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आपका -विपुल

भूले बिसरे खिलाड़ी – भाग 28 सुनील जोशी

परिचय

कर्नाटक के बायें हाथ के उंगलियों के स्पिनर सुनील जोशी बायें हाथ के निम्न क्रम के उपयोगी बल्लेबाज भी थे।सुनील जोशी 1996 से 2001 तक उस टीम इंडिया का एक प्रमुख हिस्सा रहे जिसमें गेंदबाजी आक्रमण की मुख्य जिम्मेदारी कर्नाटक के गेंदबाजों की ही थी।
कई ऐसे मैच थे जिनमें भारत के गेंदबाजी आक्रमण में कर्नाटक के श्रीनाथ, वेंकटेश प्रसाद और अनिल कुंबले जोशी के साथ थे।
राहुल द्रविड़ भी कर्नाटक के ही थे। एम एस के प्रसाद भी कर्नाटक के थे और विजय भारद्वाज भी।


ये सब कर्नाटक के खिलाड़ी एक साथ खेले हैं 1996 से 2001 के बीच।

गेंदबाज़ी हरफनमौला

कुल मिलाकर सुनील जोशी उस समय टीम इंडिया में शामिल हुए थे जब कर्नाटक क्रिकेट टीम का स्वर्ण युग चल रहा था।
1992 -93 के रणजी सत्र में कर्नाटक की ओर से पदार्पण करने वाले सुनील जोशी के बारे में कहा जाता है कि वो रोज सुबह अपने गृह नगर गड़ग से 40 किलोमीटर दूर हुबली केवल क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए जाते थे और फिर लौट कर स्कूल जाते थे।

1995 -96 के रणजी सत्र में सुनील जोशी ने गेंद से 50 विकेट लिये और बल्ले से 500 रन भी बनाये।
कपिल देव के बाद एक अदद आल राउंडर को तरस रही टीम इंडिया के चयनकर्ताओं को सुनील जोशी में उम्मीद दिखी और जोशी का चयन 1996 में भारत के इंग्लैंड दौरे के लिये हो गया।

अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण

सुनील जोशी ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड में 06 जून 1996 को बर्मिंघम में खेला जो श्रृंखला का पहला टेस्ट था।
नंबर 7 पर उतरे सुनील जोशी ने 64 गेंदों पर 12 रन बनाए।
गेंदबाजी मिली ही नहीं।
श्रीनाथ और प्रसाद 4 4 विकेट ले गए थे।
दूसरी पारी में सुनील जोशी ने 15 गेंदों में 12 रन बनाए थे। दूसरी पारी में भी जोशी को
बॉलिंग नहीं मिली ।
भारत ये मैच हारा और जोशी बाकी दोनों टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में नहीं पाये गये।
सुनील जोशी का वनडे डेब्यू 01 सितंबर 1996 को कोलंबो में जिम्बावे के खिलाफ़ हुआ।
जिसमें इन्होंने 37 रन देकर दो विकेट लिए थे। बैटिंग नहीं की थी। भारत मैच जीता था।
अगले ही मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ सुनील जोशी ने न सिर्फ टीम इंडिया के 201 के कुल स्कोर में 48 रन बनाए बल्कि 9 ओवरों में मात्र 23 रन देकर दो विकेट भी लिये।
इस मैच के बाद सुनील जोशी का कद काफी बढ़ गया था।
और सुनील जोशी भारतीय टीम के नियमित सदस्य हो गए थे।

टेस्ट में औसत प्रदर्शन

1996 से 1997 तक सुनील जोशी भारतीय टीम के लिये लगभग सारे घरेलू टेस्ट मैच खेले।
और सचिन की कप्तानी में वेस्ट इंडीज में भी टेस्ट सीरीज खेले थे।
28 जनवरी 1999 को शुरू हुआ भारत पाकिस्तान चेन्नई टेस्ट मैच जिसमें सचिन ने चौथी पारी में 136 की शानदार पारी खेली थी, वेंकटेश प्रसाद ने पारी में 6 विकेट लिये थे, जोशी के पतन की शुरुआत थे।
सचिन के आउट होने के बाद मात्र 17 रन बनाने थे और 5 विकेट बाकी थे।
ऑल राउंडर के तौर पर खिलाये जाते रहे जोशी ने मात्र 8 रन बनाए और आउट हो गये।


भारत 12 रनों से मैच हारा था। स्पिन ट्रैक पर मैच में मात्र जोशी पर से भरोसा उठने लगा था।
इस मैच के बाद सुनील जोशी मात्र 5 टेस्ट मैच और खेल पाये जिनमें से दो न्यूजीलैंड, एक बांग्लादेश और दो जिम्बावे के खिलाफ़ थे।
सौरव गांगुली के कप्तानी के तौर पर खेले पहले टेस्ट मैच में सुनील जोशी और मुरली कार्तिक दोनों बाएं हाथ के स्पिनर खेले थे।
जोशी ने पहली पारी में 142 रन देकर 5 विकेट लिए थे, मुरली कार्तिक विकेट नहीं ले पाये थे।
शायद तभी से सौरव गांगुली ने बायें हाथ के फिंगर स्पिनर पर भरोसा करना कम कर दिया था।
सुनील जोशी ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 25 नवंबर 2000 को जिम्बावे के खिलाफ़ नागपुर में खेला। जिसमें जोशी ने दोनों पारियों में 1 1 विकेट लिया और 27 रन बनाए थे।
एंडी फ्लावर ने दूसरी पारी में नाबाद 232 मारे थे। मैच ड्रॉ रहा और सुनील जोशी टेस्ट मैचों में फिर कभी दिखाई नहीं दिये।

एकदिवसीय में ठीक ठाक रिकॉर्ड

एकदिवसीय में सुनील जोशी का रिकॉर्ड ठीक ठाक रहा था ।
1996 में टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ़ सहारा कप खेले।
भारत दक्षिण अफ्रीका आस्ट्रेलिया के बीच हुआ टाइटन कप खेले
दक्षिण अफ्रीका गए, वेस्टइंडीज गए।
1998 का सहारा कप टोरंटो में फिर खेले ।
विश्वकप में कभी नहीं खेल पाये ।
पर इनके नाम एक बेहतरीन गेंदबाजी रिकॉर्ड है 10 ओवर में मात्र 6 रन देकर 5 विकेट लेने का।
ये कारनामा इन्होंने 1999 में नैरोबी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ एल जी कप में किया था।
इन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच 28 मार्च 2001 को पुणे में आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेला था जिसमें इन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था।

कैरियर आँकड़े

सुनील जोशी ने कुल 15 टेस्ट मैचों में 20.70 के औसत से 352 रन बनाये थे। जिसमें एक अर्धशतक था।
92 रन ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ़।

वहीं 15 टेस्ट मैचों में 35.85 के औसत और 84.10 के स्ट्राइक रेट से 41 विकेट लिये हैं सुनील जोशी ने।
1 बार पारी में 5 विकेट।
सर्वश्रेष्ठ 5 /142
वही ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ़।

सुनील जोशी ने कुल 69 एकदिवसीय मैचों में 17.17 के बल्लेबाज़ी औसत और 89.43 के स्ट्राइक रेट से 584 रन बनाये हैं।
1 अर्धशतक
सर्वश्रेष्ठ 61 नाबाद।

वहीं 69 एकदिवसीय मैचों में 36.36 के गेंदबाजी औसत और 4.44 की इकोनॉमी से 69 विकेट लिये हैं।
1 बार पारी में 5 विकेट
सर्वश्रेष्ठ 5/6

सुनील जोशी ने 160 प्रथम श्रेणी मैचों में 26 के औसत से 5129 रन बनाये हैं,26 पचासे मारे हैं।
और 25 के गेंदबाजी औसत से 615 विकेट लिये हैं।31 बार पारी में 5 विकेट।

163 लिस्ट ए मैचों में 1729 रन और 192 विकेट हैं सुनील जोशी के।

सुनील जोशी 2008 और 2009 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिये आईपीएल भी खेले हैं।

सन्यास के बाद

सुनील जोशी ने ओमान क्रिकेट टीम , बांग्लादेश क्रिकेट टीम और यूएसए क्रिकेट टीम को स्पिन कोच के तौर पर सेवायें दी हैं।
हैदराबाद और जम्मू कश्मीर रणजी टीम के कोच रहे हैं।।
अभी आईपीएल 2023 में पंजाब किंग्स के साथ जुड़े हैं।
और सबसे महत्वपूर्ण
सुनील जोशी 2020 में टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता भी रह चुके हैं।

कुल मिलाकर मेरा आंकलन ये है कि सुनील जोशी कभी भी अपनी क्षमता के साथ न्याय नहीं कर पाये। तत्कालीन क्रिकेट प्रेमियों को इनसे बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन इनका प्रदर्शन एक आध मौकों को छोड़ कर कभी भी औसत से ऊपर नहीं आ पाया।

आपका -विपुल
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