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विजय भारद्वाज

भूले बिसरे खिलाड़ी
भाग 11 – विजय भारद्वाज
लेखक -विपुल

पुरानी ट्विटर आईडी exx_cricketer
नई ट्विटर आईडी old_cricketer
26/06/2022

विलक्षण प्रतिभा

विजय भारद्वाज


आज के क्रिकेट प्रेमियों के लिये ये नाम अपरिचित होगा, पर यकीन करें ये एक समय भारत के सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर माने गए थे ,और विलक्षण प्रतिभा वाले थे भी।

दाएं हाथ के निम्न मध्यम क्रम के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ़ स्पिनर विजय भारद्वाज ने 1998-99 के रणजी सीजन में कर्नाटक के लिये 1463 रन बनाने के अलावा 21 विकेट भी लिए थे।
1994 से रणजी खेल रहे विजय भारद्वाज की ये उपलब्धि इतनी बड़ी थी कि चयनकर्ताओं को विजय भारद्वाज को नैरोबी केन्या में होने वाले एलजी त्रिकोणीय एकदिवसीय कप के लिये टीम में चुनना पड़ा।

एलजी कप नैरोबी

दक्षिण अफ्रीका ,केन्या और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए इस एकदिवसीय टूर्नामेंट में विजय भारद्वाज ने 26 सितंबर 1999 को दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध विजय भारद्वाज ने अपना वनडे डेब्यू किया।इस लो स्कोरिंग मैच में भारद्वाज ने 18 नाबाद रन बनाए और 10 ओवर में सोलह रन देकर जैक्स कालिस के रूप में पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया।

अपने दूसरे वनडे मैच में केन्या के खिलाफ विजय भारद्वाज ने 41 रनों की नाबाद पारी खेली और 3 विकेट लिये।
इस एलजी कप में विजय भारद्वाज ने 3 बार नॉट आउट रहते हुये 89 रन बनाए ,10 विकेट लिये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सबको प्रभावित किया।
इसके बाद विजय भारद्वाज नवंबर 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में भारत में खेले और एक बार बैटिंग नहीं की, एक बार नाबाद रहते हुए 4 मैचों में कुल 47 रन बनाए और 5 विकेट लिए।सीरीज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 24 था इनका।

पतन

इसी समय लगभग इनको स्लिप डिस्क की समस्या हुई और फॉर्म में गिरावट भी आई इनके।
तीन साल बाद 19 मार्च 2002 को ये जिम्बाब्वे के खिलाफ एक वनडे में खेलते दिखे जिसमें विजय भारद्वाज बहुत नीचे खेलने आये क्योंकि दिनेश मोंगिया, मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह टीम में आ चुके थे।


इस मैच में विजय भारद्वाज शून्य के स्कोर पर रन आउट हुए और 4 ओवर में 32 रन देकर एक विकेट लिया।
यही वनडे मैच इनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच साबित हुआ।

एकदिवसीय आंकड़े

विजय भारद्वाज ने 10 एकदिवसीय मैचों की 9 पारियों में 4 बार नॉट आउट रहते हुये 27.20 के बल्लेबाज़ी एवरेज और 70 के स्ट्राइक रेट से 136 रन बनाये हैं। बेस्ट 41 नाबाद।
19.18 के गेंदबाजी औसत 4.98 इकोनॉमी से 16 वनडे विकेट लिए हैं।
बेस्ट 3/34।

टेस्ट कैरियर

विजय भारद्वाज का टेस्ट डेब्यू 10 अक्टूबर 1999 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मोहाली में हुआ ।
पहली पारी में मात्र 4 गेंद खेल पाए।खाता नहीं खोल पाये ।क्रिस केयर्न्स ने शून्य पर आउट कर दिया ।दूसरी पारी में बारी नहीं आई।पहला और एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टेस्ट विकेट न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इसी मैच में नंबर 11 बल्लेबाज शेन ओ कोनोर का लिया।

कानपुर में खेले न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अगले टेस्ट मैच में फिर दूसरी पारी में बारी नहीं आई। पहली पारी में 22 रन बनाए।विकेट कोई नहीं।

कैरियर का तीसरा और अंतिम टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले।पहली पारी में 6 रन बनाए।दूसरी पारी में चोट के कारण बल्लेबाजी नहीं की।विकेट कोई नहीं।

विजय भारद्वाज ने 3 टेस्ट की 3 पारियों में 9.33 बल्लेबाज़ी एवरेज और 19 के स्ट्राइक रेट से 28 टेस्ट रन बनाए ।सर्वश्रेष्ठ 22

वहीं 3 टेस्ट में 107 के गेंदबाज़ी एवरेज से एक विकेट ।
बेस्ट 1 /26

प्रथम श्रेणी में प्रतिभाशाली

विजय भारद्वाज ने प्रथम श्रेणी में 41 के एवरेज से 5573 रन बनाए हैं ।34 के एवरेज से 59 विकेट लिए हैं। बेस्ट 6/24 है।

वहीं लिस्ट ए में 32 के एवरेज से 1707 रन और 30 के एवरेज से 46 विकेट हैं ।बेस्ट 3/34

विजय भारद्वाज ने 3 बार रणजी खिताब जीते हैं कर्नाटक के लिये।
2000 से 2002 तक कर्नाटक रणजी टीम के कप्तान भी रहे हैं।

युवराज ,मोंगिया से टक्कर


इन्हें पहले स्लिप डिस्क हुई ,फिर आंखों में भी कुछ समस्या ,इस वजह से ज़्यादा नहीं खेल पाये।उधर सौरव गांगुली ने हेमांग बदानी, दिनेश मोंगिया, कैफ, युवराज, रीतिन्दर सिंह सोढ़ी पर इन्वेस्ट कर रखा था तो दोबारा विजय भारद्वाज का मौका नहीं लगा।

मेरी नज़र में विजय भारद्वाज एक बहुत बड़े इम्पैक्ट प्लेयर थे ।इनमें वो सारी खूबियां थीं जो किसी बड़े और नैसर्गिक प्रतिभा वाले खिलाड़ी में होती हैं ।
लेकिन कुछ दुर्भाग्य, कुछ समय ,कुछ स्वास्थ्य के कारण इनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर पनप नहीं पाया।
🙏

लेखक विपुल
ट्विटर पर @old_cricketer
सर्वाधिकार सुरक्षित -Exxcricketer.com


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