सहारा फ्रेंडशिप कप 1997 टोरंटो
पाँचवां मैच
21 सितम्बर 1997
लेखक -विपुल
तो पिछला मैच भारत को गांगुली और जडेजा ने ही जिता दिया था।द्रविड़ को चल्ला नहीं मिली थी 28 ओवर बैटिंग के बाद भी |इसलिये द्रविड़ गांगुली से नाराज़ थे।
होने को तो अज़हर भी अजय जडेजा से उनकी बीड़ी फूंक जाने के कारण नाराज थे ,लेकिन अज़हर और अजय जडेजा एक दूसरे से ज़्यादा देर तक नाराज इसलिये नहीं रह सकते थे क्योंकि दोनों का सट्टेबाजी के पैसों का जॉइंट अकॉउंट था ।
माहौल खुशनुमा था ,सचिन को कप्तान के तौर पर वही फीलिंग हो रही थी जो चाचा के स्कूल में भी चौथी में चार बार फेल लड़के को सीबीएसई में बिना कुछ पढ़े लिखे 90 परसेंट नम्बर आने पर मिलती है।
इसलिये द्रविड़ और गांगुली का झगड़ा अबकी बार सचिन ने सुलझाया ।
“लड़ाई लड़ाई माफ करो,
कुत्ते की शिट साफ करो ।”
बोलकर।
आप कहेंगे इसमें तो लेंड़ी ,टट्टी या गू कहा जाता है।
पर सचिन मुंबई के थे न
🙏
तो फिर द्रविड़ और गांगुली में इतनी दोस्ती हो गई कि गांगुली ने अपना फिल्मी हीरोइनों की बिकनी फोटोज का कलेक्शन द्रविड़ को दे दिया और द्रविड़ ने अपनी दोनों आयोडेक्स चुपड़ी रोटियां गांगुली को दे दीं।
तो इसी खुशनुमा माहौल में सहारा फ्रेंडशिप कप टोरंटो 1997 का पाँचवां भारत बनाम पाकिस्तान मैच शुरू हुआ।
टॉस पाकिस्तान ने जीता और रमीज राजा ने पहले गेंदबाजी का फ़ैसला किया ।
रमीज राजा ने पहले गेंदबाजी का फैसला क्यों लिया ?
क्योंकि रमीज राजा पाकिस्तान से थे और सचिन मुंबई के थे न
🙏
गांगुली को पता चल चुका था कि अंजली भाभी को उनकी छिनरई के बारे में पता चल चुका है और सचिन उनसे कट रहे हैं।
ये बात उन्हें नीलेश कुलकर्णी ने बताई थी जिन्हें नींद में चलने की बीमारी थी और कल ही उन्होंने अंजली और सचिन की बातचीत तब सुनी थी ,जब वो अपनी लुंगी लेने सचिन के रूम में आये थे।
गांगुली क पता था कि सचिन की नाराजगी से उनकी ज़िंदगी का नगमा अधूरा रह जायेगा इसलिये सचिन को साधने के लिये उन्होंने इमोशनल ब्लैकमेल किया सचिन को।
सचिन को उन्होंने 1992 के ऑस्ट्रेलिया दौरे की वो यादें दिलाईं जब दोनों में दोस्ती पनपी थी।
गांगुली ने उनके लिये मिस पामेला, जंगली जवानी ,लुट गई प्यार में जैसी फिल्मों के टिकट ब्लैक में खरीदे थे ।दोनों ने साथ साथ मस्तराम की किताबें पढ़ीं थीं।
“एक लड़की के लिये तू दोस्त को भूल जाएगा तेंदल्या ?”
गांगुली का ये इमोशनल ब्लैकमेल सचिन जैसे सीधे साधे व्यक्ति को बरगलाने के लिए काफी था।सचिन इस शर्त पर माने कि उन दोनों के बीच 100 की पार्टनरशिप नहीं होगी और पहले सचिन ही आउट होंगें।
सचिन को मनाना गांगुली के लिये इतना ज़रूरी क्यों था ?
क्योंकि गांगुली कोलकाता के थे और सचिन मुंबई के थे न।
तो सचिन और गांगुली ओपनिंग में आये और वायदे के मुताबिक जब टीम इंडिया का स्कोर 100 से 2 रन कम 98 था ,तब सचिन तेंदुलकर जिन्होंने ज़ल्दी ज़ल्दी 64 गेंदों पर 51 रन बना दिये थे ,
उन सचिन ने विकलांग बुलबुल बीड़ी के मॉडल और दिहाड़ी मजदूर अजहर महमूद को एलबीडब्ल्यू के तौर पर अपना विकेट दे दिया।
वन डाउन पर आये सचिन तेंदुलकर के दिहाड़ी दोस्त विनोद कांबली को नीलेश कुलकर्णी ने बता रखा था कि काली मठिया के पीछे अगर देर से पहुँचोगे तो स्पेशल वाला गाँजा खत्म हो चुका होगा।
इसलिये विनोद कांबली ने वक्त बिल्कुल ज़ाया नहीं किया।
और 12.50 के धुंआधार स्ट्राइक रेट से 8 गेंदों पर झन्नाटेदार 1 रन बनाने के बाद अज़हर महमूद को कैच दे दिया, सकलैन मुश्ताक की गेंद पर।तब भारत का स्कोर 102 पर 2 विकेट हुआ था ।
मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा में सुलह हो चुकी थी
और अजय जडेजा ने अज़हर को न सिर्फ चकोर चाँद बीड़ी के 7 बण्डल मंगवा दिये थे ,बल्कि संगीता रेस्टोरेंट से बिजलानी की बिरयानी नामकी एक स्पेशल डिश भी मंगवा दी थी।
सो अज़हर इतने खुश थे कि अर्धशतक मार गये ।
अज़हर गांगुली के साथ 104 रनों की पार्टनरशिप कर गये।अज़हर ने 65 गेंदों पर ठीक 50 रन बनाये थे और जब वो आउट हुये तो भारत का स्कोर तीन विकेट पर 206 रन था।अज़हर बढ़िया खेल रहे थे लेकिन गांगुली के साथ रन लेने में गलतफहमी के कारण रन आउट हो गये थे।
दोनों में वैसे गलतफहमी नहीं होती लेकिन गलतफहमी इसलिये हुई कि गांगुली कोलकाता से थे और अज़हर हैदराबाद से।
पर दोनों के कप्तान सचिन मुंबई से थे न 🙏🙏
अजय जडेजा बहुत खुश थे।
हसन राजा ने उन्हें अपने हर तरह के और हर तरफ के नंबर दे दिये थे कल
और हसन राजा आज फील्ड में भी थे।
अजय जडेजा उनको एकटक निहार रहे थे ,देख देख के मुस्कुरा रहे थे ।
सौरव गांगुली ये देख के डिस्टर्ब हो गये और अपना गुस्सा उन्होंने चमड़े की गेंद पर निकाला।
गांगुली ने सकलैन मुश्ताक की गेंद पर एक करारा शॉट मारा था लेकिन मिसटाइम हो गया और अज़हर महमूद ने कैच पकड़ कर गांगुली की शानदार पारी तब खत्म की जब टीम इंडिया का स्कोर 214 रन था।
गांगुली ने 136 गेंदों पर 96 रन बनाये थे और अपने शतक से 4 रनों से चूक गये थे ।
रॉबिन सिंह फिर ज़ल्दी में थे ।
1 चौका मारा था ।
7 गेंदों पर 9 रन बना लिये थे |
तभी आक़िब जावेद ने उनसे हिम्मत करके पूँछ ही लिया था कि
“बड़े भाई ! ये 52 अंडों के ऑमलेट वाली बात सच है क्या ?”
नाराज रॉबिन सिंह ने आक़िब जावेद को उन्हीं की गेंद पर कैच पकड़ा दिया जब टीम इंडिया का स्कोर 237 था।और तमिल भाषी रॉबिन सिंह ने उर्दूभाषी आक़िब जावेद को मराठी भाषा में बड़ा प्यारा सा जवाब दिया।
“Bsdk तेरे पैसों का खाता हूं क्या ?
लेकिन एक सवाल आपके भी दिमाग में आया होगा
रॉबिन सिंह ने मराठी क्यों बोली ?
दरअसल टीम इंडिया के कप्तान सचिन मुंबई के थे न
🙏🙏🙏
रॉबिन सिंह के आउट होते ही राहुल द्रविड़ बल्ला उठाकर मैदान में दौड़े।
इस मैच में उनको चल्ला मिल गई थी।।
उन्होंने 4 गेंदों पर 3 रनों की बेशकीमती पारी खेली |
अजय जडेजा 21 गेंदों पर 23 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत ने 50 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 250 रन बनाये।
अज़हर महमूद ने 2 और सकलैन मुश्ताक और आक़िब जावेद ने एक एक विकेट लिया।
बादी पेंचिश, ल्यूकोडर्मा और ल्यूकोरिया की बीमारी से ग्रसित सईद अनवर आज “उन दिनों ” वाली बीमारी के कारण नहीं खेल रहे थे
तो अश्लील स्टांस वाले इजाज अहमद उन 18 साल के शाहिद अफरीदी के साथ ओपनिंग में आये ,जो अभी भी 18 साल के ही हैं।
अबे कुरुविला खुद को श्रीनाथ मान चुके थे और मोहंती को सईद अनवर नहीं दिख रहे थे जिन्हें निकल bsdk बोला जा सके ,तो इन दोनों गेंदबाज़ों ने अपनी लाइन लेंथ का उतना ही ध्यान रखा जितना पूनम पाण्डे अपने कपड़ों का रखती हैं।
हरविंदर सिंह ,रॉबिन सिंह और सौरव गांगुली ने लाइन लेंथ तो अच्छी रखी पर विकेट लेने में असफल रहे।
इजाज अहमद और अफरीदी ने पहले विकेट के लिये 109 रन जोड़ दिये ।
109 के स्कोर पर सीरीज के गोल्डन बॉय सौरव गांगुली ने अफरीदी 39 (30) को सचिन के हाथों कैच करवा कर भारत को पहली सफलता दिलवाई।
अगले ही ओवर में हरविंदर सिंह ने 109 के ही स्कोर पर इजाज अहमद 60 (42) को सचिन के ही हाथों कैच करवाया।
दोनों ओपनर के कैच सचिन ने पकड़े थे ।
क्योंकि सचिन मुंबई के थे न
🙏🙏
2 रन बाद ही पाकिस्तान टीम के 111 स्कोर पर सौरव गांगुली ने रमीज राजा के डंडे उखाड़ दिये और उन को एक सुनहरी बतख पकड़ा दी ।
16 रन बाद 127 के टीम स्कोर पर हरविंदर सिंह ने सलीम मलिक को सबा करीम के हाथों कैच करवा दिया।
पाकिस्तान का स्कोर 109 /0 से 127 /4 हो चुका था।
ओवर आधे भी नहीं हुये थे ।
मैच फांस दिया था डोना के शोना और मोहंती के तौलिया बड्डडी ने।
और यहाँ पर एंट्री होती है पिछले दो मैचों में बैन रहे इंजमाम उल हक की।
इंजमाम ने अपने ही एक फैन को बल्ले से पीट दिया था ,जब वो उन्हें आलू आलू कहकर चिढ़ा रहा था।इसलिये दो मैचों से बैन थे।
क्रीज़ पर आते ही सबा करीम ने ये पूँछते हुये उनका स्वागत किया ,
“इंजी भाई ,आलू का क्या रेट है मार्केट में ?
“
सबा करीम ने आलू मटर से लेकर दम आलू और जीरा आलू से लेकर मेथी आलू तक सारी सब्जियों के नाम गिना दिये पर आज इंजमाम उल हक को कोई फर्क नहीं पड़ा।
क्यों ?
क्योंकि एक तो रमीज राजा ने उनके कान में डॉट लगा दी थी
दूसरे उन्हें हसन राजा पर भी नज़र रखनी थी जिनके अजय जडेजा से अफेयर के किस्से फ़िज़ाओं में तैर रहे थे।कहीं हसन भाग जाता अजय के साथ तो क्या इज़्ज़त रह जाती पाकिस्तान टीम के ड्रेसिंग रूम की ?
हसन राजा और इंज़माम दोनों ने मिलकर 113 रनों की साझेदारी कर दी।
जब पाकिस्तान का स्कोर 240 था
जीत के लिये बस दस रन बाकी थे
मोहंती ने हसन राजा को सबा करीम के हाथों कैच आउट करवा दिया।
हसन राजा ने 84 गेंदों पर महत्वपूर्ण 41 रनों की पारी खेली थी।
इंज़माम उल हक ने मोइन खान नाबाद 3 (3 ) के साथ मिलकर पाकिस्तान को सहारा कप 97 के आखिरी मैच में विजय दिलवा दी।
पाकिस्तान ने 41.5 ओवर में विजय लक्ष्य हासिल कर लिया था।
इंजमाम ने 86 गेंदों पर नाबाद 71 रन बनाये थे ।
गांगुली के गेंदबाजी आँकड़े इस मैच में भी शानदार थे।
9-1 -33-2
हरविंदर के आँकड़े थे
8-0-33-2
मोहंती के
9 -1-66-1
इस मैच में 96 रन बनाने वाले और 2 विकेट लेने वाले सौरव गांगुली मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज रहे।
सहारा फ्रेंडशिप कप 1997 टोरंटो में सौरव गांगुली ने 5 मैचों में 222 रन बनाये थे और 15 विकेट लिये थे।
Espn द्वारा प्रायोजित और कनाडा के टोरंटो में आयोजित सहारा फ्रेंडशिप कप 1997 भारत बनाम पाकिस्तान पाँच एकदिवसीय मैचों की सीरीज भारत 4 -1 के अंतर से जीता।
ट्रॉफी सचिन तेंदुलकर ने सम्भाली।
क्योंकि सचिन मुंबई के थे न
नोट – सहारा फ्रेंडशिप कप 1997 टोरंटो के मैच आँकड़ो के अलावा पूरी कहानी फ़र्ज़ी है ।मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गई है ।किसी खिलाड़ी विशेष की छवि को ठेस पहुंची हो तो माफी चाहूंगा। बुरा ज्यादा लगे तो आलू की सब्जी खा लेना
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आपका -विपुल
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