
जीत गये भाई जीत गये
(आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025)
आपका -विपुल
9 मार्च 2025 की तारीख थी, रविवार का दिन और दुबई का क्रिकेट स्टेडियम!
भारत की क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीत लिया।
एकदिवसीय क्रिकेट में विश्वकप के बाद सबसे महत्वपूर्ण ट्रॉफी चैंपियंस ट्रॉफी ही मानी जाती है।
पिछली बार चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में इंग्लैंड में हुई थी जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम फाइनल में बुरी तरह हारी थी।
तब भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले थे।

उस 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हारी भारतीय टीम के मात्र चार खिलाड़ी इस 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भारतीय टीम में थे।
सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा जो इस 2025 विजेता टीम के कप्तान थे।
विराट कोहली जो रोहित शर्मा के ठीक पहले सभी प्रारूपों के कप्तान थे।
तेज गेंदबाजी करने वाले हरफनमौला हार्दिक पांड्या जिन्होंने 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में जुझारू पारी खेली थी।
स्पिन हरफनमौला रवींद्र जडेजा।
विराट, रोहित और जडेजा इसके पहले 2013 की आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता भारतीय टीम का सदस्य रह चुके थे, पर पांड्या का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण ही 2016 में हुआ था।

एकदिवसीय क्रिकेट इस समय का शायद सबसे कम लोकप्रिय प्रारूप है।भारत में आईपीएल शुरू होने के बाद वैसे भी टी 20 प्रारूप बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो चुका है। टेस्ट मैचों का आकर्षण पहले की अपेक्षा अब भारत में कुछ ज्यादा बढ़ गया है।क्योंकि एक तो विदेशी धरती पर भारतीय टीम नियमित रूप से अच्छा करने लगी है और दूसरे खेल का ये शास्त्रीय प्रारूप गंभीर क्रिकेट प्रेमियों को अब ड्रॉ के दर्शन कम ही करवाता है।
2023 में भारत में एकदिवसीय विश्वकप के आयोजन के समय एकदिवसीय क्रिकेट की लोकप्रियता फिर बढ़ी थी,लेकिन 2023 एकदिवसीय विश्वकप फाइनल में भारत की हार के बाद भारत ने शायद आधा दर्जन एकदिवसीय मैच भी न खेले, तो कहां से लोकप्रिय होगा एकदिवसीय प्रारूप।
और यहां मैं बार भारत की बात इसलिये कर रहा हूं कि क्रिकेट देखने वाले देशों में भारत की आबादी सबसे ज्यादा है और भारत में क्रिकेट सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है।
आईसीसी का आधे से ज्यादा राजस्व केवल भारत से आता है। शायद 75 प्रतिशत तक।

तो आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब भारतीय टीम द्वारा जीतना एकदिवसीय प्रारूप में शायद नई जान फूंक सकता है। भारत ने इस बार की जो चैंपियंस ट्रॉफी जीती, उसमें एकदिवसीय प्रारूप के वर्तमान के सबसे बड़े दो खिलाड़ी खेल रहे थे। रोहित शर्मा जो कप्तान थे और 11 हजार एकदिवसीय रन बना चुके हैं।
विराट कोहली जो एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास में रनों के मामले में 14 हजार से अधिक रन बना कर मात्र सचिन और संगकारा से पीछे हैं।
कोहली सबसे ज्यादा एकदिवसीय रन बनाने वालों में तीसरे और रोहित दसवें स्थान पर हैं।मतलब इस चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम में वजन तो था। सेमीफाइनल में कोहली और फाइनल में रोहित ने अपना दम दिखाया भी।कोहली सेमीफाइनल और रोहित फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे।
पर इन दोनों के अलावा अगर बात की जाये तो इस टीम में आपको बहुत धुंआधार खिलाड़ी नहीं मिलेंगे।

हार्दिक पांड्या निश्चित तौर पर सीमित ओवर क्रिकेट में एक बड़ा नाम है, पर उनका अक्सर चोटिल रहता शरीर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के मन में दहशत बनाये रखता है कि पता नहीं कब पांड्या मैदान छोड़ जाये।
शमी अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन उनकी दहशत बुमराह जैसी नहीं है।
रवींद्र जडेजा कब ऑफ कलर हो जायें, ये पता ही न रहता।
श्रेयस अय्यर बहुत तगड़ा बल्लेबाज है, पर बीसीसीआई ने उसे अपने केंद्रीय अनुबंध से बाहर ही रखा है और अगर अभी हाल में चैंपियंस ट्रॉफी के ठीक पहले इंग्लैंड के खिलाफ हुये पहले एकदिवसीय में कोहली फिट होते तो शायद अय्यर चैंपियंस ट्रॉफी खेलता भी न।
अक्षर पटेल अच्छे स्पिन हरफनमौला हैं पर एकदिवसीय में उनकी बल्लेबाजी पहले खास नहीं थी।
शुभमन गिल महत्वपूर्ण मैचों में हमेशा फ्लॉप रहते हैं, ये सबको पता है।
के एल राहुल टीम में ही क्यों हैं? ये सवाल 19 नवंबर 2023 के बाद उठते ही रहे।

कुलदीप यादव का प्रदर्शन 2023 विश्वकप और उसके बाद औसत ही रहा। यशस्वी जायसवाल की जगह अंत समय टीम में शामिल हुये वरुण चक्रवर्ती ने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया था पर सच्चाई यही है कि चैंपियंस ट्रॉफी के पहले चक्रवर्ती मात्र एक ही एकदिवसीय खेले थे।
गंभीर के चहते हर्षित राणा ने चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मात्र 3 एकदिवसीय मैच खेले थे।
अर्शदीप ने मात्र 9 एकदिवसीय खेले थे।
वॉशिंगटन सुंदर और ऋषभ पंत काफी एकदिवसीय मैच खेल चुके हैं पर इन दोनों को कभी भी एकदिवसीय मैचों का बहुत बड़ा खिलाड़ी नहीं माना गया।
वैसे भी सुंदर ने मात्र 23 एकदिवसीय मैच खेले हैं।
वहीं ऋषभ पंत ने मात्र 31 ।
वैसे टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत के लिये सबसे ज्यादा विकेट ले चुके अर्शदीप और टेस्ट क्रिकेट में भारत के निर्विवादित सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक ऋषभ पंत को भारत के विजय अभियान के दौरान एक भी मैच खेलने को नहीं मिला। स्पिन आल राउंडर वॉशिंगटन सुंदर भी एको मैच न खेले।नई भारतीय पेस सनसनी हर्षित राणा जरूर शुरू के दो मैच बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाफ जरूर खेले, उनका प्रदर्शन भी ठीक ठाक रहा, पर टूर्नामेंट के आगे बढ़ने पर धीमी होती दुबई की पिच जब भारतीय थिंक टैंक ने चार स्पिन गेंदबाजों को खिलाना शुरू किया तो 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंक सकने वाले हर्षित राणा की जगह टीम में न बनी।
भारत की बेंच स्ट्रेंथ हालांकि बहुत अनुभवी खिलाड़ियों की न थी, पर मजबूत तो थी।

अभी हाल में ही न्यूजीलैंड से घर में टेस्ट श्रृंखला के सभी तीनों मैच हारने और ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 1-3 से हारने वाली भारतीय टीम इधर टेस्ट प्रारूप में भले रोहित और विराट की मौजूदगी में कमजोर दिखे पर एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय टीम इस समय सबसे ज्यादा मजबूत दिखती है और रोहित और विराट की वजह से ही मौजूद दिखती है।
एक मज़ेदार तथ्य ये भी है कि पिछले तीन सीमित ओवर आईसीसी टूर्नामेंट में दो खिताब जीता है और तीन आईसीसी टूर्नामेंट में मात्र एक मैच हारा है जो एकदिवसीय विश्वकप 2023 का फाइनल था।
इतना अच्छा रिकॉर्ड वर्तमान में किसी और क्रिकेट टीम का नहीं है।
लेकिन इस मजबूत भारतीय सीमित ओवर क्रिकेट टीम में इस बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में गेम चेंजर खिलाड़ी रोहित और कोहली से ज्यादा अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या, के एल राहुल, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी रहे। श्रेयस अय्यर शायद इस भारतीय सीमित ओवर क्रिकेट टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी दिखे और के एल राहुल ने फिनिशर की भूमिका अच्छे से निभाई।

कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति भी अच्छी थी। हालांकि यशस्वी जायसवाल जैसे विशुद्ध बल्लेबाज को हटाकर वरुण चक्रवर्ती जैसे अनुभवहीन स्पिनर को लेना तब आश्चर्यजनक लगा था क्योंकि कुलदीप यादव रवींद्र जडेजा अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर के रूप में चार स्पिनर पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी टीम में चयनित थे, पर वरुण चक्रवर्ती ने चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला मौका मिलते ही 5 विकेट लेकर अपनी काबिलियत साबित कर दी थी। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो महत्वपूर्ण विकेट और फाइनल में न्यूजीलैंड की अच्छी ओपनिंग साझेदारी के बाद पहला विकेट चटका कर चक्रवर्ती ने भारत की मैच में वापसी करवाई थी और फिर कुलदीप ने 8 गेंदों में दो विकेट लेकर मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया था।

वरुण चक्रवर्ती ने बाद में खतरनाक होते जा रहे ग्लेन फिलिप्स को भी बोल्ड मार के न्यूज़ीलैंड की बड़ी स्कोर बनाने की संभावना पर पानी फेरा था।
वरुण चक्रवर्ती के अलावा श्रेयस अय्यर ने भी लगभग हर मैच में नंबर 4 उतर के उपयोगी पारियां खेली।निश्चित तौर पर अय्यर इस समय का सबसे अच्छा भारतीय एकदिवसीय बल्लेबाज है।

अक्षर पटेल ने बल्लेबाजी में नंबर 5 पर उतर के अच्छी साझेदारियां की।अच्छी फील्डिंग की और उपयोगी गेंदबाजी की।

के एल राहुल सेमीफाइनल और फाइनल में भारतीय टीम को जीत दिलाने तक नाबाद रहे ।के एल राहुल ने भले ही कोई अर्धशतक भी न मारा हो, पर इस विजय अभियान में के एल राहुल भारतीय टीम के सबसे महत्वपूर्ण चेहरों में से एक रहे।

हार्दिक पांड्या की जितनी तारीफ की जाये, उतनी कम है।
हार्दिक पांड्या एक बल्लेबाज के तौर पर सीमित ओवर क्रिकेट में बहुत ही ज्यादा अच्छा है, वहीं 140 की रफ्तार से तेज गेंदबाजी कर सकने वाले पांड्या ज़रूरत पड़ने पर भारत के लिये विकेट चटकाते भी दिखे।

गिल बंगलादेश के खिलाफ मैन ऑफ द मैच था।
कोहली पाकिस्तान के खिलाफ।
वरुण चक्रवर्ती न्यूजीलैंड के खिलाफ।
सेमीफाइनल में कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैन ऑफ द मैच रहे और फाइनल में धीमी पिच पर अच्छी और तेज शुरुआत देने वाले रोहित शर्मा मैन ऑफ द मैच रहे।

तेज गेंदबाजों मोहम्मद शमी और हर्षित राणा के लिये इस टूर्नामेंट के पिचों में कुछ खास था नहीं, पर फिर भी उनका प्रदर्शन संतोषजनक ही कहा जायेगा।

रवींद्र जडेजा चुपचाप रह के गेंदबाजी और फील्डिंग में अपना काम कर गये। कुलदीप यादव का एक औसत गेंदबाजी अभियान धमाकेदार स्पेल पर खत्म हुआ।
कुल मिलाकर भारतीय एकदिवसीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपना योगदान दिया और भारत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीता।

अगले चार सालों में बहुत ज्यादा एकदिवसीय नहीं होने।
2027 के एकदिवसीय विश्वकप में अभी दो साल से ज्यादा है।
तब तक हम इस जीत का जश्न मना सकते हैं।

और हां, ये तो रह ही गया। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मेजबान पाकिस्तान था। पर बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम को केवल इस शर्त पर चैंपियन्स ट्रॉफी में भाग लेने दिया कि भारतीय क्रिकेट टीम अपने सारे मैच पाकिस्तान से बाहर खेलेगी।भारत के लिये दुबई का स्टेडियम चयनित हुआ।भारत से इस टूर्नामेंट में भिड़ने वाली सभी टीमों को दुबई में ही खेलना था। भारत फाइनल में पहुंचा तो फाइनल भी पाकिस्तान के बाहर दुबई में हुआ।
टूर्नामेंट खत्म होने के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई प्रतिनिधि नहीं था।
आपका -विपुल
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