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असली जियोपोलिटिक्स विशेषज्ञ सोशल मीडिया पर क्यों नहीं दिखते?

आपका – विपुल 

आज मूड है।

आपको बताता हूं, बहुत ज्यादा असली जियोपोलिटिक्स विशेषज्ञ सोशल मीडिया पर क्यों नहीं दिखते?

मैं उन मौसमी जियोपोलिटिक्स विशेषज्ञ लोगों की बात नहीं कर रहा जो बिहार राजनीति से लेकर शेयर बाजार और फुटबॉल से लेकर सीमा हैदर तक के विशेषज्ञ हैं।

असली की बात कर रहा।

पूरा पढ़ना।

ये एक निहायत ही रूखा और रसहीन विषय है जो आपसे सतत अध्ययन भी मांगता है और धैर्य भी। मेरे जैसे कुछ लोग इसमें रुचि लेते हैं उन्हें भी ये कभी कभार कतई बोरिंग लगता है। डिप्लोमेसी में किसी नेता के पी आर से पैसे मिलने की गुंजाइश काफी कम होती है।

किसी देश का पी आर पैसे लेकर कर सकते हो। पर उससे आप अपने देश की खुफिया एजेंसियों की नज़रों में आओगे।

डिप्लोमेसी इतना कठिन और रूखड़ सब्जेक्ट कैसे है?

आइए आपको उदाहरण देते हैं।

फर्ज कीजिए आप विदेश सेवा में हैं।आपको विदेश भेजा गया।

अब नेपाल भी विदेश है और इटली भी।

सोमालिया भी विदेश है।

आपको गैबोन भेजा गया जिस देश का नाम भी न सुना था आपने अपनी पढ़ाई के दौरान।

मुस्कुराइए आप विदेश में हैं।

आपको भारतीय होने के कारण एक विशेष भारतीय डिश सर्व की गई जाते ही।

आपको इंडियन डिश बुशमीट सर्व किया जाता है।

ये क्या है?

नागालैंड की कुत्ते के मांस से बनी प्रसिद्ध डिश।

आप यूपी के हैं जो दाल चावल परांठा सब्जी, कभी कभी चिकन मटन खाता है। डोसा सांभर इडली भी खाता है।

पर बुश मीट?

आपने तो नाम भी न सुना था, पर यहां ये फेमस इंडियन डिश के नाम से बताई गई।

है भी फेमस।पर नागालैंड में।

अब नागालैंड इंडिया में ही तो है न?

आप भी इंडियन हैं न?

अभी बात खत्म न हुई।

आपको बताया गया कि दो और भारतीय आपके इंतजार में बैठे हैं।

आप खुश हैं आपके देशी साथी मिलेंगे पर आप कमरे में पहुंचते हैं और अरूणांचल के एक बौद्ध,और तमिलनाडु के एक तमिल ईसाई से मिलते हैं।

दोनों ही भारतीय नागरिक हैं।हिंदी बोलना पसंद नहीं करते

उसके बाद आपकी टीम को खबर मिलती है कि एक बड़े भारतीय नेता की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है।

आप सोच लेते हैं कि मोदी को बचाने के लिए आप की टीम जी जान लगा देगी। पर आप चौंक जाते हैं जब आपको पता चलता है कि ये मिजोरम के एक बड़े नेता की सुरक्षा को लेकर एलर्ट था जिसका आप नाम भी नहीं जानते थे आज से पहले।

खैर, आपका काम संतोषजनक था और इस वजह से आप अब अमेरिका महाद्वीप भेज दिए गए।

अब मुस्कुराइए कि आप अमरीका महाद्वीप में हैं।

पर पोस्टिंग तो ग्वाटेमाला में हुई? गरीब देश।

चार्म खत्म?

अब इसी मुद्दे पर आता हूं।

विश्व भर में अमेरिका रुस, चीन, फ्रांस जैसी महाशक्तियों के अलावा 200 देश और हैं।

लगभग सब देशों से सब देशों का रिश्ता है।

भारत का भी है।

कनाडा मामले में एक्सपर्ट बने लोगों के कितने पोस्ट सूडान संकट के बारे में पढ़े आपने?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कमाल का काम किया था वहां।

कांगो में कार्यरत भारतीय सैनिकों के बारे में कितने लोग बताते हैं?

सीरिया की असलियत कितने लोग बताते हैं कि रोज वहां अमेरिकी सेना तेल लूटती है।

विदेशनीति केवल 20 बड़े देशों का विषय नहीं होता।बड़े देश महत्वपूर्ण हैं पर बाकी के 200 देशों की उठापटक का प्रभाव पड़ता ही है।

इस सबको कवर करना बहुत कठिन होता है

और बहुत उबाऊ भी।

इसलिए असली जियोपोलिटिक्स एक्सपर्ट उंगलियों पर गिने जा सकते हैं।

हालांकि वो भी हरदम सही नहीं होते।

आपका – विपुल 

सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com 


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