भारत के टॉप 10 क्रिकेटर
आज मैं आपको उन दस क्रिकेटरों के बारे में बताना चाहता हूं जो मेरे अनुसार भारत के दस सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर हैं।
आप मेरी पसंद से सहमत या असहमत हो सकते हैं, पर ये मेरी पसंद है, कोई विज्डन की लिस्ट नहीं। मैं कारण भी दूंगा कि इस लिस्ट में ये क्यों हैं।
शुरू करें?
वीनू मांकड़
दसवें नंबर पर मैं 1946 से 1959 तक खेलने वाले वीनू मांकड़ को रखूंगा जो बाएं हाथ के स्पिनर थे और दाएं हाथ के बल्लेबाज। ये सलामी बल्लेबाज भी थे।
44 टेस्ट में 31 के औसत से 2109 रन और 32 के औसत से 162 विकेट के आंकड़े आपको बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं लगेंगे।
पर ठहरिए तो।
वीनू मांकड़ ने नंबर 1 से नंबर 11 तक हर नंबर पर बल्लेबाजी करी है।कुल 72 पारियों में सबसे ज्यादा 34 बार नंबर 1 पर खेले हैं और 1 -1बार नंबर 10 और 11पर।
कुल लगाए 5 शतकों में 5 के पांचों ओपनिंग में हैं।2 शतक ऑस्ट्रेलिया में,1 इंग्लैंड में।
ऑस्ट्रेलिया में 5 मैचों में 30 का बल्लेबाजी औसत है, इंग्लैंड में 6 टेस्ट मैचों में 39 का। वेस्टइंडीज में 5 मैचों में 28 का बल्लेबाज़ी औसत भी ठीक ही था एक ऑलराउंडर के लिये।
सुनील गावस्कर के पहले एक टेस्ट पारी में सर्वाधिक रन 231 का रिकॉर्ड वीनू मांकड़ के नाम था। पंकज रॉय के साथ मिलकर 400 रनों की ओपनिंग साझेदारी की थी।
और बोलिंग में भी इनका सर्वश्रेष्ठ पारी में 8/52 और मैच में 13/ 131 था।8 बार पारी में 5 विकेट और जिनमें 2 बार इंग्लैंड में पंजा और एक बार वेस्टइंडीज में।
मैच में 10 विकेट 2 बार लिये।
अब इन आंकड़ों की तुलना रवींद्र जडेजा से करना तो समझ जाओगे कि जडेजा की जगह वीनू मांकड़ को क्यों चुना।
वीवीएस लक्ष्मण
नंबर 9 पर वीवीएस लक्ष्मण।
लक्ष्मण की 281 रनों की पारी को जब विज्डन ने ही अपनी आल टाइम टॉप 10 टेस्ट पारियों में नंबर 6 चुना है तो इस लिस्ट में उनका नाम होना आपको खराब नहीं लगना चाहिए।
लक्ष्मण ने 134 टेस्ट की 225 पारियों में 34 बार नाबाद रहते हुये 45.97 के औसत ,17 शतक और 56 अर्धशतकों की मदद से 8781 रन बनाए हैं।135 कैच लिए, ज्यादातर स्लिप में थे।
लक्ष्मण के 86 वनडे मैचों में 30.76 के औसत और 6 शतकों की मदद से 2338 रन हैं।
ये मेरी टॉप 10 लिस्ट में क्यों हैं?
पहला तो ये कि ये टेस्ट में भारत की तरफ से सर्वाधिक नाबाद रहने वाले विशेषज्ञ बल्लेबाजों की लिस्ट में टॉप पर हैं।225 पारियों में 34 बार नाबाद रहे। औसत के हिसाब से 15 प्रतिशत हुआ और इस आंकड़े के आसपास भी कोई और भारतीय बल्लेबाज नहीं है।
सेना देशों में बल्लेबाज़ी के लिए सबसे कठिन देशों न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में इनका टेस्ट बल्लेबाजी औसत 40 -40 है। सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया में 44 और सबसे कम इंग्लैंड में 34 है।
नंबर 11 के साथ बल्लेबाजी करके टेस्ट जिताए हैं। निम्न क्रम के बल्लेबाजों के साथ खेल सकते थे।
और 281 ?
वो पारी इतनी बड़ी थी कि हम लोगों जैसे छोटे आदमी चर्चा भी क्या करें।
वीरेंद्र सहवाग
आठवें नंबर पर वीरेंद्र सहवाग
104 टेस्ट में 49.34 के औसत और 82 के स्ट्राइक रेट से 8586 रन,23 टेस्ट शतक।
251 एकदिवसीय मैचों में 35.05 के औसत और 104 के स्ट्राइक रेट से 8273 रन,15 शतक।
19 अंतर्राष्ट्रीय टी 20 मैचों में 2 पचास है और 394 रन।
टेस्ट में 40 और वनडे में 96 विकेट भी हैं।
ये टॉप 10 लिस्ट में क्यों हैं?
पहली बात, अपने समय के विस्फोटक बल्लेबाजों जयसूर्या और एडम गिलक्रिस्ट के स्ट्राइक रेट से ज्यादा अच्छा सहवाग का स्ट्राइक रेट है।
दूसरा कारण ज्यादा महत्वपूर्ण है।
भारत की तरफ से एक पारी में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड वीरू के नाम है।
केवल दो भारतीय बल्लेबाजों ने तिहरा शतक लगाया, वीरू उनमें से एक हैं।
अरे और सुनो। वीरू ने एक नहीं दो दो तिहरे शतक लगाए हैं।
वीरू ने टेस्ट इतिहास का सबसे तेज तिहरा शतक लगाया है, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ,278 गेंदों में।
ब्रैडमैन, लारा और क्रिस गेल के अलावा मात्र वीरू ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने 2 बार 300 का आंकड़ा छुआ।
एक बार इन्होंने 293 भी बनाए हैं।
भारत की तरफ से रनों के हिसाब 5 सबसे बड़ी टेस्ट पारियों में सहवाग 3 बार आते हैं।
और ये बताना रह ही गया कि 100 से अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले बल्लेबाजों में वीरू उन तीन बल्लेबाजों में से एक हैं जिनका टेस्ट बल्लेबाजी औसत 49 या अधिक है।
विराट कोहली
सातवें नंबर पर विराट कोहली
113 टेस्ट मैचों में 49.15 के औसत से 8848 रन, 29 शतक।
292 एकदिवसीय मैचों में 58.67 के औसत से 13848 रन,50 शतक।
115 अंतर्राष्ट्रीय टी 20 मैचों में 52.73 के औसत से 4008 रन,1 शतक।
टेस्ट मैचों में इंग्लैंड में 33, न्यूजीलैंड में 36 का बल्लेबाजी औसत है, पर ऑस्ट्रेलिया में 54 और दक्षिण अफ्रीका में 49.50 औसत। हर सेना देश में टेस्ट शतक है।
टेस्ट मैचों में मैं फिर भी लक्ष्मण और सहवाग को इनसे ऊपर रखता, पर बात ओवर आल क्रिकेट की है तो ये लक्ष्मण और सहवाग से अपने एकदिवसीय रिकॉर्ड के कारण ऊपर रहेंगे।
50 शतक हैं इनके वनडे में, 13848 रन।
मजाक नहीं होता 50 अंतरराष्ट्रीय शतक भी लगाना।
कोहली के केवल वनडे में ही 50 शतक हैं।
इसलिए लिस्ट में।
रविचंद्रन अश्विन
नंबर 6 पर रविचंद्रन अश्विन
95 टेस्ट मैचों में 23.69 के औसत से 490 विकेट। 34बार पारी में 5 विकेट,8 बार मैच में 10 विकेट।
26.83 के औसत से 3183 रन,5 टेस्ट शतक,14 अर्धशतक।
116 वनडे मैचों में 33 औसत और 4.93 की इकोनोमी से 156 विकेट, 707 वनडे रन।
65 अंतर्राष्ट्रीय टी 20 मैचों में 72 विकेट और 184 रन।
ये मेरी लिस्ट में क्यों हैं?
जवाब- कपिल देव के बाद इकलौते भारतीय खिलाड़ी जिनके नाम 300 टेस्ट विकेट और 3000 टेस्ट रन का डबल है।
ऐसा ही कर पाने वाले विश्व भर के उंगलियों पर गिने जा सकने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं अश्विन।
3 बार एक ही टेस्ट में शतक और 5 विकेट का कारनामा। इससे ज्यादा बार ये काम केवल इयान बॉथम कर पाए।
एक कैलेंडर वर्ष में 500 टेस्ट रन,50 टेस्ट विकेट का कारनामा।
10 बार मैन ऑफ द सीरीज।
इनसे ज्यादा बार एक टेस्ट पारी में 5 विकेट केवल रिचर्ड हेडली और मुथैया मुरलीधरन के नाम हैं।
राहुल द्रविड़
नंबर 5 पर राहुल द्रविड़
174 टेस्ट मैचों में 52.31 के औसत से 13288 रन।36 शतक।210 टेस्ट कैच।
344 एकदिवसीय मैचों में 39 के औसत और 71 के स्ट्राइक रेट से 10889 रन,12 शतक ,196 वनडे कैच।
ये मेरी लिस्ट में क्यों हैं?
इनके बारे में ज्यादा बोलना सूरज को दिया दिखाना होगा।
विश्व टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा समय क्रीज पर रहने वाले और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा गेंदे खेलने का विश्व रिकॉर्ड इनके नाम है।
सचिन के अलावा मात्र दूसरे भारतीय बल्लेबाज जिनके टेस्ट और वनडे दोनों में 10 हजार से ऊपर रन हैं।
पूरे विश्वकप में विकेटकीपर रहे।
इस धोखे में न रहना कि द्रविड़ अच्छे वनडे खिलाड़ी नहीं थे।
द्रविड़ का वनडे बल्लेबाजी औसत 39 और स्ट्राइक रेट
वनडे में इनका स्ट्राइक रेट 71 था जबकि बहुत अच्छे वनडे खिलाड़ी माने जाने वाले इंजमाम का भी वनडे औसत 39 है और स्ट्राइक रेट 74।
सुनील गावस्कर।
नंबर 4 पर सुनील गावस्कर।
सुनील गावस्कर साहब के 125 टेस्ट मैचों में 51.12 के औसत से 10122 रन हैं।34 शतक ।
108 एकदिवसीय मैचों में 35.13 के औसत से 3092 रन हैं। एक शतक।
गावस्कर साहब के बारे में ज्यादा क्या बोलें।
ओपनर के तौर पर इनका टेस्ट में इनका बल्लेबाजी औसत पूरे टेस्ट इतिहास में सर्वोत्तम है।
भारत की तरफ से एक पारी में सबसे ज्यादा टेस्ट रन का रिकॉर्ड रखा।
सबसे पहले बल्लेबाज जिसने 10 हजार टेस्ट रन बनाए।
एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड आज भी इनके नाम है जो इन्होंने तत्कालीन वेस्ट इंडीज में बनाया।
भारत की पहली इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीत में सदस्य, वेस्टइंडीज में भारत की टेस्ट सीरीज जीत में महत्वपूर्ण भूमिका।
और जब रिटायर हुए, तब भी बेहतरीन खेल रहे थे।
अनिल कुंबले
तीसरे नंबर पर अनिल कुंबले
कुंबले भारत के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं।
132 टेस्ट मैचों में 29.65 के औसत से 619 विकेट जो भारत के लिए खेलने वाले टेस्ट गेंदबाजों में सबसे ज्यादा हैं।35 बार पारी में 5 विकेट और 8 बार मैच में 10 विकेट।1 शतक के बाद 2506 टेस्ट रन भी।
271 एकदिवसीय मैचों में 30.89 के औसत से 337 विकेट।938 एकदिवसीय रन।
ये मेरी लिस्ट में क्यों हैं?
विश्व के सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वालों में कुंबले चौथे पायदान पर हैं।
भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट
भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट
भारत के लिए सबसे ज्यादा एकदिवसीय विकेट
950 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाजों में केवल वार्न, मुरली, जेम्स एंडरसन और कुंबले ही हैं।
भारत के सबसे बड़े मैच विनर।
और एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी।
टूटे जबड़े के बावजूद गेंदबाजी करने की हिम्मत रखने वाले कुंबले वाकई बेजोड़ खिलाड़ी थे।
कपिल देव
दूसरे नंबर पर कपिल देव
131 टेस्ट मैचों में 29.64 के औसत से 434 विकेट और 31.05 के औसत से 5248 रन।
8 टेस्ट शतक,27 अर्धशतक,23 बार पारी में 5 विकेट,2 बार मैच में 10 विकेट।
225 एकदिवसीय मैचों में 27.46 के औसत से 253 विकेट,23.79 के औसत से 3783 रन।
कपिल इतने विलक्षण खिलाड़ी रहे हैं कि कपिल देव की किसी भी दूसरे भारतीय खिलाड़ी से तुलना भी नहीं हो सकती। सचिन से भी नहीं।
कुछ मामलों में ये सचिन पर भी बीस पड़ेंगे।
कपिल देव उन दो खिलाड़ियों में से एक हैं जिनके नाम 5000 टेस्ट रन और 350 टेस्ट विकेट हैं।
कपिल अकेले खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट में चार गेंदों पर लगातार चार छक्के लगा कर फॉलोऑन बचाया, वो भी अंतिम विकेट के साथ।
भारत की तरफ से सबसे बड़ी वनडे पारी 175 का रिकॉर्ड कई दिनों तक कपिल के नाम रहा।
सबसे ज्यादा टेस्ट विकेटों का विश्व रिकॉर्ड कपिल के पास काफी दिनों तक रहा।
और कप्तान के रूप में इन्होंने भारत को पहला एकदिवसीय विश्वकप भी दिलाया जिसमें ये पूरे विश्वकप में भारत के टॉप स्कोरर थे और भारत के लिए तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी।
सचिन तेंदुलकर
नंबर 1 सचिन तेंदुलकर।
निर्विवाद रूप से शीर्ष पर रहेंगे।
200 टेस्ट, 53.78 औसत,15921 रन,51 शतक,46 विकेट।
463 एकदिवसीय,44.83 औसत,18426 रन,49 शतक,154 विकेट।
1 अंतर्राष्ट्रीय टी 20,10 रन, 1 विकेट।
इनके बारे में क्या बोलूं भाई?
100 अंतर्राष्ट्रीय शतक,24 साल का कैरियर,
सबसे ज्यादा शतक।
सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय रन
सबसे ज्यादा टेस्ट रन
सबसे ज्यादा एकदिवसीय रन
ज्यादा कुछ बोलना उचित नहीं।
मोहिंदर अमरनाथ(विशेष उल्लेख)
विशेष उल्लेख मोहिंदर अमरनाथ का
कारण के पहले आंकड़े जान लो
मोहिंदर अमरनाथ के 69 टेस्ट मैचों में 42.50 के औसत से 4378 रन हैं और 55.68 के 32 टेस्ट विकेट।11 टेस्ट शतक।
85 वनडे मैचों में 30.53 के औसत से 1924 रन हैं और 42.84 के औसत से 46 विकेट।
अब बताया हूं कि मेरे चुने टॉप 10 भारतीय क्रिकेटर की लिस्ट में ये विशेष उल्लेख क्यों हैं।
पहला ये कि सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के अलावा ये इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं जिनका विदेशी जमीन पर बल्लेबाजी औसत 50 से ज्यादा है।
विदेशी भूमि पर 37 टेस्ट मैचों में 51.86 के औसत से 3008 रन और 9 शतक।
तो जिस खिलाड़ी के 11 में से 9 टेस्ट शतक विदेश में हों, ऑस्ट्रेलिया में 2 और तत्कालीन वेस्टइंडीज में 3 शतक हों, चौथी पारी में 400 रनों का पीछा करते नाबाद रहा हो। वो तो यहां होगा ही।1983 एकदिवसीय विश्वकप के सेमीफाइनल और फाइनल के मैन ऑफ द मैच बोनस में रख लो।
उपसंहार
इस लिस्ट में मैंने उनको रखा है जिनका कुछ ऐसा प्रदर्शन रहा हो जो अपने समय में अतुलनीय रहा हो।
जैसे वीनू मांकड़ , सुनील गावस्कर,वीवीएस लक्ष्मण, सहवाग के पास एक टेस्ट पारी में सर्वाधिक रन का भारतीय रिकॉर्ड रहा है,कोहली से ज्यादा एकदिवसीय शतक किसी के नहीं हैं। अश्विन ने सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द सीरीज के खिताब जीते और 3000 टेस्ट रन और 300 टेस्ट विकेट लिए। द्रविड़ के नाम टेस्ट और वनडे दोनों में 10 हजार रन हैं।कुंबले और सचिन भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। मोहिंदर अमरनाथ का विदेशों में टेस्ट औसत 50 है। विश्वकप सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में मैन ऑफ द मैच रहे। बहुत चाहने के बाद भी सौरव गांगुली और युवराज की जगह नहीं बना पाया। गांगुली के दस हजार वनडे रन और युवराज के 6 छक्कों पर लक्ष्मण की 281 रनों की पारी को मैंने ऊपर रखा, क्योंकि ये वो पारी थी जिसने भारतीय क्रिकेट में नया आत्मविश्वास फूंका।
बस,यहीं समाप्त करता हूं।
विपुल मिश्रा
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