Spread the love

राहुल दुबे

आप नरेंद्र मोदी जी को Event manager कहे, या इच्छानुसार जो संज्ञायें दे लेकिन सत्य यह है कि 2014 के बाद हम अपनी जड़ों की तरफ लौटे जरूर है, उसी का एक हिस्सा है 1946-1947 मे हुए बंटवारे को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाना।। शायद ये वर्षो पहले से मनाया जाना शुरू कर देना चाहिए था लेकिन देश के तथाकथित ठेकेदारों ने ऐसे चीजो को नजरअंदाज ही किया।।

पहले देश की खण्ड खण्ड एकता के कारण इस्लामिक आक्रांताओं के राज फिर अंग्रेजो के राज से हम मुक्त हुए तब हमारी भारत ने बंटवारे का असहनीय दर्द झेला। ये सब सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि कुछ महत्वाकांक्षी लोगो के लिए अपनी इच्छा सर्वोपरि थी और उसके लिए वो देश को भी बांटने के लिए तैयार हो गए।

और ये बंटवारा मात्र जमीन का नही था बंटवारा हमारी सभ्यता का था, बंटवारा उस मां का था जिसने 1000 वर्ष दुःख सहकर आजादी के जश्न मनाने वाली थी और इस बंटवारे से उस मां के अपने असली बेटी-बेटियों का ही नुकसान हुआ इस बंटवारे ने हिन्दुओ को ही दो मुहाने पर खड़ा कर दिया। एक जिद्दी मानव ने फैसला सुनाया था आप इच्छानुसार जहां मन वहां रह सकते है लेकिन कभी उससे किसी ने यह नही पूछा कि जब एक पूरा क्षेत्र मे तुम्हारा इंकलाब ही समाप्त होने जा रहा है, वहां तुम्हारा एक ऐसा सनकी मित्र राज करेगा जिसकी जीवटता मात्र एक कौम के प्रति है तो वहां एक सहिष्णु , मासूम सनातनी कैसे जी पायेगा ।

इस बंटवारे ने एक कौम को ये छूट दे दी कि तुम चाहो तो अपने कब्जे के लिए उन्हें मार सकते हो और ऐसा हुआ भी हिन्दू अपने घर खलिहान परिवार नाते रिश्ते सब छोड़कर अपनी जान बचाते भागे, उन्हें वहां से खदेड़ा गया लेकिन हम उन मंजरों के बारे में कही नही पढ़ते है , 12वी में पढ़ रहा लड़का CBSE के पाठ्यक्रम के अनुसार रजिया सज्जाद जहीर की लिखी कथा नमक पढ़ता है, जिसमे विभाजन के क्रूर दृश्यों के बारे में बताने के बजाय विभाजन से उपजे मोह्हबत को पढ़ाया जाता है।

शिक्षा किसी भी सभ्यता के फलने फूलने की सबसे मुख्य वजह होती है, और शिक्षा तभी प्रासंगिक है जब एक लड़का/लड़कीं अपने इतिहास के बारे में सिर्फ इतिहास की किताबो में नही हर जगह से कुछ न कुछ पढ़ रहा हो और जिसने नमक कहानी पढ़ी होगी उसे क्या पता चलेगा कि विभाजन के समय कैसे एक कौम ने अपने आप को स्थापित करने के लिए मासूम लोगो की खून की नदिया बहा दी थी।

मेरे अनुसार हमे विभाजन जैसे उन तमाम क्रूर घटनाओ को घर घर पहुँचाना चाहिए ताकि हम इनसे सीख लेकर अपने भविष्य को मजबूत कर सके।

Exxcricketer.com


Spread the love

2 thoughts on “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *