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लेखक :-राहुल दुबे

पता है हम हिन्दुओ के लिए सबसे बुरी बात क्या है कि हम सब राजनीतिक रूप से बंटे हुए है और इस राजनीतिक बंटवारे ने हमे अपने धर्महित के प्रति कायर बना दिया है।जब मैंने अपने कुछ सपाई और कांग्रेसी मित्रों से किशन भरवाड़ और लावण्या के आत्महत्या के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा तो उनका साफ साफ़ कहना था कि ये भाजपाइयों के लिए मुद्दा है हमारे लिए कोई मुद्दा नही है मतलब पूरे देश मे ये धारणा बन चुकी है कि जो हिन्दू हित की बात करेगा वो भाजपाई है |

हम हिन्दुओ को ये समझना होगा कि भाजपा भी एक राजनीतिक पार्टी है जिसने अपने हित के लिए जीतनराम मांझी जैसे नेताओं से गठबंधन कर रखा है जो खुद को नास्तिक बताते रहे है और सनातन धर्म को दिन रात गरियाते रहते है|

हमें ये भी समझना होगा कि हम सब राजनीतिक फायदे के लिए भले अलग अलग पार्टी के समर्थक हो सकते है लेकिन हिन्दू हित के मुद्दों पर हमें कदम से कदम मिलाकर चलना होगा |तभी हिंदुस्तान हिन्दुओ के लिए 100% सुरक्षित रह सकता
है, हमारी राजनीति आकांक्षा(ओ) ने ही हमे अपने ही देश मे कैराना और मेवात के दर्शन कराए है |हमारे बंटने के कारण ही कोई मौलाना मस्जिद में बैठकर एक हिन्दू की हत्या का षड्यंत्र रचता है हमारे बंटवारे ने ही हमे हर मुद्दे पर असहिष्णु बताने केचलन की शुरुआत हुई है|

हमारे बंटवारे ने ही ईसाई मिशनरियों को मौका दिया है कि वे लावण्या जैसी किसी बच्ची के ऊपर धर्मांतरण के लिए दवाब बनाये और प्रताड़ना का शिकार होकर उसे आत्महत्या करनी पद जाए |

ये सब तबतक चलता रहेगा जबतक हिन्दू खुद को हिन्दू न समझ कर यादव ,ठाकुर ,ब्राह्मण ,हरिजन या भाजपाई ,सपाई, कांग्रेसी, वामपंथी समझता रहेगा |

राहुल दुबे

(लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के स्वयम के हैं |अन्य कोई उत्तरदायी नहीं है )सर्वाधिकार सुरक्षित |

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One thought on “हिन्दू विचारधारा और मेरा मत

  1. बहुत ही कमाल का लिखा है राहुल भाई ।

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