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हरफनमौला शॉन पोलॉक

विपुल मिश्रा

हरफनमौला सीरीज के इस एपिसोड में आज हम दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज हरफनमौला शॉन पोलॉक की बात करेंगे।

1995 से 2008 तक दक्षिण अफ्रीका के लिये खेले तेज गेंदबाज हरफनमौला शॉन पोलॉक के 108 टेस्ट मैचों में 32.31 के औसत और 52.52 के स्ट्राइक रेट से 3781 रन हैं जिनमें 2 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं इतने ही टेस्ट मैचों में पोलॉक के 23.11 के औसत और 57.80 के स्ट्राइक रेट से 421 विकेट हैं जिनमें 16 बार पारी में 5 विकेट और 1 बार मैच में 10 विकेट शामिल हैं।

शॉन पोलॉक के 303 वनडे मैचों में 26.55 के औसत और 86.69 के स्ट्राइक रेट से 3519 रन हैं जिसमें 1 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं।

वहीं इतने ही वनडे मैचों में पोलॉक के 24.50 के औसत और 3.67 की इकोनॉमी से 393 विकेट हैं जिनमें 5 बार पारी में 5 विकेट शामिल हैं।

जब आप 90 के दशक के हरफनमौला खिलाड़ियों की बात करते हो, विशेष तौर पर तेज गेंदबाज आल राउंडर की तो क्रिस केयर्न्स, एंड्रू फ्लिंटॉफ, लांस क्लूजनर, जैकस कालिस, अब्दुल रज्जाक जैसे खिलाड़ियों के बीच आपको जल्दी शॉन पोलॉक का नाम ध्यान नहीं आयेगा। जबकि शौन पोलॉक इकलौता ऐसा क्रिकेटर है जिसने टेस्ट और वनडे दोनों में 300 विकेट और 3000 रन का डबल लिया है। इसके अलावा इनके खेले टेस्ट मैचों में इनका बोलिंग औसत भी बैटिंग औसत से करीब 9 रन कम है  जहां गेंदबाजी औसत 24 से भी कम है और बल्लेबाजी औसत 32 से भी ज्यादा।

ये एक आल राउंडर के लिये कितनी बड़ी बात है ये इससे समझिए कि इमरान खान के अलावा किसी तेज गेंदबाज आल राउंडर के पास ये उपलब्धि नहीं है।

इमरान खान का 88 टेस्ट मैचों में 22.81 का गेंदबाजी औसत और 37.69 का बल्लेबाज़ी औसत है।

कालिस और सोबर्स के गेंदबाजी और बल्लेबाजी औसत में 20 से ज्यादा रनों का फर्क है पर दोनों का गेंदबाजी औसत 32 से ज्यादा है। पोलॉक का टेस्ट गेंदबाजी औसत तो 23 ही है भाई।

कपिल का टेस्ट गेंदबाजी औसत 29 और बल्लेबाजी औसत 31 है। इयान बॉथम का टेस्ट गेंदबाजी औसत 28.40 और टेस्ट बल्लेबाजी औसत 33.54 है। क्लूजनर का टेस्ट बल्लेबाजी औसत 32 और गेंदबाजी औसत 37 है। फ्लिंटॉफ का गेंदबाजी औसत 31 और बल्लेबाजी औसत 32 है। क्रिस केयर्न्स का गेंदबाजी औसत 29 और बल्लेबाजी औसत 33 है।

कुल मिलाकर इमरान के बाद सबसे अच्छे टेस्ट तेज गेंदबाज हरफनमौला शॉन पोलॉक ही दिखते हैं। पर इनकी ऐसी आल राउंडर की छवि एकदम से क्यों नहीं कौंधती दिमाग में हम लोगों के?

उसका एक कारण ये है कि ऊपर लिखे आल राउंडर्स की तरह पोलॉक कभी भी उच्च मध्य क्रम में एक बार भी बैटिंग करने नहीं आये। ये बाकी आल राउंडर अपनी टीम में नंबर 5 6 या 7 पर आते थे। इमरान और बॉथम एक आध बार नंबर 4 पर भी आये।

पर शॉन पोलॉक का मुझे नहीं ध्यान कि कभी नंबर 8 के पहले बल्लेबाजी करने आये हों। एक आध बार नंबर 7 पर आए हों तो कह नहीं सकता।

दूसरा पोलॉक का गेंदबाजी औसत इतना बेहतरीन है 108 टेस्ट मैचों के बाद भी कि बड़े बड़े दिग्गज उनसे पीछे हैं। इस वजह से उनका ध्यान एक तेज गेंदबाज के रूप में ही ज्यादा आता है।

पोलॉक का टेस्ट गेंदबाजी औसत 23.11 है। अब मैं कि टेस्ट गेंदबाजी दिग्गजों के नाम बताता हूं जो महान गेंदबाज रहे पर उनका औसत पोलॉक से कम रहा।

वसीम अकरम का टेस्ट गेंदबाजी औसत 23.62 है। वकार यूनिस का टेस्ट गेंदबाजी औसत 23.56 है।

कोर्टनी वॉल्श का का टेस्ट गेंदबाजी औसत 24.44 है। 

ब्रेट ली की 30.80 है।

एंडरसन का 25 है। और मुरलीधरन को छोड़ वार्न, कुंबले अश्विन किसी भी बड़े स्पिनर का टेस्ट गेंदबाजी औसत भी पोलॉक से अच्छा नहीं है।

32 का बल्लेबाज़ी औसत खराब नहीं है एक टेस्ट गेंदबाज आल राउंडर के लिये, पर मात्र 2 शतक और नीचे क्रम में बल्लेबाज़ी आना भी एक बड़ा कारण है कि पोलॉक का एक टेस्ट आल राउंडर के तौर पर हमें ध्यान नहीं रहता।

और जब बात वनडे की हो तो 24.50 के गेंदबाजी औसत वाले किसी भी उस खिलाड़ी को टीम में गेंदबाज के तौर पर रखेंगे जिसकी 303 वनडे के बाद भी इकोनॉमी मात्र 3.67 हो।

और बल्लेबाजी में 26 का औसत भी ठीक ही है नंबर 8 या नंबर 9 बल्लेबाज के लिये।

यहां भी मैकग्राथ अकरम जैसे  बड़े बड़े महान गेंदबाजों की इकोनॉमी पोलॉक से खराब है और वनडे गेंदबाजी एवरेज में भले ही पोलॉक इनसे अच्छे नहीं हैं पर इनसे बहुत दूर भी नहीं हैं।

कुल मिलाकर शॉन पोलॉक एक ऐसा हरफनमौला था जो एक बहुत ही बेहतरीन गेंदबाज होने के कारण जल्दी किसी को हरफनमौला के तौर पर याद नहीं आता।

विपुल मिश्रा

सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com 


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