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कहानी एक टाई मैच की

भूले बिसरे मैच
कहानी एक टाई मैच की।
भारत बनाम ज़िम्बाब्वे
27 जनवरी 1997
स्थान पार्ल -जिम्बाब्वे
कप्तान
सचिन तेंदुलकर
एलिस्टर कैम्पबेल
अंपायर
स्वर्गीय रूडी कोइतज़रेन
विल्फ़ डाइड्रिक्स

Tv अंपायर -डेविड ऑर्चर्ड
प्रस्तुति -विपुल

विपुल

सत्तानबे की सर्दियां थी।
सत्ताईस तारीख थी
जनवरी का महीना था
सचिन की कप्तानी थी
जिंबाब्वे के इतिहास की सबसे मजबूत टीम थी
और रॉबिन सिंह का सातवां मैच था।
जिंबाब्वे के कप्तान एलिस्टर कैंपबेल थे जिन्होंने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया।

जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद ने भारत के लिए गेंदबाजी की शुरुआत की सामने थे ग्रांट फ्लावर और एंडी वालर।
तो प्रसाद ने अपने दूसरे ओवर में ही एक लोअर फुलटास पर बोल्ड कर दिया वालर को।
वालर ने बनाए थे छह
और जिंबाब्वे का स्कोर था 17/1 तब ।

एंडी फ्लावर का दर्जा जिंबाब्वे क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर से कम नहीं है ।
इन्होंने अपने भाई ग्रांट फ्लावर के साथ 15 रनों की साझेदारी की लेकिन 32 के स्कोर पर यह अपने भाई के साथ एक गलतफहमी में रन आउट हो गए ।इनका स्कोर था 7 ।
टीम स्कोर 32/2।

लेकिन ज़िम्बाब्वे की मुसीबतें यहीं पर खत्म नहीं हुईं ।
बोर्ड पर 51 रन पहुंचे थे और ग्रांट फ्लावर ने 48 गेंदों पर 28 रन बनाए थे ।
यहां पर सलिल अंकोला ने ग्रांट फ्लावर को बोल्ड मार दिया।
ज़िम्बाब्वे 51/3 ।
एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर
जिम्बाब्वे की दोनों बड़ी तोपें आउट।
अब ?
पॉल स्ट्रांग एक लेग स्पिनर थे जिनकी तुलना एक समय पर शेन वार्न से होती थी। इन्हीं पॉल स्ट्रांग ने नंबर 4 पर उतर कर कप्तान एलिस्टर कैंपबेल के साथ मिलकर 94 रन की पार्टनरशिप कर डाली ।स्ट्रांग जब प्रसाद की गेंद पर कुंबले को उड़ाने के चक्कर पर आउट हुए तब ये 47 पर थे। जिंबाब्वे 145/4

एलिस्टेयर कैंपबेल ने कप्तानी पारी खेली और 70 गेंदों पर 61 रन बनाकर श्रीनाथ की गेंद पर जडेजा के हाथों कैच आउट हुए।
जिम्बाब्वे का स्कोर था 172
5 विकेट पर ।

जिम्बाब्वे के सबसे अनुभवी खिलाड़ी डेविड हॉटन 16 गेंदों पर 13 रन बनाकर कुंबले की गेंद पर कैच आउट हुए ।


गाय व्हिटाल एक ऑलराउंडर थे ।
प्रसाद ने इनको 9 के निजी स्कोर पर कॉट एंड बोल्ड कर दिया।
जिम्बाब्वे का स्कोर हुआ 211
7 विकेट के नुकसान पर ।

एक तरफ विकेट गिर रहे थे दूसरी तरफ क्रेग इवान्स रन बनाने में जुटे हुए थे।
क्रेग इवान्स को हीथ स्ट्रीक का साथ मिला और 49.5 ओवर में इन दोनों ने स्कोर 236 पर 8 पर पहुंचा दिया।
भारत के लिए अंतिम ओवर कुंबले ने फेंका था और कानपुर की भाषा में कहें तो
क्रेग इवान्स कुंबले को कूट दिहिस।
जिम्बाब्वे की पारी की अंतिम गेंद पर क्रेग इवान्स 32 गेंदों पर 40 रन बनाकर आउट हुए दो चौके 3 छक्के ।
हीथ स्ट्रीक 4 पर नाबाद।


जिम्बाब्वे का फाइनल स्कोर 236 पर 8 ।
भारत के लिए लक्ष्य 237
50 ओवर में वेंकटेश प्रसाद ने 10 ओवर में 49 रन देकर तीन विकेट लिए थे ।

श्रीनाथ ने हमेशा की तरह किफायती गेंदबाजी की थी ।
10 ओवर में 34 रन देकर एक विकेट ।
सलिल अंकोला ने 8 ओवर में 32 रन देकर एक विकेट लिया था ।
और कुंबले ने 10 ओवर में 58 रन देकर दो विकेट लिए थे।
भारत को जीत के लिए 50ओवरों में 237 बनाने थे।
गेम ऑन।

भारत की पारी शुरू हुई और सचिन तेंदुलकर 10 के टीम स्कोर पर इडो ब्रांडेस की गेंद पर एक बेहद वाहियात शॉट खेलकर कैंपबेल को कैच पकड़ा कर चलते बने।


सचिन ने बनाए थे कुल जमा छह रन।
इसके बाद सचिन ने 10 में से 9 बार असफल रहने वाला तुक्का फेंका।
श्रीनाथ को पिंच हिटर के रूप में भेजने का ।
लेकिन श्रीनाथ को भी इडो ब्रांडेस ने एक कमाल की आउट स्विंग गेंद पर बोल्ड कर दिया ,श्रीनाथ खुद अपने विकेटों पर घसीट लाये थे।


स्कोर श्रीनाथ का 8
भारत का स्कोर 22 पर दो आउट।

सौरव गांगुली एक छोर पर जमे हुए थे ।
दूसरे छोर पर आए मोहम्मद अजहरूद्दीन ।

लेकिन अजहरुद्दीन भी उन ब्रांडेस के आगे कोई कला ना दिखा पाए ।
जो शायद अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर रहे थे उस दिन

अजहरूद्दीन 9 गेंदों पर 6 रन बना कर चलते बने ।
जिन्हें इंडो ब्रांडेस ने एक कमाल की यॉर्कर पर बोल्ड करके टाटा बाय बाय कर दिया था ।


भारत इस समय 40 पर तीन था ।
मतलब तनाव
सचिन ऑलरेडी पवेलियन में थे।
अब अज़हर भी आउट।

भारतीय क्रिकेट के नए उभरते सितारे सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने 45 रनों की एक पार्टनरशिप की ।
लेकिन जब टीम का स्कोर था 85 तब राहुल द्रविड़ गली क्रिकेट के बच्चों की तरह फिसल कर रन आउट हो गए ।
खैर बड़े-बड़े मैचों में ऐसी छोटी मोटी बातें होती रहती हैं।
भारत 85 /4।


गांगुली डटे हुये।

अजय जडेजा और सौरव गांगुली भारत के स्कोर को खींच कर ले गए 110 तक ।
मगर तभी सौरव गांगुली के लिए खास तौर पर रखे गए आफ़ साइड के एक फील्डर ने सौरव गांगुली का एक हवा में खेला गया शॉट पकड़ लिया ।
गांगुली ने 79 गेंदों पर 38 रन बनाए थे और लगभग 30 ओवर तक खेले थे।
20 ओवर 1 गेंद बाकी थी
भारत 110/5 ।

भारत का स्कोर था 110 पर पांच ।
मतलब 20 ओवर 1 गेंद में में 121 रन बनाने थे।
और सचिन द्रविड़ गांगुली और अजहर पवेलियन पहुंच चुके थे ।
रोमांच महसूस किया ?
अब भी नहीं ?
टीवी सेट बन्द होने लगे थे।

कोलकाता के सबा करीम ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं पहुंच गए थे ।
उनको ऐसे प्रेशर मैच में खेलने का बहुत अनुभव था ।
तो सबा करीम और अजय जडेजा मैच को खींचते ले गए।


सबा करीम 46 गेंदों पर 38 रन बनाकर पॉल स्ट्रांग की गेंद पर जब कॉट एंड बोल्ड हुए तब टीम इंडिया का स्कोर था 166 पर छह।
और ओवर हुए थे 40.4।


अपना सातवां मैच खेल रहे रॉबिन सिंह अजय जडेजा का साथ देने आए ।
लेकिन 10 रन ही स्कोर बोर्ड में जुड़े थे कि अजय जडेजा को इडो ब्रांडेस ने क्लीन बोल्ड कर दिया ।


और जीत के सपने देख रही टीम इंडिया को बताया अभी हम जिंदा हैं।
ठंड रखो ठंड।
कूल डाउन ।

भारत का स्कोर अब हो चुका था 176 पर 7
रन बनाने थे 237
ओवर बाकी थे लगभग 7
और रॉबिन सिंह का साथ देने के लिए कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज नहीं बचा था ।
और खुद रॉबिन सिंह का इसके पहले सर्वाधिक स्कोर रन 10 था
टीवी सेट बंद होने लगे थे।
भारत की मैच जीतने की उम्मीदें भीं
अजय जडेजा बोल्ड हो चुके थे ।
लेकिन यहीं से रॉबिन सिंह ने कमाल करना शुरू किया।
बॉलर शायद गाय व्हिटाल थे या क्रेग इवान्स।

रॉबिन सिंह ने बिल्कुल लठैतों की तरह एक छक्का लगाया और उसके बाद अगली गेंद पर एक चौका।
ऐसे जैसे यूपी का कोई बाप अपने बेटे को चार लातें मारने के बाद एक घूँसा जड़ना कंपलसरी समझता है।

रॉबिन सिंह ने कुंबले के साथ मिलकर स्कोर को 204 तक पहुंचाया।
बन्द हो चुके टीवी सेट फिर खुलने लगे थे।
इसमें कुंबले के मात्र 4 रन थे 8 गेंदों पर।
मात्र 33 रन और चाहिए थे और रॉबिन सिंह ज़िम्बाब्वे को बता रहे थे।
तुम ज़िंदा हो
तो
हम ज़िंदाबाद हैं।

मैच फिर पलटा
मैच का अड़तालिसवाँ ओवर फेंकने आये इडो ब्रांडेस
ओवर की पहली ही गेंद पर कुम्बले के स्टम्प्स हवा में उड़ते दिखे


ब्रांडेस का पांचवा विकेट
भारत 204 /8
17 गेंदे बाकी
टारगेट 237
ब्रांडेस
“अभी हम ज़िंदा हैं”
“कूल डाउन”


रोमांच ?
दिलके मरीजों को टीवी के सामने से हटा दिया गया ।

मैच अत्यंत रोमांचक मोड़ पर था ।
गेंदे बची थी 17
रन बनाने थे 32
टीवी सेट फिर बंद होने लगे थे जो रॉबिन सिंह और कुंबले की पार्टनरशिप के बाद में खुल गए थे ।
सलिल अंकोला से किसी को कोई भी उम्मीद नहीं थी

लेकिन
लेकिन
लेकिन

सलिल अंकोला रॉबिन सिंह का साथ 50वें ओवर की दूसरी गेंद तक दिए चले गए ।

सलिल अंकोला इस दरमियान एक बार रन आउट होते होते भी बचे।
लेकिन 229 के स्कोर पर सलिल अंकोला रन आउट हो ही गए ।


अंकोला ने बनाए थे 9 रन
7 गेंदों पर
एक भी बाउंड्री नहीं ।

49 ओवर 2 गेंदों पर भारत का स्कोर
229 रनों पर 9 विकेट।

तो भारत का स्कोर हो चुका था 229 रन पर 9 विकेट।
चार गेंदें बाकी थीं।
8 रन बनाने थे ।
वेंकटेश प्रसाद रॉबिन सिंह का साथ देने के लिए मैदान में उतरे ।
वेंकटेश प्रसाद जिन्होंने शायद ही कभी किसी मैच में 10 रन भी बनाये हों।

पचासवें ओवर की पांचवीं गेंद पर रॉबिन सिंह ने आफ साइट पर एक करारा चौका लगाया ।


और अब अंतिम गेंद पर जीत के लिए भारत को मात्र 2 रन बनाने थे ।
धक धक
धक धक
धक धक
धक धक।

इडो ब्रांडेस अपने हाथ में गेंद लेकर मैच की आखरी बॉल भारतीय टीम को यह बताने के लिए फेंकने के लिए दौड़े
“अभी हम जिंदा हैं”

उधर रॉबिन सिंह बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे हरियाणा के लठैतों की तरह।

लेकिन लेकिन इस मैच के अंत में वह हुआ जो ना इंडो ब्रांडेस चाहते थे ना ही रॉबिन सिंह।

मैच की अंतिम गेंद रॉबिन सिंह के थोड़ा आगे बढ़कर खेलने के कारण लेग साइड की तरफ से निकली और वाइड् हो गई।
इधर रॉबिन सिंह और प्रसाद में शायद पहले ही यह बात हो चुकी थी कि कुछ भी हो हर हालत में दौड़ना ही है।

रॉबिन सिंह आज पूरी भारतीय क्रिकेट टीम के थारा भाई जोगिंदर बन चुके थे।

तो ब्रेनफेड के ऐसे मौसम में ब्रांडेस ने लेग साइड पर वाइड गेंद फेंकी।
वेंकटेश प्रसाद ब्रांडेस के हाथ से गेंद छूटते ही बेतहाशा दौड़े ।
रॉबिन सिंह ने पीछे पलट कर देखा तब तक प्रसाद बहुत आगे तक आ चुके थे।

रॉबिन सिंह को दौड़ना पड़ा
और
रॉबिन सिंह के बॉलिंग क्रीज़ तक पहुंचने के पहले ही इडो ब्रांडेस ने स्टंप बिखेर दिए थे ।
और भारतीय टीम को फिर बता दिया
“अभी हम जिंदा हैं “

मैच टाई हो गया भारत ने निर्धारित 50 ओवर में सारे विकेट खोकर 236 रन बनाए
रॉबिन सिंह ने 31 गेंदों पर 48 रन बनाये।
मैच के अंत में रनआउट हुये।

रॉबिन सिंह और इडो ब्रांडेस संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच घोषित हुये।
यह एक अत्यंत रोमांचक वनडे मैच था।
ब्रांडेस ने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की थी और 9.5 ओवर में 41 रन देकर पांच विकेट लिए थे।
क्रेग इवान्स ने 10 ओवर में 48 रन देकर 1
और पाल स्ट्रांग ने 10 ओवर में 38 रन देकर 1 विकेट लिया था।

इस मैच के बाद से रॉबिन सिंह की गिनती बल्लेबाजों में होने लगी और इन्हें अजय जडेजा की तरह बिग हिटर मान लिया गया ।
इससे पहले रॉबिन सिंह केवल अच्छे फील्डर और कामचलाऊ गेंदबाज की तरह ही खेलते थे।
🙏🙏🙏🙏
आपका -विपुल

विपुल


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