Vividh

विश्वास बड़ी चीज है

आपका -विपुल आधी रात का वक़्त था औऱ बाहर कमरे का तख्त ।घूं घूं करके मोबाइल बजा ,हाथ बढ़ा कर उठाया।साढ़े बारह का एलार्म लगाया था।ऑफिस का काम करना था।मुंह धोने वाशबेसिन पहुंचा।मुंह धोकर शीशा देखा।चौंक गया।मेरे पीछे एक आतीं सुंदर स्त्री गहनों से लदी फंदी मुझे देख मुस्कुरा रही…