आज एनीमल फिल्म देखी।
घातक फिल्म की याद आई। घातक अपने समय की एक बेहतरीन एक्शन फिल्म थी जिसमें सनी देओल और अमरीश पुरी का बाप बेटे का बेहतरीन बॉन्ड दिखा था। बाप की बेइज्जती से आहत सनी देओल का दुनिया को आग लगा देने वाला एटिट्यूड! परदे पर आग लगा दी थी उसने।
इस फिल्म को आज भी देख लो तो दो चार को उठा के पटकने का मन हो जायेगा। भारत की असली खालिस देसी एक्शन फिल्म जिसका वो एक एक सीन गोल्ड है जिसमें सनी देओल अमरीश पुरी या डैनी के साथ हैं।
चीर डालूंगा, फाड़ डालूंगा। सातों को एक साथ मारूंगा जैसे साधारण पर परदे पर आग लगाते डायलॉग, कुत्ता बन कर भौंकते अमरीश पुरी को देखता उसका लाचार बेटा सनी देओल।
सनी देओल का पिंजरे में घुस के लड़ के अपने भतीजे को वापस लाना और फिल्म के अंत में डेढ़ फुट के भतीजे का भी ताल ठोंक कर मैदान में आना।
रोंगटे खड़े कर देना वाला अनुभव था सिनेमा हाल में।
आज भी घातक की रिपीट वैल्यू है।
एनीमल फिल्म यहां मात खाती है।
रिपीट वैल्यू नहीं है।
एनीमल मूवी घातक का छपरी वर्जन है। जहां बाप बेटे का प्यार है और गुस्सैल और खूनखवार बेटा जो बाप के लिए दुनिया से लड़ेगा, लेकिन सब कुछ बेइंतहा फिल्मी और प्लास्टिक सा है।
और लॉजिक की तो दईया मैया की कर रखी।
कोई भी कभी भी कहीं भी आ जाता चला जाता, पता ही न चलता।
कैथी फिल्म में अंत में मशीन गन चलाता कार्ति आपको सुखद अहसास देता है।
यहां घर से अचानक रणवीर कपूर कब कहां पहुंच गए जहां सैकड़ों आदमी उन्हें मारने आ गए पता ही न चला। उस पर से बख्तरबंद गाड़ी एलएमजी के साथ उस जगह चला भी ली।
बाद में पता चलता है, अरे ये तो होटल था, इसका घर नहीं।
कमाल की बकवास एडिटिंग।कोई भी मुंह उठा के कहीं भी आ जा रहा। पता ही नहीं चलता क्यों और कैसे?
सैकड़ों लाशें ऐसे बिछती हैं जैसे वीडियो गेम हो और पुलिस वगैरह तो होती ही नहीं उस साइड शायद जहां रहते ये दिखाए गए। हवाई जहाज़ उड़ाना रशमिका मंदाना को रणवीर कपूर ऐसे सिखा रहे थे जैसे स्कूटी चलाना सिखा रहे हों।
आपको ये फिल्म इसलिए अच्छी लगेगी क्योंकि अभी जवान जैसी फिल्म 1000 करोड़ का बिजनेस करके गई है जो इस से बहुत ज्यादा बेकार थी।
फिल्म मुझे धांसू और मरदाना टाइप लगी। एक बार देख सकते हैं। रणवीर कपूर की एक्टिंग ज़बरदस्त है। पर रिपीट वैल्यू नहीं है।
और फेमिनिस्ट लोग क्यों पीछे पड़े, इस फिल्म के समझ न आया। सब कुछ नॉर्मल है फिल्म में। कहीं भी मुझे महिलाओं को नीचा दिखाने वाली बात नहीं दिखी। एक जगह रश्मिका को रणवीर अपने हाथों से चप्पलें पहनाता है, उसकी बात फेमिनस्ट नहीं करेंगे।
ओवर आल फिल्म रॉ और वोयलेंट है पर इसका वॉयलेंस घातक जैसा रॉ नहीं है।
और जिस बाप बेटे के बॉन्ड की बात है, वो भी नकली सा लगा मुझे।
रेटिंग 3/5
अच्छी एक्शन फिल्म है।
घातक का छपरी वर्जन
विपुल मिश्रा
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