हिंदी उपन्यासों का संसार
आपका -विपुल हमने जब पढ़ना सीखा था तो दो यादें हैं सबसे पहली। एक तो दैनिक जागरण का अखबार थोड़े पीले पन्ने में आता था और भोपाल गैस काण्ड की खबर कहीं देखी थी। रविवार, दिनमान माया, कादम्बिनी, नवनीत, सरिता, मुक्ता, साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग और ब्लिट्ज जैसी पत्रिकाएं भी थीं…