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राजेश चौहान


भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 2 -राजेश चौहान

भाग 2 -राजेश चौहान
लेखक -विपुल
पुरानी आईडी exx_cricketer
नई आईडी old_cricketer

old_cricketer


17 /06/2022

आप भारतीय ऑफ स्पिनर के बारे में सोचेंगे तो अश्विन ध्यान आएंगे, फिर हरभजन।
पीछे जाने पर अरशद अयूब ,इरापल्ली प्रसन्ना और वेंकटराघवन भी याद आएंगे, पर एक नाम मिस कर जाएंगे जो 92 से 98 तक बतौर ऑफ स्पिनर टीम इंडिया में खेला।
ये नाम राजेश चौहान का है।ये लेख आप youtube पर भी देख सकते हैं |लिंक नीचे है |

लेख का youtube लिंक

अदभुत टेस्ट रिकॉर्ड

राजेश चौहान के नाम एक अनोखा और अच्छी रिकॉर्ड है, जिन 21 टेस्ट में वो टीम में थे, टीम इंडिया वो मैच कभी नहीं हारी।


29 जनवरी 1993 को इंग्लैंड के विरुद्ध कोलकाता के ईडन गार्डन में राजेश चौहान ने टेस्ट डेब्यू किया ।
लेग स्पिनर कुंबले और लेफ्ट आर्म स्पिन वेंकटपति राजू के साथ तत्कालीन कप्तान अज़हर ने इंग्लैंड पर स्पिन तिकड़ी से आक्रमण किया।
इंग्लैंड तीनों टेस्ट मैच हारा।इसके बाद अगले 4- 5 साल इस स्पिन तिकड़ी का ज़माना रहा ।हालांकि कुंबले मीलों आगे निकल गए राजू और राजेश चौहान से।

वनडे रिकॉर्ड

1993 में ही श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में राजेश चौहान का वनडे डेब्यू हुआ।आखिरी वनडे भी श्रीलंका के खिलाफ श्रीलंका में 1998 में खेला।कुल 35 वनडे में 29 विकेट लिये हैं राजेश चौहान ने ।
41.93 एवरेज ,4.46 इकोनॉमि 56.3 स्ट्राइक रेट से।
बेस्ट 3/29 रहा

21 टेस्ट में 47 विकेट
39.51 एवरेज,
101 स्ट्राइक रेट
बेस्ट 4/48

फर्स्ट क्लास में 32 और लिस्ट ए में 31 का गेंदबाजी औसत है जो
बुरा नहीं है।

अनचाहे रिकॉर्ड्स

राजेश चौहान के नाम दो अनचाहे रिकॉर्ड हैं।
1 टेस्ट पारी में सबसे ज़्यादा रन 276 खर्च करने के और दूसरा सबसे खराब स्ट्राइक रेट 468 का 1 इनिंग में ।

ये रिकॉर्ड 1997 98 में कोलंबो के प्रेमदास स्टेडियम में तब बना था, जब श्रीलंका ने टेस्ट का सर्वोच्च स्कोर 952 /6 बनाया था।
इस मैच में राजेश चौहान ने एक विकेट लिया था।

कराची का छक्का

मज़े की बात है कि इतना खराब रिकॉर्ड होते हुये भी राजेश चौहान को तत्कालीन क्रिकेट फैन कभी नापसंद नहीं करते थे।
एक बार कराची में 1997 में हुये वनडे में इन्होंने लास्ट बॉल पे छक्का लगा कर मैच जिताया था ।गेंदबाज सकलैन मुश्ताक थे।
तब से इनकी लोकप्रियता और बढ़ गई थी।

संदेहास्पद एक्शन

इनका एक्शन संदेहास्पद लगता था, बार बार जांच होती थी ,इसलिए 1998 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट इनका आखिरी टेस्ट साबित हुआ।
ये मैच भी कोलकाता में हुआ था।

ये अज़ीब है कि 101 स्ट्राइक रेट वाले गेंदबाज के होते हुए भी टीम कोई मैच न हारे,
लेकिन राजेश चौहान ने ये किया था ।

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