लेखक -विपुल
11 /07/2022
तो औपचारिक ऐलान हो गया कल कि विराट कोहली के ग्रोइन इंजरी है।इंग्लैंड के खिलाफ पहला वनडे नहीं खेलेंगे ,शायद पूरी सीरीज न खेलें।ग्रोइन इंजरी वैसे भी 3 4 महीने ले जाती है।वेस्टइंडीज टी 20 सीरीज के लिए पहले ही कोहली को रेस्ट दिया जा चुका है।कुछ चीज़े साफ दिख रही हैं।
वेंकटेश प्रसाद ने कल कोहली पर परोक्ष रूप से तंज कसा था कि मेरे समय खराब फॉर्म पर खिलाड़ी ड्राप किया जाता था, रेस्ट नहीं दिया जाता था।कपिल देव अश्विन का हवाला देकर कोहली पर हल्ला बोल चुके हैं।दीपक हूडा के नंबर 3 पर शानदार प्रदर्शन ने कोहली पर टी 20 में दबाव बढ़ा दिया है।
तभी वो सुनील गावस्कर ,कोहली के बचाव में खड़े दिखते हैं जिनके चरित्र हनन के लिए विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की पीआर फर्म ने टाइम्स नाउ की नविका कुमार जैसी पत्रकार तक लगा दी थीं।ये सब अनायास नहीं ।
हां ,वीरेन्द्र सहवाग का छमिया डांस कमेंट भी याद करिये।
वीरू भारतीय क्रिकेट के सबसे कुटिल और तेज़ लोगों में हैं ,जिन्हें पता होता है कि कब क्या कहाँ ,कितना ,कब और कैसे बोलना होता है।ये भावावेश में की गई टिप्पणी नहीं थी।दूसरे वीरू की एक तगड़ी फैन फॉलोइंग और बड़ी पीआर फर्म है जो कोहली के बराबर नहीं तो ज़्यादा कम भी नहीं है।
और गावस्कर बहुत बड़ी हस्ती हैं ।प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप उन्हीं की कम्पनी है ,जिसने शिखर धवन सहित कई भारतीय पुराने और ज़्यादातर नए क्रिकेटर्स से अनुबंध कर रखा है।कपिल भी इस कम्पनी से जुड़े रहे हैं ।धोनी की भी एक ऐसी ही कम्पनी है।गावस्कर ,गांगुली के पुराने हितैषी रहे हैं।
सौरव का असली मतलब सौ रन।
इस शीर्षक का एक आर्टिकल तो मुझे अब तक याद है।गावस्कर का लिखा।डालमिया और गावस्कर के अच्छे सम्बन्ध थे।इसी वजह से गावस्कर और गांगुली के भी हैं।कपिल अप्रत्यक्ष रूप से गावस्कर से जुड़े हैं कई बिजनेस प्रोजेक्ट में ।मतलब ये सब एक लॉबी है।पुराने बड़े खिलाड़ी।
अब इसमें सहवाग और प्रसाद जैसे सोशल मीडिया में छाए रहने वाले मुखर खिलाड़ी जोड़िए जो दादा के संगी रहे हैं।द्रविड़ और लक्ष्मण भी।हालांकि द्रविड़ और गांगुली की ज़्यादा नहीं बनती ,पर कुंबले दोनों के सीनियर रहे हैं और शायद सचिन के बाद इस लॉबी में कुंबले और श्रीनाथ का सम्मान सबसे ज़्यादा रहा है ।
सचिन श्रीनाथ और कुंबले इन सब कुटिल खेलों में ज़्यादा नहीं दिखेंगे।पर उनकी तरफ से बहुत दिखेंगे दरअसल धोनी या कोहली की क्रिकेट मैदान में बनी टीम की अपेक्षा गांगुली और सचिन की टीम मैदान से बाहर भी एकजुट ही है।
ये एक दूसरे का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग भी करते हैं, कई मनमुटावों के बावजूद।कोहली की कमी ये रही कि सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहने के बावजूद ये ऐसी टीम नहीं बना पाए ,ऐसे खिलाड़ियों की जो कोहली के प्रति वफादार हों।
मुझे लगता है धोनी और अनुष्का शर्मा इसके बड़े कारण रहे हैं।खिलाड़ी के तौर पर कोहली विश्व स्तरीय है, लेकिन मैन मैनेजमेंट उसके पास नहीं है।इसीलिए कोहली को रवि शास्त्री चाहिए थे ,जो कोचिंग से ज़्यादा मैन मैनेजमेंट करते थे।
इधर धोनी की वो कम्पनी जिसे अरुण पांडे ने चालू किया था के अनुबंधित कुछ नए खिलाड़ी भी टीम में जगह बनाने को आतुर हैं।रहाणे और ईशांत शर्मा की जगह टेस्ट में खाली हो चुकी है।पुजारा का कोई कुछ बिगाड़ नहीं पायेगा।
इसलिए कोहली के टेस्ट स्पॉट पर सबकी नजर है ।एकदिवसीय और टी 20 पर भी इसीलिए घात लग रही ,जबकि सीमित ओवर में कोहली का प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है।
इस समय भारतीय क्रिकेट को चंद बड़ी मैनेजमेंट कम्पनियां, सट्टेबाजी कम्पनियां और दुबई संचालित कर रहा है।
दुबई ?चौंके आप ?
भारत सरकार की भी यही मंशा है।चौंकिए मत।
गांगुली से कोहली तक और कपिल से गावस्कर तक सब इन तीन चीज़ों से जुड़े हैं।नहीं जुड़ेंगे तो प्रवीण कुमार बन के खेती करनी पड़ जाएगी।असली खेल यही है।अब गांगुली और कोहली की बात कर लें ?
गांगुली विराट कोहली की प्रेस कॉन्फ्रेंस वाला अपना अपमान नहीं भूले।विराट की पीआर फर्म द्वारा सोशल मीडिया पर हेट कैम्पेन चलाना अब विराट को भारी पड़ रहा है।
विराट ये भूल गए कि ये मनोरंजन जगत नहीं ,खेल की दुनिया है ,जहाँ किसी भी और चीज़ के पहले आपका प्रदर्शन मायने रखता है।सिनेमा की तरह नहीं कि खराब एक्टिंग के बावजूद भी मैन मैनेजमेंट के द्वारा ,समझौतों के द्वारा बड़े प्रोजेक्ट मिलते रहें,आप लगातार हिट रहें।
क्रिकेट के मैदान ने सचिन ,कपिल ,बेवान ,स्टीव वॉग, पोंटिंग जैसे बड़े बड़ों को नहीं बख्शा जब इन्होंने प्रदर्शन नहीं किया।कोहली तो ज़्यादातर लोगों के अनुसार अभी ऊपर लिखे लोगों की श्रेणी में ही नहीं आ पाए।
अभी कोहली पर आक्रमण बहुत होंगे।चारों तरफ से होंगे और कोहली अगर अपना हाल मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसा नहीं करवाना चाहते तो चुपचाप रेस्ट लें और डोमेस्टिक और कॉउंटी खेलें ।नहीं तो बेन स्टोक्स की तरह कुछ दिनों का सन्यास ले लें तो कोहली के लिये उचित रहेगा।
कोहली अगर बेन स्टोक्स की तरह कुछ दिन क्रिकेट से दूर रहेंगे तो उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिये भी अच्छा है और शायद वापस आकर फिर कुछ दिन अच्छा खेल पाएंगे।
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आपका -विपुल
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