़

नंबर 10 पर भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ हैं। द्रविड़ ने केवल वनडे मैचों में ही विकेटकीपिंग की है लेकिन फिर भी टॉप 10 में शामिल हैं।

राहुल द्रविड़ के आंकड़े 

73 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 84 शिकार

71 कैच 13 स्टंपिंग

9 – फारुख इंजीनियर

नंबर 9 पर फारुख इंजीनियर हैं। ये विशेषज्ञ विकेटकीपर थे 

फारुख इंजीनियर के आंकड़े 

51अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 86 शिकार

69 कैच 17 स्टंपिंग

8 – दिनेश कार्तिक

नंबर 8 पर पर टी 20 के विध्वंसक बल्लेबाज दिनेश कार्तिक हैं जो पूर्णकालिक विकेटकीपर भी हैं। धोनी के कारण इन्हें कीपिंग के मौके बहुत नहीं मिल पाये।

दिनेश कार्तिक के आंकड़े 

54 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 107 शिकार

91 कैच 16 स्टंपिंग

7 – पार्थिव पटेल

नंबर 7 पर पार्थिव पटेल। ये भी पूर्णकालिक विकेट कीपर थे और बहुत कम उम्र में खेल में आ गए थे। पर पहले दिनेश कार्तिक और फिर धोनी के सीन में आने के बाद इन्हें बहुत मौके नहीं मिले।

पार्थिव पटेल के आंकड़े 

53 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 112 शिकार

93 कैच 19 स्टंपिंग

6 – वृद्धिमान साहा

नंबर 6 पर वृद्धिमान साहा। साहा तकनीकी तौर पर बहुत अच्छे विकेट कीपर रहे हैं और बल्लेबाज ठीक ठाक। ऋषभ पंत के कारण इन्हें जल्द हटना पड़ा।

वृद्धिमान साहा के आंकड़े

49 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 122 शिकार

109 कैच 13 स्टंपिंग 

5 – ऋषभ पंत

नंबर 5 पर बाएं हाथ के आक्रामक टेस्ट बल्लेबाज ऋषभ पंत। पंत इकलौते भारतीय विकेटकीपर हैं जिसने ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट शतक बनाया है और एक टेस्ट पारी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा कैच पकड़े हैं।

ऋषभ पंत के आंकड़े 

129 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 196 शिकार

172 कैच 24 स्टंपिंग

4 – किरण मोरे

नंबर 4 पर किरण मोरे। किरण मोरे एक बेहतरीन पूर्णकालिक विकेटकीपर रहे जो किरमानी के उत्तराधिकार की दौड़ में सदानंद विश्वनाथ और चंद्रकांत पंडित से आगे निकले थे और लंबे समय तक टीम इंडिया से विकेटकीपर के तौर पर जुड़े रहे।

किरण मोरे के आंकड़े 

143 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 220 शिकार 

173 कैच 47 स्टंपिंग 

3 – सैयद किरमानी

नंबर 3 पर सैयद किरमानी। किरमानी अच्छे विकेटकीपर थे पूर्णकालिक और मतलब भर के बल्लेबाज भी।1983 विश्वकप में ये टीम इंडिया के विकेटकीपर थे।

सैयद किरमानी के आंकड़े

137 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 234 शिकार

187 कैच 47 स्टंपिंग 

2 – नयन मोंगिया

नंबर 2 पर नयन मोंगिया। ये किरण मोरे के उत्तराधिकारी के तौर पर टीम इंडिया से पूर्णकालिक विकेटकीपर के तौर पर जुड़े रहे। ठीकठाक बल्लेबाजी कर लेते थे पर बल्लेबाज के तौर पर कभी भरोसेमंद नहीं रहे।

नयन मोंगिया के आंकड़े 

184 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 261 शिकार

209 कैच 52 स्टंपिंग

1- एम एस धोनी

नंबर 1 पर एम एस धोनी के अलावा और कौन हो सकता है? भारत के पहले पूर्णकालिक विकेटकीपर जिन्हें न सिर्फ कप्तानी मिली बल्कि तीन आईसीसी ट्रॉफी भी धोनी की कप्तानी में भारत जीता।10 हजार से अधिक वनडे रन और 4000 से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले धोनी केवल एक बल्लेबाज के तौर पर भी टीम में खेल सकते थे पर एकाध मौकों को छोड़ कर जब भी खेले विकेटकीपिंग ही की।

एम एस धोनी के आंकड़े 

538 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 829 शिकार।

634 कैच 195 स्टंपिंग।

उपसंहार

एम एस धोनी राहुल द्रविड़ और ऋषभ पंत जैसे उच्च कोटि के बल्लेबाज इस लिस्ट में हैं।
पर द्रविड़ पूर्णकालिक विकेटकीपर नहीं रहे। ऋषभ पंत पूर्णकालिक विकेटकीपर होने के बावजूद एक बल्लेबाज के तौर पर बहुत अच्छे हैं और केवल बल्लेबाजी के लिए ही टीम में शामिल किए जा सकते हैं । एम एस धोनी ऐसे पहले ऐसे भारतीय विकेटकीपर रहे जिनके आने के बाद विकेटकीपर की बल्लेबाज़ी भी भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण हो चली। भारतीय क्रिकेट पर एम एस धोनी का प्रभाव अनमोल है।

आपका – विपुल

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