Vividh

चलते रहो

चलते रहोहॉरर कहानीप्रस्तुति -विपुल मिश्रादिल्ली से कानपुर वापस आने के लिए बस में बैठे थे और रात दस बजे बस आनंद विहार से निकल भी ली।ज्यादा सवारी थी नहीं। पता नहीं क्यों।नींद आ गई थी और बारह बजे करीब नींद खुली तो बस को खड़ा पाया।खराब हो गई थी बस।सूनसान…

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टॉमी के प्रति इतनी नफरत क्यों?

राहुल दुबे 2014 ने इतने जख्म दिये हैं कि अब उनकी कोई सीमा ही नहीं बची है अशरफ जाति की पत्रकार आरफा खानुम की भाषा में कहें तो "हर रोज एक नया जख्म!"अब बताइये कुत्तों पर चर्चा हो रही है हमारे देश में।धर्म जाति के बाद अब तानाशाह ने चर्चा…