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पारस महाम्ब्रे

भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 22 -पारस महाम्ब्रे
लेखक -विपुल

विपुल

31/08/2022

दायें हाथ के मध्यम तेज़ गेंदबाज

पारस महाम्ब्रे दाएं हाथ के मध्यम तेज़ गेंदबाज थे जिन्होंने उसी टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था ,जिस टेस्ट सीरीज में बाद में भारतीय क्रिकेट टीम के असली दादा सौरव गांगुली और भारतीय क्रिकेट के श्रीमान भरोसेमंद और दीवार के नाम से विख्यात हुये राहुल द्रविड़ ने भी डेब्यू किया था।

पारस महाम्ब्रे ने मुम्बई के लिये 1992-93 के रणजी सीजन में डेब्यू किया और 23 के गेंदबाजी एवरेज से 30 विकेट ले लिये।तत्कालीन चयनकर्ताओं ने इसका संज्ञान लिया और पारस महाम्ब्रे को अगले सीजन में इंडिया ए के लिये चुन लिया।

भारत के इंग्लैंड दौरे 1996 पर डेब्यू

पारस महाम्ब्रे को भारत के इंग्लैंड दौरे 1996 पर मुख्य तेज़ गेंदबाज के तौर पर चुना गया।इस सीरीज में पहले एकदिवसीय हुये फिर टेस्ट।

23 मई 1996 को अपने पहले एकदिवसीय मैच में पारस महाम्ब्रे ने 9 ओवर में 69 रन देकर दो विकेट ओपनर एली ब्राउन और वन डाउन बल्लेबाज नील स्मिथ के लिये ।लेकिन वर्षा बाधित होने के कारण ये मैच पूरा नहीं हो सका।

25 मई 1996 को इंग्लैंड के विरुद्ध दूसरे एकदिवसीय मैच में पारस महाम्ब्रे ने नॉट आउट रहते हुये 5 गेंदों पर 7 रन बनाये ।लेकिन गेंदबाजी के आंकड़े 6-0-29-0 रहे।

टेस्ट डेब्यू

6 जून 1996 को भारत इंग्लैंड का इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच बर्मिंघम में शुरू हुआ।मैच में कप्तान अज़हर ने नवजोत सिद्धू को ड्राप करके ओपनर के तौर पर विक्रम राठौड़ और अजय जडेजा को खिलाया।शायद सिद्धू को उनके ड्राप होने की बात किसी ने नहीं बताई थी।वो जब ड्रेसिंग रूम से पैड पहन कर निकले तो किसी ने उनका मजाक उड़ाया।सिद्धू नाराज होकर दौरा छोड़ कर वापस भारत आ गये।
ये उस समय की बहुत बड़ी घटना थी।

ऐसे मनहूस माहौल में पारस महाम्ब्रे ने डेब्यू किया।अज़हर ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग ली।जडेजा 0 पर आउट हुये।राठौड़ 20 बनाकर।स्कोर 150 पर 8 था ,तब पारस महाम्ब्रे आये और 49 गेंदों पर 28 बना गये।स्कोर 214 तक पहुंचा दिया।

पारस महाम्ब्रे ने इंग्लैंड की पहली पारी में 10 ओवर में 43 रन देकर ओपनर और कप्तान माईकल अथरटन का विकेट हासिल किया |

।दूसरी पारी में फिर 20 गेंदों पर 15 रन बनाये ।लेकिन चौथी पारी में इनकी गेंदबाजी आने से पहले ही इंग्लैंड मैच जीत चुका था।

दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच

20 जून 1996 को सीरीज का दूसरा मैच लॉर्ड्स में चालू हुआ।इस मैच से राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली का पदार्पण टेस्ट क्रिकेट में हुआ।भारत ने फिर टॉस जीता था।अबकी पहले गेंदबाजी ली थी।पारस महाम्ब्रे को 19 ओवर में 58 रन देने के बाद भी कोई विकेट नहीं मिला था।

हालांकि महाम्ब्रे ने फिर अपनी बलेबाजी क्षमता का प्रदर्शन दिखाते हुये 20 गेंदों में 15 रन बना दिये थे भारत की पहली ईनिंग में ।यही ईनिंग सौरव और द्रविड़ की टेस्ट क्रिकेट की पहली ईनिंग थी।सौरव ने 131 और द्रविड़ ने 95 रन बनाये थे।

इंग्लैंड की दूसरी पारी में पारस महाम्ब्रे ने 14 ओवर में 47 रन देकर 1 विकेट रोनी ईरानी का लिया।बोल्ड मारा था।

यही लॉर्ड्स टेस्ट पारस महाम्ब्रे के क्रिकेट कैरियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ।फिर कभी टेस्ट टीम में पारस महाम्ब्रे का चयन नहीं हुआ।

अंतिम एकदिवसीय मैच

पारस महाम्ब्रे को एक बार फिर से एकदिवसीय मैच में 1998 में मौका कोका कोला त्रिकोणीय श्रृंखला 1998 में 25 मई 1998 को वानखेड़े में बांग्लादेश के विरुद्ध मिला।पारस महाम्ब्रे ने इस मैच में वेंकटेश प्रसाद के साथ नई गेंद सम्भाली ।ओपनर अतहर अली खान को 0 पर आउट किया।आंकड़े 6-1-22-1 रहे।
ये एकदिवसीय पारस महाम्ब्रे का अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच साबित हुआ।

आंकड़े

पारस महाम्ब्रे ने 2 टेस्ट की 3 पारियों में 74 के एवरेज और 129 के स्ट्राइक रेट से 2 विकेट लिये।बेस्ट 1/43।
29 के एवरेज से 58 टेस्ट रन बनाये।
पारस महाम्ब्रे ने 3 एकदिवसीय मैचों में 40 के औसत और 5.71 की इकोनॉमी से 3 विकेट लिये।
बेस्ट 2 /69

पारस महाम्ब्रे का डोमेस्टिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।
91 प्रथम श्रेणी मैचों में 24 के एवरेज से 284 विकेट।
83 लिस्ट ए (लिस्ट ए घरेलू एकदिवसीय होते हैं ) में 25 के एवरेज से 111 विकेट।

सर्टिफाइड कोच

पारस महाम्ब्रे एन सी ए से सर्टिफाइड कोच हैं।
जब पश्चिम बंगाल के कोच बने थे तो 16 साल बाद पश्चिम बंगाल की टीम रणजी के फाइनल में पहुंची थी।
पारस महाम्ब्रे वर्तमान में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच हैं।

लेखक -विपुल

विपुल


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