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निश्चल त्यागी

गंभीर – बड़े मैचों का बड़ा खिलाडी
वो 2011 का विश्वकप फाइनल और वो धोनी का छक्का मार कर मैच जिताना !


भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलो दिमाग में हमेशा के लिये वो दृश्य यादगार बन गया।

2011 एकदिवसीय विश्वकप


फाइनल में मैन ऑफ़ मैच भी महेंद्र सिंह धोनी ही बने पर जब क्रिकेट पंडित इस फाइनल मैच पर चर्चा करते हैं तो गौतम गंभीर की 97 रन की पारी को धोनी की 92 रन की पारी से ज्यादा महत्व देते हैं।

जब 275 रन का पीछा करते हुए दूसरी ही बॉल पर सहवाग शून्य पर आऊट हो गये थे और 18 रन बनाकर सचिन चलते बने थे तब ज्यादातर भारतीय क्रिकेट प्रेमी सहम गये थे और ये मान बैठे थे कि ये विश्व कप अब तो भारत के हाथ नहीं आने वाला,
तब गंभीर ने पहले विराट कोहली और उसके बाद में धोनी के साथ दो अच्छी साझेदारियां करके मैच को संभाला और अपने शतक से मात्र 3 रन पहले 224 के स्कोर पर आऊट हुये।


गौतम गंभीर ने ही फाइनल में भारत की जीत की पटकथा लिखी थी |
पूरे 2011 आईसीसी एकदिवसीय विश्वकप में 9 मैच खेल कर गौतम गंभीर ने 4 अर्धशतक लगाये थे।2007 का आईसीसी टी-20 विश्वकप और 2011 का आईसीसी एकदिवसीय विश्वकप भारत ने जीता और दोनों के फाइनल मैचों में सबसे ज्यादा रन गौतम गंभीर ने ही बनाये हैं। सनद रहे।

गौतम गंभीर 2003 से 2016 तक भारत की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिये खेले हैं। गंभीर का स्वर्णिम समय 2007 से 2011 ही रहा है।
गंभीर में क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में खेलने की ज़बरदस्त गुणवत्ता रही और उनमे कई तरह के अंदाजों से बल्लेबाज़ी करने की क्षमता भी रही।
गंभीर में सहवाग की तरह विस्फोटक, राहुल द्रविड़ की तरह धैर्यपूर्ण और सचिन तेंदुलकर की स्ट्रोक प्ले से बल्लेबाजी करने के सभी गुण रहे हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में गंभीर बड़ा नाम थे पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने पर शुरुआत से ही गंभीर टीम से अंदर बाहर होते रहे।
एक बड़ा कारण था सलामी बल्लेबाज की जगह के लिये एकदिवसीय मैचों में सहवाग, तेंदुलकर, गांगुली जैसे बड़े नाम थे तो वहीं वसीम ज़ाफ़र टेस्ट मैचों में सलामी बल्लेबाजी करने के लिये सहवाग का साथ दे रहे थे।

2007 टी 20 विश्वकप

लेकिन 2007 के पहले आईसीसी टी-20 विश्वकप से गंभीर की किस्मत चमकी।
2007 के आईसीसी टी 20 फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के विरुद्ध गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 75 रन बना कर टीम इंडिया को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया और भारत की ऐतिहासिक जीत में गंभीर का बहुत बड़ा योगदान रहा ये।


पूरे आईसीसी टी 20 विश्वकप 2007 में गौतम गंभीर ने 6 पारियों में लगभग 130 के स्ट्राइक रेट से 227 रन बनाये थे, जो इस पूरे आईसीसी टी 20 विश्वकप में किसी खिलाड़ी द्वारा बनाये गये दूसरे सबसे ज्यादा रन थे।


इस विश्वकप के बाद गंभीर ने भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बनायी।

गंभीर का स्वर्णकाल


यहां से 2008 अक्टूबर से 2010 फरवरी तक, गंभीर ने क्रिकेट में अपना सर्वश्रेष्ठ समय बिताया और मात्र इतने से समय में आठ अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाये।


कितने लोग जानते हैं कि लगातार 5 टेस्ट में 5 शतक लगाकर गंभीर,डॉन ब्रेडमैन के बाद 2 खिलाडियों (जैकस कैलिस,मो. युसफ या यूसुफ योहाना)के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
और लगातार 11 टेस्ट मैच में 50 रन या ऊपर के स्कोर बनाने में दुनिया के तीसरे बल्लेबाज।


इन पारियों में,
टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के नेपियर में फॉलोऑन के बाद 643 मिनट 436 बॉल खेल 137 रन बनाकर मैच ड्रा करवाना,
इससे अगले ही मैच में फिर से न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टेस्ट में 167 रन की टेस्ट पारी, कोलकाता में श्रीलंका के ख़िलाफ़ एकदिवसीय में 315 रन का पीछा करते हुए जब सहवाग और तेंदुलकर पहले 4 ओवर में ही आउट हो गये तब 150 रन की पारी खेल कर मैच जितवाना, अपने ही गृह मैदान (दिल्ली) में वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ के सस्ते में आउट होने के बाद टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 206 रन बनाकर भारत को 600 से अधिक रनों तक पहुंचवाने वाली महान पारियां रहीं।


यहीं नहीं साउथ अफ्रीका की तेज़ पिचों पर डेल स्टेन और मार्केल जैसे तेज़ बोलर्स के सामने टेस्ट में 93 रन (222 बॉल) और 64 रन (184 बॉल) की बेहतरीन पारियां खेल मैच ड्रा करवाया और सीरीज़ भी।
वहीँ एडिलेड ऑस्ट्रेलिया में एकदिवसीय मैच में 270 रनों का पीछा करते हुए 92 रन की शानदार पारी खेली जिसने भारत को एडिलेड में पहली जीत दिलवाई।

एकदिवसीय मैचों में हालात एक समय ये थे कि श्रीलंका टीम सहवाग या तेंदुलकर से नहीं, गंभीर के नाम से कांपने लगी थी।

पुरस्कार और सम्मान


इन शानदार प्रदर्शनों ने गौतम गंभीर को कई सम्मान दिलाये, जिसमें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार और 2009 में आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ़ द ईयर जैसे बड़े पुरस्कार शामिल रहे।
कुछ समय के लिए गंभीर आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 भी रहे हैं।


वीरेंद्र सहवाग ने एक बार कहा भी था कि सुनील गावस्कर के बाद गंभीर दूसरे सबसे अच्छे भारतीय टेस्ट सलामी बल्लेबाज हैं।

2011 विश्वकप के बाद

हालांकि, आईसीसी 2011एकदिवसीय विश्वकप के बाद गौतम गंभीर का पतन भी प्रारंभ हो गया।एक समय पर कप्तानी के उम्मीदवार माने जाने वाले गौतम गंभीर को टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिये बहुत संघर्ष करना पड़ा और गंभीर फिर टीम में अंदर बाहर होते रहे।
आईपीएल में अपने समय में गौतम गंभीर बड़े खिलाडी के तौर पर छाए रहे हैं।उनकी कप्तानी में कोलकाता नाईट राइडर्स ने 2 बार आईपीएल ट्रॉफी जीती है।


गौतम गंभीर ने 2018 में सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
2019 में गंभीर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

बाद में गंभीर राजनीति में सक्रिय होकर दिल्ली से भाजपा सांसद बने।
हालाँकि गौतम गंभीर अभी भी एक कॉमेंटेटर और लखनऊ आईपीएल टीम के मेंटर के तौर पर क्रिकेट से जुड़े हुये हैं।

गौतम गंभीर का कैरियर रिकॉर्ड

58 टेस्ट
104 पारियां
41.95 की औसत
4154 रन
9 शतक
22 अर्धशतक
147 एकदिवसीय
143 पारियां
39.68 की औसत
5238 रन
11शतक
34 अर्धशतक
और लगभग 86 का स्ट्राइक रेट

37 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय
36 पारियां
27.41 की औसत
932 रन
7 अर्धशतक
119 का स्ट्राइक रेट

आईपीएल में
154 मैच
4217 रन
36 अर्धशतक

निश्चल त्यागी
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