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सुन लीजिये सरकार।
2012 से 2017 तक सपा सरकार का कार्यकाल था,
जिसमें भर्तियों में भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने भाजपा पर भरोसा करके पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई इस भरोसे के साथ कि आगे से सरकारी भर्ती निष्पक्ष होगी।
69-69 हजार की 2 शिक्षक भर्ती जिसमें लगा कि हां सरकार सही कर रही है, लेकिन उसके बाद से उत्तर प्रदेश की भर्ती में जिस स्तर पर धांधली हुई उसको देखने के बाद तो शब्द ही नहीं बचे हैं।
TET का पेपर लीक हुआ, वीडीओ की भर्ती के लिए दोबारा परीक्षा हुई, UPSI की 9534 पदों की भर्ती के लिए तो कुछ कह ही नहीं सकते। सबसे पहले बात वीडीओ भर्ती की
1953 पदों पर यह भर्ती हुई थी
जिसमें 30 मई 2018 से 25 जून 2018 तक आवेदन मांगे गए
परीक्षा 22- 23 दिसंबर 2018 को आयोजित की गई
2019 में रिजल्ट आया
धांधली के आरोप लगे, जांच के लिए एसआईटी गठित की गई, रिपोर्ट के बाद इस वर्ष मार्च में परीक्षा रद्द करके पुनः आयोजित कराने का आदेश आया
पिछले माह परीक्षा आयोजित हुई
समय लगा 5 साल
परिणाम अभी तक शून्य है।

अब हम बात करते हैं UPSI के 9534 पद के लिए भर्ती की।
चुनाव से लगभग एक साल पहले भर्ती आती है 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए, क्यों कि यह तो प्रथा हो चुकी है कि भर्तियां विभाग की मांग और युवाओं को नौकरी देने के उद्देश्य से नहीं बल्कि सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से निकाली जाती हैं।
1 अप्रैल 2021 से 15 जून 2021 तक आवेदन
परीक्षा 12 नवंबर 2021 से 02 दिसंबर 2021 तक
परीक्षा के बीच से ही चर्चा होने लगी कि भर्ती में धांधली चल रही है लेकिन फिर भी बात को अनसुना करके परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित करा ली जाती है।
आंसर key – 10 December 2021
परिणाम – 14 अप्रैल 2022
यहीं से कहानी शुरू होती है असली
परीक्षा की अवधि – 2 घंटा
परीक्षा में प्रश्न – 160
लड़कों ने हल कर दिए 150+ तक
जबकि परीक्षा का स्तर इतना खराब नहीं था कि इतने प्रश्न हल कर दिए जाएं
एक बार को मान भी लेते हैं कि कुशाग्र बुद्धि के बालक होंगे लेकिन कितने?
जब स्टूडेंट लॉग आईडी खुली तो पता चला 150+ प्रश्न केवल 9 मिनट में हल कर दिए गए
कैसे?
परीक्षा में लाखों रुपया लेकर कंप्यूटर हैक कराकर पेपर सॉल्व कराए गये।
सीधा पता चलता है कि परीक्षा में बहुत बड़े स्तर पर धांधली हुई है
अभ्यर्थियों ने सीबीआई जांच की मांग की लेकिन सब अनसुना कर दिया गया।
इसके बाद अगले 2 माह के अंदर शारीरिक दक्षता परीक्षा करा के फाइनल रिजल्ट भी आ जाता है।
दिनांक 12 जून 2022
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हो जाता फिजिकल वेरिफिकेशन भी हो जाता है।
कई डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में पकड़े गए और कई शारीरिक दक्षता परीक्षा में।
हद तो तब हो गई जब फर्जी लड़के यहां से भी बचकर निकल गए और ट्रेनिंग के दौरान पकड़े गये।
नया मामला भी ऐसा ही है
अभ्यर्थी कोई और
ट्रेनिंग लेने वाला कोई और
अब बात आती है ये कि जब इतना सब निकल कर आया तो इसमें परीक्षा कराने वाली एजेंसी NSEIT पर क्या कार्यवाही हुई क्यों कि सेंटर हायर किए एजेंसी ने ।
पेपर में धांधली हुई सेंटर से
तो सेंटर पर क्या कार्यवाही हुई?
इसका सीधा मतलब है गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है।
बाबा जी का न्याय का प्रतीक बुलडोजर इनमें से किसी के ऊपर पर चला?
अपराध केवल वही नहीं है जो किसी को शारीरिक रूप से हानि पहुंचाए यहां पर भी अपराध ही है
इन सबकी वजह से जो अभ्यर्थी उम्र सीमा पार कर गए और ऐसी धांधली की वजह से सफल नहीं हुए उनका क्या?
जो अभ्यर्थी अपना 100% देकर भी बाहर हो गए वो
और मजे तो उनके है जो फर्जी तरीके से परीक्षा पास करके ट्रेनिंग किए और हो सकता है अभी और भी हों।
एक बात यह भी है कि जब लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी तो क्या अधिकारियों को इसका पता नहीं चला?
क्या योगी जी को इसकी भनक नहीं हुई?
और अब तो ट्रेनिंग के दौरान फर्जी लोग पकड़े जा रहे जो 3- 4 महीने की ट्रेनिंग कर चुके लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं ।
सरकार हर भर्ती को निष्पक्ष रूप से कराने का दावा करती है लेकिन देखकर तो नहीं लगता कि यह सत्य है।
क्या एक बेरोजगार लड़का अपने किसान, मजदूर पिता से रुपया लेकर फॉर्म इसीलिए भरता है कि उसका हक कोई और मार जाए?
क्या लड़कों ने सालों तक रात रात भर पढ़ाई इसीलिए की थी कि उसकी जगह कोई और चयनित हो जाए?
क्या उत्तर प्रदेश में लोगों को निष्पक्ष रूप से नौकरी नहीं मिल सकती?
क्या ईमानदारी से नौकरी पाने की उम्मीद करना बेइमानी है?
योगी जी से उम्मीद करता हूं कि अभ्यर्थियों को न्याय देंगे एवं आगामी भर्ती निष्पक्ष होगी।
एक UPSI अभ्यर्थी की कलम से।

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