भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज
आपका -विपुल
आज भारत के शीर्ष 10 गेंदबाजों की कर लेते हैं।
सारे प्रारूपों को मिलाकर भारत के टॉप 10 गेंदबाज चुनना आसान नहीं है,पर एक छोटी सी कोशिश है ये मेरी और शायद बहुत लोग मेरी इस सूची से असहमत भी हो सकते हैं।
उन सबकी असहमति का आदर करते हुये भारत के टॉप 10 गेंदबाजों पर ये एक विशेष प्रस्तुति है मेरी।
1 – कपिल देव
1 – कपिल देव
मैं जब भी भारत के सर्वकालिक महान गेंदबाजों की सूची बनाऊंगा,कपिल देव हमेशा उसमें प्रथम स्थान पर रहेंगे।
आंकड़ों की बात अलग रख दें तो भारत में कपिल देव के पहले तेज छोड़ो,मध्यम तेज गेंदबाज भी बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं थे और कपिल देव के सन्यास के सालों बाद भी भारत का कोई तेज गेंदबाज उनके विकेटों की संख्या तक नहीं पहुंच पाया है।
कपिल देव भारत के इकलौते ऐसे गेंदबाज हैं जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड रहा है।वो भी लंबे समय तक।
कपिल देव के नाम आज भी एक तेज गेंदबाज के तौर पर भारत के लिये सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड रहा है।
कपिल देव ने तेज गेंदबाज कप्तान के तौर पर भारत के लिये पहला एकदिवसीय विश्वकप भी जीता है।इस 1983 विश्वकप में उनका प्रदर्शन एक गेंदबाज के तौर पर भी शानदार रहा था।
कपिल देव के नाम 356 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 28.83 के औसत,3.05 की इकोनॉमी और 56.68के स्ट्राइक रेट से 687 विकेट हैं।24 बार पारी में 5 विकेट।
कपिल देव ने केवल टेस्ट और एकदिवसीय ही खेले हैं।टी 20 प्रारूप उनके समय नहीं था।
2 – अनिल कुंबले
2 – अनिल कुंबले।
अनिल कुंबले शायद भारत के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं।1990 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले कुंबले 2008 तक भारत के लिये खेले।कभी एकदिवसीय विश्वकप नहीं जीते। इनके उतार के समय 2004 में ऑस्ट्रेलिया भारत में टेस्ट श्रृंखला भी जीती पर ये अनिल कुंबले ही थे जिन्होंने लगभग 14 सालों तक भारत को अपनी जमीन पर टेस्ट श्रृंखलाओं में अजेय रखा।
अनिल कुंबले ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे पर भारत की अच्छी कप्तानी भी की जिसमें चरम की बेईमानी हुई थी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से।
अनिल कुंबले ने एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लेने वाले अकेले भारतीय होने का गौरव 1999 में फिरोज शाह कोटला मैदान में दिल्ली में हासिल किया था। इसके अलावा अभी भी कुंबले के नाम भारत के लिये सर्वाधिक टेस्ट विकेट,सर्वाधिक एकदिवसीय विकेट और सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट का रिकॉर्ड है।
अनिल कुंबले ने 401 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 30.06 के औसत,3.11 की इकोनॉमी और 57.94 के स्ट्राइक रेट से 953 विकेट लिये हैं।
37 बाद पारी में 5 विकेट।
अनिल कुंबले ने भी टी 20 नहीं खेला।उनके आंकड़े केवल टेस्ट और टी 20 मैचों के ही हैं।
3- जवागल श्रीनाथ
3 -जवागल श्रीनाथ
अपनी सूची में मैं तीसरे नंबर पर दायें हाथ के तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ को रखूंगा।इस के लिये मैं आपको बहुत से कारण गिना सकता हूं जिसमें से एक ये है कि 2003 के एकदिवसीय विश्वकप फाइनल जैसे कुछेक उंगलियों पर गिने जा सकने वाले मैचों की बात छोड़ दें तो शेष मैचों में श्रीनाथ कभी भी ऐसे गेंदबाज नहीं रहे जिन पर कभी भी भारत की हार के लिये उंगलियां उठीं हों।
1990 में श्रीनाथ भारतीय गेंदबाजी के सचिन तेंदुलकर थे।
1991 से 2003 तक भारत के लिये खेले दायें हाथ के तेज गेंदबाज श्रीनाथ के नाम अभी तक भारत के लिये एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज होने का रिकॉर्ड है।एकदिवसीय में ये कभी भी बल्लेबाजों के लिये सरल गेंदबाज नहीं थे और 67 टेस्ट मैचों में 7 मैन ऑफ द मैच खिताब बताते हैं इनका जलवा।
कपिल देव के ज्यादा समय तक खेल जाने के कारण इन्हें और ज्यादा मैच नहीं मिले और सन्यास के बाद वापस आने के बाद 2003 एकदिवसीय विश्वकप के फाइनल में हार के बाद इनका खेलने का मन नहीं हुआ।
वरना ये उस स्तर के गेंदबाज थे जो आपको आंकड़े नहीं बता सकते।बस ये समझें कि प्रभाकर, वेंकटेश प्रसाद और मोहंती जैसे गेंदबाजों के लगभग 25 – 30 प्रतिशत विकेट भी इनके बनाये दबाव के ही फलस्वरूप थे।
श्रीनाथ ने 296 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 29.11के औसत ,3.55 की इकोनोमी और 49.07 के स्ट्राइक रेट से 551 विकेट लिये हैं।
13 बार पारी में 5 विकेट।
भारत की तरफ से सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से जवागल श्रीनाथ सातवें स्थान पर हैं।
इन्होंने भी टी 20 नहीं खेला।
सिर्फ टेस्ट और एकदिवसीय ही खेले हैं।
4 -रविचंद्रन अश्विन
4 -रविचंद्रन अश्विन
अश्विन के लिये कहा जा सकता है कि वो साउथ अफ्रीका में बहुत सफल नहीं रहे,इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में भी उनके आंकड़े कुछ खास नहीं ,पर एक सत्य ये भी है कि भारतीय भूमि पर कुंबले के बाद जिस भारतीय स्पिनर का सबसे ज्यादा जलवा रहा है वो अश्विन ही हैं।
मैं ईमानदारी से बोलूं तो अश्विन कभी भी मुझे भारतीय पिचों पर वैसी खतरनाक गेंदबाजी करते नहीं दिखे जैसी कुंबले करते थे। पर या तो वर्तमान बल्लेबाजों की स्पिन पिचों पर अच्छी तकनीक की कमी कारण है या अश्विन की मानसिक मजबूती या अश्विन की विदेशी बल्लेबाजों पर दहशत और या फिर तीनों चीजों का मिश्रण कि रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेटों का आंकड़ा पार कर चुके हैं और भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर आ चुके हैं।
रविचंद्रन अश्विन के 281अंतरराष्ट्रीय मैचों में 25.68 के औसत,3.37 की इकोनोमी और 45.59 के स्ट्राइक रेट से 744 विकेट हैं।
37 बार पारी में 5 विकेट।
अश्विन तीनों प्रारूपों में खेले हैं और अभी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय हैं।
5 -जहीर खान
5 -जहीर खान
किसी भी और गेंदबाज की जगह मैं जहीर खान को भारत के सर्वकालिक महान गेंदबाजों की सूची में पांचवा स्थान दूंगा।
जहीर खान निश्चित तौर पर भारतीय महानतम गेंदबाजों की टॉप 5 लिस्ट में आने के हकदार हैं।
कपिल देव और श्रीनाथ के बाद जहीर खान ही ऐसे भारतीय तेज गेंदबाज थे जिन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजी की ज्यादातर जिम्मेदारी अपने कंधों पर बखूबी ढोई।
मुझे नहीं लगता कि टेस्ट क्रिकेट में जहीर खान उतने ज्यादा प्रभावी रहे जितना ज्यादा प्रभावी अपने चरम के समय पर कपिल और श्रीनाथ थे पर एकदिवसीय गेंदबाजी में जहीर शायद जब अपने चरम पर थे तो कपिल और श्रीनाथ दोनों से अच्छे दिखते थे।टेस्ट में भी जहीर खान कुछ कम नहीं थे।हर कोई कपिल देव या श्रीनाथ नहीं हो सकता पर हर कोई जहीर खान भी नहीं बन सकता।
2011 एकदिवसीय विश्वकप जहीर खां के गेंदबाजी कौशल का सर्वोत्कृष्ट नमूना था।
जहीर खान ने 303 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 31.48 के औसत,3.89 की इकोनॉमी ओर 48.49 के स्ट्राइक रेट से 597 विकेट लिये हैं और 12 बार पारी में 5 विकेट।
जहीर खान ने तीनों प्रारूप खेले हैं और सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में पांचवें स्थान पर हैं।
मैंने अपने टॉप 5 में तीन भारतीय तेज गेंदबाजों को इसलिये रखा है क्योंकि जब ये खेलते थे तो भारत की पिचें तेज गेंदबाजों को बहुत सहायता देने वाली नहीं बनती थीं और फिर भी इन तीनों का सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में टॉप 10 में होना बहुत बड़ी बात है।
6 -जसप्रीत बुमराह
6 -जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह बाकियों के मुकाबले बहुत कम समय में भारत के सर्वकालिक महान गेंदबाजों की सूची में आने का हक रखते हैं।
2024 में भारत जो टी 20 विश्वकप जीता ,17 साल बाद, वो बगैर जसप्रीत बुमराह के संभव ही नहीं था।
जसप्रीत बुमराह तीनों प्रारूप खेलते हैं और शायद इस वक्त सीमित ओवर के सबसे ज्यादा खतरनाक गेंदबाज हैं।हालांकि टेस्ट मैचों में मैं कैसिगो रबाडा, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को इनसे ऊपर रखूंगा।अगर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में ये वो न भुलाई जा सकने वाली नोबॉल न फेंकते और 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में कुछ अच्छा प्रदर्शन कर जाते तो ये शायद भारत के अभी तक के सबसे अच्छे गेंदबाज मान लिये जाते।
महत्वपूर्ण और निर्णायक अवसरों पर इन्होंने प्रारंभ में हथियार डाल दिये थे,जिसका हिसाब तभी बराबर होगा जब ये आगे और विश्वकप जितवायें भारत को।
वैसे मेरी नजरों में इनसे ज्यादा कौशल पूर्ण और विविधता भरी गेंदबाजी कर सकने वाला दूसरा तेज गेंदबाज भारत में अब तक आया नहीं।
जसप्रीत बुमराह ने 195 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 21.10 औसत,3.78 इकोनॉमी और 33.42 के स्ट्राइक रेट से 397 विकेट ले रखे हैं।
12 बार पारी में 5 विकेट।
सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में जसप्रीत बुमराह दसवें स्थान पर आ चुके हैं और अभी खेल रहे हैं।
7 -भागवत चंद्रशेखर
7 -भागवत चंद्रशेखर
अगर आपको मेरी लिस्ट के नंबर 7 पर भागवत चंद्रशेखर के होने पर आपत्ति है तो कृपया बतायें अंतिम बार किस भारतीय स्पिनर ने इंग्लैंड में एक टेस्ट पारी में 6 विकेट लिये थे?
कितने भारतीय स्पिन गेंदबाजों के आंकड़े सेना देशों और वेस्टइंडीज में भागवत चंद्रशेखर जैसे हैं।
चंद्रा ने ऑस्ट्रेलिया में खेले 7 टेस्ट मैचों में 3 बार पारी में 5 विकेट लिये हैं,औसत 30 का।
इंग्लैंड में खेले 9 टेस्ट मैचों में 2 बार पारी में 5 विकेट लिये हैं, औसत 33 का।
न्यूजीलैंड में खेले 2 टेस्ट मैचों में 1 बार पारी में 5 विकेट लिये, औसत 26 का।
वेस्टइंडीज में खेले 4 टेस्ट मैचों में 2 बार पारी में 5 विकेट लिये, औसत 31 का।
भागवत चंद्रशेखर ने कुल 16 बार पारी में 5 विकेट लिये हैं जिनमें 8 बार विदेशी धरती पर लिये हैं।
ये ऐसे आंकड़े हैं जिनके लिये कुंबले अश्विन जडेजा और हरभजन तरसते रहे हैं।
भारत ने 1971 में पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी और अंतिम और निर्णायक मैच की निर्णायक पारी में चंद्रा ने 6 विकेट लिये थे मात्र 38 रन देकर।
चंद्रा यहीं से लीजेंड बन चुके थे।
भागवत चंद्रशेखर ने मात्र 1 एकदिवसीय ही खेला है जिसमें 36 रन देकर 3 विकेट लिये हैं।
1964 से 1979 तक भारत के लिये खेले दायें हाथ के लेग स्पिनर भागवत चंद्रशेखर ने कुल 59 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 29.53 के औसत,2.70 की इकोनॉमी और 65.38 के स्ट्राइक रेट से 245 विकेट लिये हैं।
16 बार पारी में 5 विकेट।
भागवत चंद्रशेखर भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में टॉप 10 में नहीं हैं, पर अपने समय इनका बड़ा जलवा था।
वैसे बताते हैं कि इनके हाथ में बचपन से पोलियो हो गया था, जिस कारण इनकी गेंदबाज के तौर पर सफलता और ज्यादा आनंदित करती है।
8 -हरभजन सिंह
8 -हरभजन सिंह
ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने टेस्ट में अपने शुरुआती दौर में जो सफलता पाई,वैसी सफलता बहुत कम भारतीय गेंदबाजों को नसीब हुई है।2001 की भारत ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में हरभजन ने मात्र 3 टेस्ट मैचों में 32 विकेट ले डाले थे।
2010 में दक्षिण अफ्रीका में 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में भी हरभजन ने 15 विकेट लेकर प्रभाव छोड़ा था।
2007 टी 20 विश्वकप और 2011 एकदिवसीय विश्वकप जो भारत ने जीते,उसमें हरभजन सिंह भारत के मुख्य स्पिनर थे और अच्छी गेंदबाजी भी की।
शायद कैरियर के उत्तरार्ध में हरभजन एक बेहद साधारण स्पिनर रह गये थे पर फिर भी हरभजन जब अपने स्वर्णिम समय में नहीं भी थे, तब भी भारत की विजय के लिये अपनी जान लड़ा देते थे।
यही कारण है कि हरभजन सिंह भारत के लिये लंबा खेले और सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं।
हरभजन सिंह ने 365 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 32.59 औसत,3.32 इकोनोमी और 58.77 के स्ट्राइक रेट से 707 विकेट लिये हैं।
28 बार पारी में 5 विकेट।
हरभजन तीनों प्रारूप खेले हैं।
9 -मोहम्मद शमी
9 -मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी शायद किसी को कपिल देव,बुमराह ,श्रीनाथ या जहीर की बात करते हुये खास नहीं लगेंगे पर मोहम्मद शमी भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में नंबर 8 पर हैं और इन टॉप 10 गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह को छोड़ कर किसी का औसत और स्ट्राइक रेट शमी से ज्यादा अच्छा नहीं है।
मजे की बात है कि मोहम्मद शमी ने जसप्रीत बुमराह से 7 मैच कम खेले हैं और 51 विकेट ज्यादा लिये हैं।
बुमराह के 195 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 397 विकेट हैं और शमी के 188 मैचों में 448।
हालांकि शमी बुमराह से ज्यादा टेस्ट खेले हैं ,पर फिर भी ये चीज शमी का स्तर बताती है।
शमी की सीम पोजीशन शायद हाथ से गेंद छोड़ते वक्त सबसे अच्छी है इस समय के गेंदबाजों में से और उन्हें इसका फायदा भी मिलता है।
भारतीय पिचों पर मोहम्मद शमी की रिवर्स स्विंग बहुत घातक है।
शमी ने ज्यादातर बार टेस्ट की दूसरी पारी में ही 5 विकेट लिये हैं।
2019 और 2024 के एकदिवसीय विश्वकप में शमी हमेशा गुच्छों में विकेट लेकर देते थे टीम को।
शमी वाकई बहुत अच्छे गेंदबाज हैं।
मोहम्मद शमी ने 188 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 26.06 औसत,4.12 इकोनोमी और 37.89 के स्ट्राइक रेट से 448 विकेट लिये हैं।
11 बार पारी में 5 विकेट।
मोहम्मद शमी ने तीनों प्रारूप खेले हैं और वर्तमान में खेल रहे हैं।
10 -सुभाष गुप्ते
10 -सुभाष गुप्ते
ये लेग स्पिनर थे जो 1951 से 1961 तक भारत के लिये खेले और एक षड्यंत्र के तहत टीम से निकाल दिये गये।इस बारे में एक लेख मेरी इसी वेबसाइट पर मौजूद है।
इनको मैंने टॉप 10 में क्यों चुना, इसका कारण ये है कि भारत के ये इकलौते बड़े स्पिनर हैं जिनका विदेशी धरती पर गेंदबाजी औसत भारत पर गेंदबाजी औसत से कम है।
इनका भारत की भूमि पर 21 टेस्ट मैचों में 30.34 गेंदबाजी औसत है और 6 बार पारी में 5 विकेट हैं और विदेशी भूमि पर खेले 15 टेस्ट मैचों में इनका गेंदबाजी औसत 28.52 है और विदेश में भी इन्होंने 6 बार ही पारी में 5 विकेट लिये हैं। इन्होंने इंग्लैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और भारत, चार देशों में खेला है और कहीं भी इनका गेंदबाजी औसत 34 से अधिक नहीं रहा
वेस्टइंडीज के तत्कालीन दिग्गज बल्लेबाजों ने अपने साक्षात्कारों में सुभाष गुप्ते को अपने समय का सबसे बड़ा स्पिनर बताया है।
भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में इनका स्थान 34वां है।इन्होंने केवल टेस्ट ही खेले क्योंकि और कोई प्रारूप इनके समय नहीं था।
सुभाष गुप्ते ने 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 29.55 औसत ,2.34 इकोनॉमी और 75.73 के स्ट्राइक रेट से 149 विकेट लिये हैं।12 बार पारी में 5 विकेट।
सुभाष गुप्ते की पत्नी वेस्टइंडियन थीं और उनकी मृत्यु भी वेस्टइंडीज में हुई थी।
कुछ अन्य भारतीय गेंदबाजों का उल्लेख करना बनता है।
रवींद्र जडेजा का रिकॉर्ड अच्छा है पर मुझे बहुत प्रभावी गेंदबाज नहीं लगते,जब तक पिच साथ न दे और दूसरे छोर से दबाव न बने।
बिशन सिंह बेदी और वीनू मांकड़ अपने समय के बेहतरीन गेंदबाज थे।
कुलदीप यादव अगले 5 सालों में भारत के आल टाइम ग्रेट में हो सकता है,अगर मौका मिलते रहें तो।
अभी इतना ही।
आपका – विपुल
सर्वाधिकार सुरक्षित – Exxcricketer.com
सुंदर लेख ।
अच्छा लगा आपका विष्लेषण
Aap aankdo pr kuchh jyada jor dete hai..Halaki khaa jata hai ki aankde jutth nhin bolte lekin sch aankdo se htkar bhi ho sakta hai…Ajit Agarkar ne ODI mein 300 ke kreeb wicket liye hai lekin behtar gendbaaj nhin khe ja sakte..vhi Sachin Tendulkar, Yuvraj Singh jaise part time bowler kaee baar match ka rukh palat dete the…in bowlers mein se jyadatr ne match jitau bowling kum hee kee thee..