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भाग 1 -क्लाइव राइस

आपका -विपुल

क्लाइव राइस
एक बेहतरीन तेज गेंदबाज आल राउंडर थे जिन्हें दक्षिण अफ्रीका पर आईसीसी के बैन के कारण लगभग पूरी जिन्दगी खेलने का मौका नहीं मिला।
लिस्ट ए में सबसे पहले 5000 रन और 500 विकेट का डबल लेने वाले राइस 1991 में दक्षिण अफ्रीका की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी पर कप्तान बने।

दक्षिण अफ्रीका ने जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद सबसे पहले 3 एकदिवसीय भारत में आकर खेले तो 42 साल के क्लाइव राइस कप्तान थे ।
डोनाल्ड ने शायद पहले ही मैच में 5 विकेट लिए थे।
क्लाइव राइस की गिनती कपिल बॉथम हेडली और इमरान की लीग में होती थी।

क्लाइव राइस का 482 प्रथम श्रेणी मैचों में बल्लेबाज़ी औसत 40 के ऊपर था और गेंदबाजी औसत 22 का।
काउंटी क्रिकेट में नाटिंघमशायर के लिए 1979 से 1987 तक कप्तानी की। और यही नहीं थोड़े वॉक टाइप थे तो न्यूड मॉडलिंग भी की।
बड़ा बवाल मचा था तब।

क्लाइव राइस के बाद केपलर वेसल्स को दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी मिली थी क्योंकि क्लाइव राइस 42 के हो चुके थे। उनको दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने सम्मान दिया था कि वो वापसी के बाद दक्षिण अफ्रीका के पहले कप्तान के तौर पर जाने जाएं।
इन्होंने फिर क्वाजुलु नटाल प्रांत के लिए काम किया।

जोंटी रोड्स, शौन पोलॉक और लांस क्लूसनर जैसे हरफनमौला खिलाड़ियों को छांट बीन कर तराश कर ये ही लाए थे। इनके समय दक्षिण अफ्रीका की चयन समिति को स्पष्ट निर्देश थे कि उन खिलाड़ियों पर दांव लगाओ जो कम से कम दो विधाओं में पारंगत हों
क्लाइव राइस स्वयं भी एक बेहतरीन आल राउंडर रहे थे।

1981 और 1987 में दो बार नॉटिंघम शायर को कप्तान के तौर पर काउंटी खिताब जिताने वाले क्लाइव राइस को विजडन ने 1981 में विजडन क्रिकेटर आफ द ईयर भी चुना था।
इनके बारे में कहा गया है कि ये वो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट आल राउंडर थे जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका कभी न मिला।

क्लाइव राइस ने दक्षिण अफ्रीकी घरेलू क्रिकेट में ट्रांसवाल के लिए कप्तानी करते हुए लगातार 3 बार दक्षिण अफ्रीका का घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा खिताब कैसल करी कप भी जीता था और वनडे खिताब भी।
कैरी पैकर क्रिकेट में भी ये खेले और सफ़ल रहे।

कैरी पैकर आस्ट्रेलिया के चैनल 9 के मालिक थे और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर्स को लालच देकर अपनी लीग में खिलवाते थे और इन खिलाड़ियों की टीम बना कर दक्षिण अफ्रीका के दौरे भी करवाते थे ।
पायजामा क्रिकेट शब्द यहीं से निकला है ।
रंगबिरंगे कपड़ों में वनडे सीरीज भी करवाते थे कैरी पैकर।

क्लाइव राइस 1987 के बाद स्कॉटलैंड के लिए भी खेले हैं।
क्लाइव राइस वाकई एक महान क्रिकेटर थे जिन्हें बॉथम और कपिल की श्रेणी में रखा जाता अगर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट पर रंगभेद के कारण बैन न लगा होता
26300 प्रथम श्रेणी रन और 930 विकेट।
5000 लिस्ट ए रन और 500 विकेट
मजाक नहीं हो सकते।

दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट में वापसी के बाद पहले 3 वनडे मैचों में भारत के विरुद्ध कप्तान के तौर पर खेल कर क्लाइव राइस ने अपना नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी अंकित करा लिया है। इन 3 मैचों में इन्होंने 26 रन बनाए,2 विकेट लिए और 1-2 से सीरीज खत्म की।

मैच फिक्सिंग के खिलाफ़ क्लाइव राइस बहुत मुखर थे।2007 वनडे विश्वकप में पाकिस्तान के दक्षिण अफ्रीकी कोच बॉब वूल्मर की रहस्यमय मौत के बाद इन्होंने फॉक्स न्यूज़ से कहा था कि बॉब वूल्मर और हैनसी क्रोनिए की मौत में क्रिकेट सट्टेबाजों का हाथ है और इन सट्टेबाजों को कोई रोक नहीं सकता।

क्लाइव राइस का मानना था कि क्रिकेट में सट्टेबाजों की पकड़ इतनी ज्यादा हो चुकी है कि कोई कुछ कर नहीं सकता। क्रिकेटर्स केवल पैसों के लिए ही फिक्सिंग नहीं करते, शोषण , उत्पीड़न और धमकियों के कारण भी करते हैं ।
क्लाइव राइस को ब्रेन ट्यूमर हुआ था।

2015 में क्लाइव राइस का देहांत हुआ।
काउंटी क्रिकेट को और 1980 के क्रिकेट को जानने वाले जानते हैं क्लाइव राइस कितने बड़े खिलाड़ी थे ।
ये क्लूजनर पोलॉक मैकमिलन और कालिस जैसों के भीष्म पितामह थे।
भारत के क्रिकेट प्रेम से ये भी अभिभूत हो गए थे , जब आए थे यहां।

आपका -विपुल

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