खुद के लिये भी जियो
खुद के लिये भी जियो विपुल मिश्रा 30 अक्टूबर 2003 से 11 नवंबर 2003 तक का मुझे कुछ याद नहीं। आंखें खुलने पर ज़माने भर का दर्द आंखों में समेटे एक मजबूर बाप सामने था और एक डॉक्टर मुझसे कह रहा था, तुम इतने डैशिंग हैंडसम पर्सनॉलिटी वाले लड़के हो…